राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य किया – अनिल विज

अस्पताल में आने वाले खांसी व जुकाम के मरीजों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य होगा – विज

चण्डीगढ़, 3 अप्रैल- हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक व्यक्तियों की भीड वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा ताकि कोविड संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा, राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।

श्री विज आज यहां स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड संक्रमण को लेकर की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

कोविड मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग करने के निर्देश

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि खांसी, जुकाम के मरीज अस्पताल में आते हैं तो ऐसे मरीजों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की कोविड की टेस्टिंग की गई है और उन्हें कोविड पाया जाता है तो ऐसे मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग भी की जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक जो कोविड का वेरिएंट आया है वह काफी माइल्ड हैं।

पिछले एक सप्ताह में राज्य में 25404 टेस्टिंग की- विज

उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान में 724 सक्रिय मरीज हरियाणा में हैं लेकिन इसमें से कोई अस्पताल में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह में राज्य में 25404 टेस्टिंग की जा चुकी है। इसके अलावा, कोरोना की पहली वैक्सीनेशन डोज 103 प्रतिशत,  दूसरी डोज 86 प्रतिशत लगाई गई जबकि प्रीकॉशन डोज में कमी हैं लेकिन राज्य के सभी सिविल सर्जन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए प्रेरित करें ताकि लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाई जा सकें।

कोविड के प्रोटोकॉल को स्वयं की प्रेरणा से लोगों को मानना चाहिए- विज

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोग कोविड से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग, बार-बार हाथ धोना, मास्क पहनना और ज्यादा तरल लेना इत्यादि का पालन करें तो इससे बड़ी ही आसानी से लडा जा सकता हैं। श्री विज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड के प्रोटोकोल को स्वयं की प्रेरणा से लोगों को मानना चाहिए।  

राज्य में टेस्टिंग, टेªसिंग, ट्रीटमेंट, टीम वर्क और टैªकिंग तथा मॉनिटरिंग पर काम किया जा रहा है

बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया गया कि आगामी 10 व 11 अप्रैल को राज्य के विभिन्न स्थानों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। राज्य में टेस्टिंग, टेªसिंग, ट्रीटमेंट, टीम वर्क और टैªकिंग तथा मॉनिटरिंग पर काम किया जा रहा हैं। इसके अलावा, राज्य के सभी सिविल सर्जन को टैस्टिंग दोगुणी करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। मंत्री को अवगत कराया गया है कि एसएआरआई, आईएलआई, फलु कॉर्नर की शत-प्रतिशत टेस्टिंग की जा रही है।

कोविड संक्रमण को रोकने के लिए प्लु कॉर्नर, टेस्टिंग उपकरण, दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर अधिकारी दें बल- विज

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री को बताया गया कि अभी तक की टेस्टिंग में एक्सबीबी.1 और एक्सबीबी.1.5 वेरिएंट पाया गया है। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए प्लु काॅर्नर, टेस्टिंग उपकरण, दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर बल दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाई रिस्क वाले लोगों की वैक्सीनेशन की जाए। इसके अलावा, होम आइसोलेशन की मरीजों की मदद के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाए ताकि ऐसे मरीजों से संपर्क करके उन्हें सहायता दी जा सकें।

‘क्या करें व क्या न करें’ के संबंध में एसओपी तैयार करने के लिए निर्देश

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने ‘क्या करें व क्या न करें’ के संबंध में एसओपी तैयार करने के लिए निर्देश भी अधिकारियों को दिए। जिसमें भीडभाड वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना अनिवार्य, साबुन या सैनिटाइजर या पानी से हाथों को धोएं, आंखों, नाक व मुंह का छूने से बचें, संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ की दूरी बनाए रखें, खांसते व छींकते समय अपने मुंह को ढंक लें, पानी ज्यादा पीएं और पोषित आहार लें। इसी प्रकार, क्या न करें में हाथ न मिलाएं, सार्वजनिक स्थानों पर न थूके, ज्यादा लोगों के बीच अर्थात समूह में खाना न खाएं, बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई न लें।

बैठक मंे कोविड-19 के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया है जिसमें बताया गया कि दुनिया भर में पिछले एक सप्ताह मंे 80208 नए कोविड के मामले आए हैं जिसमें यूएसए, जापान, फ्रांस, साउथ कोरिया, रूस का 54.2 प्रतिशत भागीदारी है जबकि भारत की केवल 3.3 प्रतिशत की भागीदारी है। बैठक में बताया गया कि राज्य में 53  टेस्टिंग लैब है जिसमें से 26 सरकारी और 27 प्राइवेट संचालित हैं। इसके अलावा, 18 जिला मॉलिक्यूलर लैब हैं तथा 4867 पीडियाट्रिक मरीजों के लिए आइसोलेशन बेड, 3704 ऑक्सीजन पीडियाट्रिक मरीजों के बेड, 2067 आईसीयू बेड, 817 नियोनेटल आईसीयू बेड, 1250 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड, 733 वेंटिलेटर पीडियाट्रिक हैं। इसी प्रकार, 101 ऑक्सीजन प्लांट, 907 वेंटिलेटर, 7521 आक्सीजन कंस्टेªेशन, 775 बाईपप तथा 16734 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी. अनुपमा, स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक डा. प्रभजोत सिंह, मैडीकल शिक्षा विभाग के निदेशक डा. आदित्य दहिया, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की निदेशक डा. उषा और डा. वी. के. बंसल उपस्थित थे।

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