चंडीगढ़, 10 अप्रैल – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों से होने वाले औद्योगिक अपशिष्ट की प्रकृति का निरीक्षण करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि उनके निस्सरण की प्रकृति के अनुसार उनके अपशिष्ट का उपचार किया जा सके। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एचएसआईआईडीसी, यूएलबी और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।

श्री संजीव कौशल आज चंडीगढ़ में यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रहे प्रदूषण के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को औद्योगिक अपशिष्ट के अनुसार मौजूदा एसटीपी, ईटीपी और सीईटीपी का उन्नयन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने यह निर्देश दिये कि नदी आधारित प्रदूषण से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जाए। किसी भी सेटअप को संचालित करने की अनुमति देने से पहले, परियोजना रिपोर्ट में इसके प्रवाह निर्वहन की प्रकृति का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए ताकि उपयुक्त उपचार संयंत्र स्थापित किया जा सके।

बैठक के दौरान यमुना कैचमेंट के गांवों में एसटीपी की स्थिति की समीक्षा करते हुए, यह अवगत कराया गया कि 276 गांवों में ग्रामीण क्षेत्रों से उत्पन्न 75 एमएलडी सीवेज के उपचार/डायवर्जन के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है।  जिसमें से 118 गांवों में काम पूरा हो चुका है और 130 गांवों में काम चल रहा है।

  मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि 4 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नामतः पीर बोधी, रोहतक में 15 एमएलडी, जोधपुर रोड, पलवल में 15 एमएलडी, फिरोजपुर रोड, पलवल में 2.5 एमएलडी और रोहतक में 10 एमएलडी क्षमता वालों का कार्य लगभग पूरा हो गया है और वे जल्द ही चालू हो जाएंगे।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यमुना जलग्रहण क्षेत्र में प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के लिए मुंगेशपुर नाला एवं नाला नम्बर 8 बहादुरगढ़, यमुनानगर की धनौरा एस्केप, करनाल ड्रेन नंबर 2, , रोहतक ड्रेन नंबर 8, गुरुग्राम ड्रेन लेग -1 और 2,  बादशाहपुर सीही लेग 3 ड्रेन, फरीदाबाद बुधिया नाला,  फरीदाबाद गौंची ड्रेन और केसीबी ड्रेन झज्जर के कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि समय से पहले इन्हें चालू किया जा सके ।

  बैठक के दौरान मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में 340 एमएलडी क्षमता के 4 एसटीपी विचाराधीन हैं, जिनका कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही सोनीपत में 20.2 एमएलडी क्षमता के 3 सीईटीपी का उन्नयन किया जा रहा है और 1 बहादुरगढ़ में निर्माणाधीन है। उन्हें बताया गया कि 126.5 एमएलडी की क्षमता वाले फरीदाबाद में सात एसटीपी के साथ ही गुरुग्राम और सोनीपत जिलों में एक-एक एसटीपी प्रस्तावित हैं। मुख्य सचिव ने 5 एसटीपी नामतः झज्जर,  पलवल और फरीदाबाद में एक-एक व रोहतक में 2 के उन्नयन के संबंध में जानकारी ली।

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, गुरुग्राम और फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, उद्योग और वाणिज्य विभाग, श्री आनंद मोहन शरण, प्रबंध निदेशक, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम, श्री विकास गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा, पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग, श्री  विनीत गर्ग, महानिदेशक, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, और सचिव, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, श्री टी.एल. सत्यप्रकाश मौजूद रहे।

error: Content is protected !!