स्वास्थ्य मंत्री ने ड्रग लाईसेंस हितधारकांे की संस्थाओं के निरीक्षण हेतू रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत की, साफटवेयर को लांच करने वाला हरियाणा पहला राज्य हरियाणा में लोगांे को पारदर्शी एवं त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध – अनिल विज चण्डीगढ़, 5 अप्रैल – हरियाणा में लोगांे को पारदर्शी एवं त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने प्रतिबद्धता के तहत हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने आज एक पोर्टल व एक साफटवेयर की लांचिग की। श्री विज ने आज यहां निजी अस्पतालों के सूचीबद्ध (एमपैनलमंेट) हेतू ऑनलाइन पोर्टल को लांच किया और अब निजी अस्पतालों को निर्धारित समय पर जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया आॅनलाईन होगी और उन्हें आॅनलाईन एमपैनलमेंट प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इसी प्रकार, श्री विज ने खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के द्वारा जारी किए गए ड्रग लाईसेंस हितधारकांे की संस्थाओं के निरीक्षण को करने हेतू रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत भी की। इस साफटवेयर को लांच करने वाला हरियाणा देशभर में पहला राज्य है। राज्य सरकार अपने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को विशेष रूप से तृतीयक और सुपर-स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध- विज इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को विशेष रूप से तृतीयक और सुपर-स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा निजी अस्पतालों के पैनल के माध्यम से इसकी सुविधा प्रदान की जा रही हैै। उच्चतम गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2017 से केवल जेसीआई/एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों को पैनल में लिया गया है और पैनल में शामिल होने के लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है। एमपैनलमेंट देरी से होने को देखते हुए आॅनलाईन की गई प्रक्रिया- विज उन्होंने बताया कि वर्तमान में, पैनल में शामिल होने के लिए आवेदन हार्ड कॉपी में, डीजीएचएस कार्यालय में दस्ती या डाक द्वारा जमा किए जाते हैं। आवेदनों को फाइल पर लिया जाता है और स्वास्थ्य मंत्री से लेकर क्लर्क तक अंतिम अनुमोदन तक विभिन्न स्तरों पर संसाधित किया जाता है। इस संबंध में उन्हांेने बताया कि विभिन्न कारणों से फाइलों के प्रसंस्करण में देरी की सूचना मिली थी, जैसे कि आवेदक अस्पतालों द्वारा अपूर्ण आवेदन/अवैध दस्तावेजों को जमा करना, डाक देरी, आवेदन को पूरा करने के लिए अनुचित संचार, ऐसे संचार के दौरान दस्तावेजों की हानि आदि। इससे आवेदकों को अस्पतालों में उनके आवेदनों की स्थिति के लिए ट्रैकिंग प्रणाली की अनुपलब्धता के कारण डीजीएचएस कार्यालय या उच्च कार्यालयों में अनुचित दौरे करने पडते थे। निजी अस्पतालों को एमपैनलमेंट करने के लिए सभी दस्तावेजों को आॅनलाईन कराना होगा जमा, लॉगिन आईडी को 4 स्तरों पर बनाया गया श्री विज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा सरकार के पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पतालों के आवेदनों पर कार्रवाई करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जिसकी आज उनके द्वारा लांचिग की गई। इस पोर्टल पर निजी अस्पतालों को आवश्यक वैध दस्तावेजों के पूरे सेट के साथ जमा किए जाएंगे और लॉगिन आईडी को 4 स्तरों पर बनाया गया है जिसमें पीएम शाखा (एएसएमओ/डीडी), डीजीएचएस, एसीएस (स्वास्थ्य) और स्वास्थ्य मंत्री प्रसंस्करण के लिए और बाद में, आवेदनों को स्वीकृत/अस्वीकार करने के लिए है। ऑनलाइन इम्पैनलमेंट पोर्टल आवेदनों के कुशल, त्वरित प्रसंस्करण को सक्षम करने के साथ-साथ रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा भी है, वर्तमान में पैनल में 423 निजी अस्पताल इसी प्रकार, ऑनलाइन इम्पैनलमेंट पोर्टल ऐसे आवेदनों के कुशल और त्वरित प्रसंस्करण को सक्षम करेगा, जिसमें एप्लिकेशन की रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा भी है। आवेदन में कमियां, यदि कोई हों, को आवेदक अस्पतालों द्वारा सुधार के लिए पोर्टल पर हाइलाइट किया जाएगा और इससे किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता भी नहीं