पटौदी के एमएलए का दावा पोर्टल खुलवाया, पटौदी में ग्रामीणों ने मोर्चा खोला
आधा दर्जन ग्रामीणों ने नगर परिषद के विरोध में एसडीएम को दिया ज्ञापन
 पटौदी मंडी परिषद से अलग होने तक ग्रामीणों का जारी रहेगा धरना 
किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए जनप्रतिनिधि और प्रशासन की होगी जवाबदेही   

फतह सिंह उजाला                                       

पटौदी । जैसे-जैसे भाजपा के सबसे तेज तर्रार कहे जाने वाले अनुसूचित वर्ग के पटौदी से एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता अपना कार्यकाल पूरा करते दिखाई दे रहे हैं । उतनी ही तेजी से अब उनके द्वारा की गई विकास और जनहित के घोषणाएं एवं नगर निगम और नगर परिषद जी का जंजाल बनते चले जा रहे है। 

 6 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा मानेसर में विशेष रूप से पहुंच रहे हैं । गौरतलब है कि पटौदी में इन दिनों चारों तरफ भाजपा के जनप्रतिनिधि से लेकर सरकार सहित शासन प्रशासन के खिलाफ धरने प्रदर्शन का दौर चला हुआ है। एक दिन पहले ही मानेसर नगर निगम चुनाव के बहिष्कार की मानेसर नगर निगम के 30 गांवों के द्वारा ताल ठोकी जा चुकी है । आगामी 6 अप्रैल को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यक्रम है कि प्रत्येक घर पर भाजपा का झंडा फहराया जाए। ऐसे में विपक्षी दल के द्वारा और विपक्षी नेताओं के द्वारा सवाल उठाए जाने लगे हैं क्या भाजपा सभी घरों पर जबरन भाजपा पार्टी के झंडे लगाएगी ? बाहर हाल यह सब भाजपा और भाजपा नेताओं के हिस्से का कार्य है। 

 अब मुद्दे की बात करते हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण रहा है कि अचानक से भाजपा और पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता का उनके ही अपने निर्वाचन क्षेत्र पटौदी तथा नवगठित अथवा नव घोषित मानेसर नगर निगम जो कि उनका मूल रूप से पैतृक आवास भी कहा जा सकता है ,।मैं स्थानीय लोगों के द्वारा नगर निगम मानेसर तथा पटौदी मंडी नगर परिषद का जबरदस्त तरीके से विरोध का सिलसिला आंधी तूफान की तरह तेज होता जा रहा है । सोमवार को सत्यनारायण अजीत सिंह देशराज महेंद्र सिंह धर्मपाल रतिराम अनिल खानपुर प्रहलाद सिंह जिले सिंह कप्तान सिंह सहित अनेक लोगों ने अचानक ही मंडी पटौदी नगर परिषद में शामिल होने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण नारेबाजी करते हुए पटौदी लघु सचिवालय पहुंचे और एसडीएम की गैरमौजूदगी में उनके प्रतिनिधि को अपना मांग पत्र अथवा ज्ञापन सौंपा ।

  दूसरी ओर गांव जनौला में बीते कई दिनों से ग्रामीण महिलाएं बुजुर्ग बच्चे युवा गर्मी सर्दी आंधी तूफान हर मौसम में अपनी जान जोखिम में डाल गांव को पटौदी मंडी परिषद में शामिल किया जाने के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं । हैरानी इस बात को है लेकर है कि आज तक नए तो सत्ता पक्ष का कोई वरिष्ठ नेता या मंत्री वोट लेने वाले इन भोले-भाले ग्रामीणों की बात सुनने के लिए पहुंचा है और ना ही कोई जरूरत समझी है । प्रशासन के लिए धरना प्रदर्शन सड़क जाम एक सामान्य प्रक्रिया कहीं जा सकती है । धरना प्रदर्शन सड़क जाम जैसे मौके पर जब हालात बेकाबू हो जाते हैं , तब ही प्रशासन के हाथ-पांव हिलते हुए देखे जा सकते हैं । बहरहाल गांव जनौला के अलावा अब पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल होने के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले गांव में खानपुर , हेड़ाहेड़ी , मिलकपुर , मिर्जापुर,  देवलावास , छावन गांव से 36 बिरादरी के ग्रामीण शामिल हैं । इनका कहना है कि जब तक उनके इन छह गांवों को पटौदी मंडी परिषद से अलग करने का सरकारी गजट नोटिफिकेशन प्राप्त नहीं हो जाता । तब तक मंगलवार से आरंभ किया जाने वाला उनका अनलिमिटेड धरना जारी रहेगा । ऐसे में किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए चुने हुए जनप्रतिनिधि , शासन-प्रशासन की जवाबदेही होगी।

                                      

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