रणधीर कापड़ीवास,नरवीर, जगदीश यादव,जसवंत सिंह,रघु यादव को राजनीति में बने रहने के लिए स्वयं या अपने वारिसो को लड़वाना होगा चुनाव,नहीं तो उनका होगा राजनैतिक पतन

रेवाड़ी,08 अप्रैल (पवन कुमार ) I प्रदेश भाजपा आजकल साइलेंट मोड़ पर है और अगले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए चिंतित है इस समय उनका थिंक टैंक पार्टी को मजबूत करने के लिए अपनी गलती को स्वीकार कर,उनको पार्टी से वापिस जोड़ने के लिए नई योजनाओं पर अमल कर रही है I भाजपा ने पहले दोनों विधानसभा चुनाव मोदी,राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर अस्वाशन जीते थे, जो 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कहीं नज़र नहीं आयेगे I

वर्तमान समय में मोदी का अडानी और अम्बानी प्रेम देश प्रेम से कहीं ज्यादा उजागर हो रहा है I मोदी का जनता को दर किनारे कर अडानी प्रेम उनके राष्ट्रवाद पर प्रश्न चिन्ह लगाता है,फर्जी डिग्री विवाद उनकी योग्यता पर पहले ही प्रश्न उठा रहा है और मनीष ससोदिया को अपने तानाशाही रवैये से ई डी का सहारा लेकर जेल भेजना,राहुल गांधी की संसद से सदस्य्ता रद्द करना पहले ही मोदी के लिए सरदर्द के साथ गले कि फांस बनी हुईं है,ऐसी परस्थिति में मोदी अपना बचाव करेंगे या फिर प्रदेश में चुनाव जीताने आएंगे I

केंद्र सरकार पर तो खतरे के बादल मंडरा ही रहे है और प्रदेश में भी भाजपा कि स्थिति पहले जैसी नहीं रही I प्रदेश भाजपा पूर्णरूप से केंद्र सरकार की कठपुतली है I अगर केंद्र सरकार बैक फुट पर आ गई तो प्रदेश भाजपा के लिए ना केवल परेशानी खड़ी हो सकती है बल्कि सरकार बनाने से वंचित भी रह सकती है I प्रदेश भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट बटवारे को लेकर अपने ठोस उम्मीदवारों के साथ सही नहीं किया,पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने कट्टर उम्मीदवारों को ही ठिकाने लगाया है जो भाजपा कि टिकट पर चुनाव जीत सकते थे लेकिन या तो वह चुनाव नहीं लड़ पाये या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और हार गये I

मैं ज्यादा आगे कि बात नहीं करूँगा I मैं केवल बात करूंगा अपने अहीरवाल की I रणधीर कापड़ीवास रेवाड़ी से भाजपा टिकट पर सीट बिना किसी विवाद के आसानी से निकाल कर ले जाते,लेकिन भाजपा ने राव इंद्रजीत के आगे घुटने टेक दिए और रणधीर कापड़ीवास को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया I अहीरवाल के दूसरे नेता राव नरवीर भी आसानी से अपनी सीट निकाल सकते थे I यह दोनो सीटें भाजपा ने अपने हाथों से खो दी,यह कहना गलत नहीं होगा कि इंद्रजीत सिंह की ज़िद्द ने भाजपा को पूर्ण बहूमत से दुर करके जेजेपी की बेसाखियो का सहारा लेना पड़ा I

ऐसे अनेक टिकट वितरण के गलत फैसलाे को इस बार भाजपा दोहराना नहीं चाह रही, तभी दिल्ली दरबार में उन सभी नाराज़ नेताओ से हरियाणा के प्रभारी विलम्ब देव ने लम्बी चर्चा की I राव इंद्रजीत के कहने पर भाजपा ने रणधीर कापड़ीवास और नरवीर को टिकट ना देने के दोनों फैसले राव इंद्रजीत के कहने पर किये,जो अब भाजपा के लिए गले की फांस बने हुए है I राव इंद्रजीत को भाजपा में रखना भाजपा कि मजबूरी थी पर इतनी भी क्या मजबूरी थी की वह राव इंद्रजीत की हर बात माने I इंद्रजीत तो नहीं चाहेगे कि कोई उनके बराबर का नेता बने,पर भाजपा को तो पार्टी आधार पर यह सोचना चाहिए था I रणधीर कापड़ीवास और राव नरवीर जैसे कई और भी नेता हरियाणा में होंगे जो या तो चुनाव नहीं लड़ पाये होंगे या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर हार गये होंगे I

आज भाजपा उन्ही नेताओं की गृह वापसी कराना चाहती है I भाजपा उन्हें पुचकारने का काम कर रही है अब यह उनको सोचना है कि भाजपा से जिन्होंने अपने गाल पर थप्पड़ खाये थे कि वह अब भाजपा की बात माननेगे या नहीं I ऐसे ही कुछ नाराज नेताओं को दिल्ली बुलाया भी गया है,जिन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है I बावल में चौधरी जसवंत सिंह भी भाजपा से टिकट कि आस में भाजपा में आये है, पर ऐसा लगता नहीं कि भाजपा बनवारीलाल को दर किनारे करेगी I पूर्व जाटूसाना विधायक जगदीश यादव भी भाजपा से अब भी टिकट की आस में है,जब की भाजपा की टिकट कि दावेदारी में लक्ष्मण और आरती राव उनसे कहीं ज्यादा आगे है I

रणधीर कापड़ीवास का खुद चुनाव लड़ना या अपने भतीजे मुकेश कापड़ीवास को चुनाव लड़वाना उनकी मजबूरी बन गयी है,ऐसी ही मज़बूरी रघु यादव को अपने पुत्र सर्जन यादव को चुनाव में उतारने की है अन्यथा उनकी राजनीति पर भी पूर्णग्राम लग जायेगा I राव नरवीर की ख़ामोशी भाजपा को यह कह रही ही है कि ऐसा क्या गुनाह किया कि, लूट गये….., कि लूट गये……, हम तेरी मोहब्बत में…….. I

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