होगी। इसमें अधिकारियों के लिए आवेदनों की कार्यक्षमता/लंबितता की निगरानी के लिए डैशबोर्ड भी तैयार किया गया है। प्रत्येक पैनलबद्ध अस्पताल के बारे में पूरी जानकारी के साथ उपयोगकर्ताओं (राज्य सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों) के लिए डैशबोर्ड में पैनल में शामिल होने की अवधि, सेवाओं का दायरा, बिस्तरों का विवरण, डॉक्टरों का विवरण इत्यादि भी दर्शाया गया है। इसके अलावा, यह ऑनलाइन इम्पैनलमेंट पोर्टल हरियाणा सरकार की कुशल, पारदर्शी और तेज सेवा वितरण की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है जिसके तहत निजी अस्पतालों को एमपैनलमेंट का आॅनलाईन प्रमाण-पत्र मिलेगा। वर्तमान में, राज्य सरकार के पैनल में 423 (211 मल्टी-स्पेशियलिटी और 208 सिंगल स्पेशलिटी) निजी अस्पताल हैं। रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत इसी प्रकार, आज उन्होंने खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत भी की। इस साॅफटवेयर को पायलट आधार पर पंचकूला जिला में लागू किया जाएगा तथा इसके उपरांत राज्य के अन्य जिलांे में लागू किया जाएगा। इस मौके पर मंत्री को अवगत कराया गया कि इस साॅफटवेयर की शुरूआत प्रथम चरण में ड्रग विंग के लिए की गई है तथा द्वितीय चरण में फुड विंग को शामिल किया जाएगा। निरीक्षण के लिए अधिकारी के मोबाइल ऐप पर रेंडम लाईसेंसधारी यूनिट के नाम जाएंगे। साफटवेयर के माध्यम से ड्रग कंट्रोल अधिकारी को रेंडम तरीके से ड्रग यूनिट के निरीक्षण हेतु डयूटी दी जाएगी इस साफटवेयर के माध्यम से ड्रग कंट्रोल अधिकारी को रेंडम तरीके से ड्रग यूनिट के निरीक्षण हेतु डयूटी दी जाएगी तथा महीने के अनुसार इन अधिकारियों को निरीक्षण का लक्ष्य भी दिया जाएगा, जोकि आॅनलाईन होगा। ऐसी सभी ड्रग यूनिट का निरीक्षण आॅनलाईन और रियल टाइम होगा। इसमें अधिकारियों को जीयो टेगिंग और लोकेशन भी सांझा करनी होगी तथा तुंरत उसी समय अपनी निरीक्षण रिपोर्ट लाईसेसिंग प्राधिकरण और उच्च अधिकारियों को आॅनलाईन सोंपनी होगी। निरीक्षण के लिए संबंधित अधिकारियों को कंट्रोलिंग अधिकारियों से मंजूरी भी लेनी होगी। राज्य में 32581 खुदरा एवं थोक ड्रग लाईसेंसधारक इस अवसर पर मंत्री को अवगत कराया गया कि वर्तमान में राज्य में 32581 खुदरा एवं थोक ड्रग लाईसेंसधारक हैं। उन्हें बताया गया कि हरियाणा पहला राज्य है जहां इस प्रकार से निरीक्षण हेतू साॅफटवेयर लांच किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में बनाए जा रहे मैडीकल कालेजों व नर्सिंग कालेजों के निर्माण के संबंध में ली जानकारीइस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डाॅ आदित्य दहिया ने राज्य में बनाए जा रहे मैडीकल कालेजों व नर्सिंग कालेजों के निर्माण के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने इन कालेजांे के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। निरोगी योजना को अभियान के रूप में चलाने के निर्देश -विज इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों को निरोगी योजना को आगे बढाने के लिए निर्देश भी दिए और कहा कि हमें निरोगी योजना को एक अभियान के रूप में चलाना है और गांव-गांव में जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जांच करनी है। अधिकारियांे ने मंत्री को अवगत कराया गया कि इस योजना के तहत अब तक 4 लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी हैं। इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. जी. अनुपमा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त श्री अशोक मीणा, राष्ट्रीय हैल्थ मिशन के मिशन निदेशक डाॅ प्रभजोत सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डाॅ आदित्य दहिया, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अतिरिक्त निदेशक श्री गगनदीप सिंह, आयुष विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वंदना दिसोदिया, एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी राज, स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर श्री मनमोहन तनेजा, आईएमए के अधिकारियों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation ई-टेंडरिंग का लोगों ने किया भरपूर समर्थन – मनोहर लाल दिल्ली के कस्तूरबा बालिका विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल