– सरकार क्षेत्र के लोगों की मूलभूत सुविधा की तरफ आंखें मूंदें बैठी: कोहली – हिसार 07 अप्रैल: रोड बचाओ संघर्ष समिति व ग्रामीणों के धरने को शुक्रवार को 60 दिन हो गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार का जन समस्याओं के प्रति कोई सरोकार नहीं है। समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने कहा कि दो माह का समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार क्षेत्र के लोगों की इस मूलभूत सुविधा की तरफ आंखें मूंदे बैठी है, जिससे जनता को सरकार से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रतिनिधि, विपक्षी नेता तथा अन्य सामाजिक संगठन समय-समय पर धरने को समर्थन देते रहे हैं, लेकिन सरकार का रवैया इस समस्या के प्रति सदैव नकारात्मक रहा है। ओपी कोहली ने बताया कि संघर्ष समिति के धरने को समर्थन देने के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता व दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा अपने दल-बल सहित रविवार को धरना स्थल पर पहुंचेंगे तथा सरकार के लिए एडवोकट ओमप्रकाश कोहली ने कहा कि यह रास्ता केवल तलवण्डी राणा के लिए नहीं है बल्कि समस्त उत्तर भारत को चंडीगढ़ से जोडऩे वाला रास्ता है। इस रास्त के अवरुद्ध होने से आमजन परेशान हैं। छात्र-छात्राओं से लेकर सांसद, विधायक व मंत्रियों तक को इस रास्ते के बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के सीजन के बावजूद भी धरने पर लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है, जो दर्शाता है कि लोग कितने परेशानी में है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीणों की मुश्किलों को अनदेखा कर रही है जो कि गलत है। स्थायी रोड के फाइलों को जैसे जंग लग गया है और उन्हें सरकार, प्रशासन ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जितनी तेज गति से एयरपोर्ट की फाइलें चल रही हैं उतनी ही तेज गति से हमारे स्थायी रोड की फाइल चलनी चाहिए फिर यह रोड रातों रात भी बन सकता है। धरने पर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, खाप, सरपंच के अलावा सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिला, पुरुष, बुजुर्ग युवा व बच्चे मौजूद रहे। तलवण्डी से पूर्व सरपंच चन्द्रो देवी, पूर्व सरपंच प्रेम कुमारी, कैलाश शर्मा, मनीराम जांगड़ा, भगवान दास गुरी, गोगी कोहली, रामसिंह, सुरेश सोनी, किसान नेता बलवान सुण्डा, ईश्वर ग्रेवाल, रामस्वरूप बाल्मीकि, लीलाराम खटाणा, दिलबाग चोपड़ा, प्रेम भाटिया, मांगेराम चोपड़ा व उमेद चोपड़ा, सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे। धरने को समर्थन देने वालों में दलबीर सरपंच जुगलान, देवेन्द्र सरपंच बीड़ बबरान, दयाल सिंह सरपंच तलवडी राणा, राधेश्याम नम्बरदार, उमेद सिंह नम्बरदार, सरपंच बहबहलपुर, सरपंच बाडो पट्टी, सरपंच खेड़ी बरकी, सरपंच धिकताना, शेरू सरपंच खेदड़, कुलदीप सरपंच बालक, प्रदीप भ्याण सरपंच बिछपड़ी, सरपंच जेवरा, सरपंच किराड़ा किरोड़ी सहित अनेक गणमान्य नागरिक शामिल रहे। Post navigation बेलगाम शिक्षा व्यवस्था : किताबों में कमीशन का खेल, अभिभावक रहे झेल लोकतंत्र की जगह किस ओर भाजपा ?