खलिहानों में अंकुरित होने लगीं फसल, गेहूं पड़ा काला,
18 दिन में 4 बार ओलावृष्टि व भारी बारिश

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। बारिश और ओलावृष्टि की दोहरी मार से जूझ रहे किसानों की फसलें अब सड़ने के कगार पर हैं। खलिहानों में एकत्रित की गई सरसों की फसल और पुलियों में एकत्रित गेहूं में बालियां अंकुरित होना शुरू हो गई हैं। गेहूं का दाना काला भी पड़ने लगा है। जिले में पिछले 17 मार्च से 2 अप्रैल तक चार बार ओलावृष्टि और एक बार 40 और दूसरी बार 65 व तीसरी बार 88 एमएम बारिश हो चुकी है।

जिले में इस बार 2,25,275 एकड़ में सरसों और 80,850 एकड़ में गेहूं की बिजाई की गई थी। वहीं 10,550 एकड़ में चना और 1,425 एकड़ में मटर की बिजाई की गई थी। फरवरी के अंतिम सप्ताह में सरसों की फसल की कटाई शुरू हो गई थी। किसानों की ओर से काटी गई फसल को खलिहानों में लगाया गया था।

इसके बाद मार्च 20 तक किसानों की ओर से शत-प्रतिशत सरसों की कटाई पूरी कर ली गई थी। 25 से 29 मार्च तक किसानों ने गेहूं की अगेती फसलों की भी कटाई शुरू कर दी थी, लेकिन 17 मार्च से 2 अप्रैल तक लगातार कभी बारिश तो कभी ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान हुआ है।

नारनौल में रविवार की सुबह एक बार फिर बारिश से हुई। सोमवार दोपहर बाद नारनौल, मंडी अटेली, कनीना, नांगल चौधरी तथा महेंद्रगढ़ क्षेत्र में फिर बारिश हुई। पहले ही नुकसान की मार झेल चुके किसानों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में केवल सीमित स्थानों पर ही छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना बन रही है। जैसे ही मौसम प्रणाली 4 अप्रैल शाम को सम्पूर्ण इलाके से आगे निकल जाएगी वैसे ही एक और पश्चिमी विक्षोभ 3 अप्रैल को सक्रिय होगा जिससे हरियाणा और एनसीआर में 4 अप्रैल को मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

महेंद्रगढ़ के सात गांवों में 24 घंटे बाद भी ओले खेतों में पड़े मिले। कमोबेश यही स्थिति कनीना के कुछ गांव में भी देखने को मिली। शुक्रवार शाम चार बजे सात गांवों में हुई भारी ओलावृष्टि का दर्द 24 घंटे बाद भी किसानों को पीड़ा देता रहा। शनिवार सुबह जब किसान अपने खेतों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे तो खलिहानों में ओले ज्यों के त्यों पड़े मिले।

जिला महेंद्रगढ़ में इस बार बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में 90 प्रतिशत तक नुकसान की आशंका है। विभाग की ओर से रिपोर्ट तैयार कर सरकार एवं प्रशासन को लगातार भेजी जा रही है। पिछले एक पखवाड़े में करीब चार बार ओलावृष्टि व चार बार भारी बारिश हुई है। लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि के कारण खलिहानों में सरसों की फसल अंकुरित होनी शुरू हो गई है। फफूंद लगने के कारण सरसों की गुणवत्ता भी 50 से 80 प्रतिशत तक प्रभावित होगी। अगेती गेहूं की काटी गई पुलिया भी लगातार नमी के कारण बालियों में अंकुरण शुरू हो चुका है। किसानों को मायूस होने की आवश्यकता नहीं है सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।

डॉ. अजय यादव, उपमंडल अधिकारी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, महेंद्रगढ़