मनोहरलाल खट्टर को जब तक सीधा निशाना नही बनाएंगे तब तक मुख्यमंत्री अपनी तिकडमी चालों से किसी न किसी तकनीकी बहाने एम्स निर्माण को बाधित करते रहेंगे : विद्रोही
जब तक अहीरवाल के लोग मोदी-खट्टर को सीधे निशाने पर नही लेंगे तब तक ये अपनी तिकडमी चालों से एम्स निर्माण को लम्बा खींचते जायेंगे : विद्रोही

3 अप्रैल 2023 – माजरा एम्स निर्माण में हो रही देरी के लिए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने विगत 8 सालों से भाजपा-खटटर सरकार की अहीरवाल के विकास व सामाजिक सरोकारों की योजनाओं के प्रति की जा रही भेदभावपूर्णन नीति की तिकडमी राजनीति को जिम्मेदार बताया। विद्रोही ने कहा कि जब तक अहीरवाल के लोग माजरा एम्स निर्माण के पीछे हो रही देरी की मानसिकता को समझकर असली खलनायकों के खिलाफ संघर्ष करके उन्हे जनता के सामने बेनकाब नही करेंगे, तब तक राजनीतिक कारणों से अहीरवाल के साथ हर क्षेत्र में भेदभावपूर्ण व्यवहार करके तिडकमी चालों से लोगों को ठगने वाले अपने कुकृत्यों से बाज नही आयेंगे। जुलाई 2015 को बावल में मनेठी एम्स खोलने की घोषणा करके जिस तरह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर मुकरे और अहीरवाल के लागों ने जोरदार विरोध करके मुख्यमंत्री को घुटने पर लाकर मनेठी एम्स बनाने को राजी किया, यह घटनाचक्र खुद चीख-चीखकर बता रहा है कि माजरा एम्स न बनने में यदि कोई सबसे बडा रोडा व खलनायक है तो वह मनोहरलाल खट्टर है। 

विद्रोही ने कहा कि उन्होंने बार-बार लोगों को चेताया है कि वे इधर-उधर की बात करने की बजाय एम्स निर्माण की बाधा के खलनायक मनोहरलाल खट्टर को जब तक सीधा निशाना नही बनाएंगे तब तक मुख्यमंत्री अपनी तिकडमी चालों से किसी न किसी तकनीकी बहाने एम्स निर्माण को बाधित करते रहेंगे। लेकिन दुर्भाग्य से अहीरवाल के लोग भी स्थानीय राजनीति में उलझकर असली खलनायक मनोहरलाल खट्टर व झांसे देकर लोगों को ठगने में उस्ताद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जनता में बेनकाब करने से बचते आ रहे है। कटु सत्य यह है कि आज केन्द्र में नरेन्द्र मोदी मंत्रीमंडल में मंत्री हो या हरियाणा मुख्यमंत्री खट्टर मंत्रीमंडल के मंत्री हो, सभी की राजनीतिक हैसियत मात्र एक कठपुतलियों की है जिनकी डोर मोदी व खट्टर के हाथ में और वे मनमाने ढंग से अपनी मंत्री रूपी कठपुतलियों को नचाकर अपनी तिकडमी चाले चलकर लोगों को ठगते रहते है। 

विद्रोही ने कहा कि यदि खट्टर जी माजरा की जमीन को पोर्टल पर सरकारी शर्तो पर लेने का जाल नही बुनने की बजाय भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत माजरा की जमीन का अधिग्रहण करते तो एम्स निर्माण में जमीन का कोई पेंच नही अटकता। मुख्यमंत्री खट्टर की अहीरवाल के प्रति नीयत में खोट है और नरेन्द्र मोदी काम कम करते है और दिखावा ज्यादा करके मीडिया इंवेट से लोगों को ठगते ज्यादा है। ऐसी स्थिति में अहीरवाल के लोगों को एम्स निर्माण के लिए छोटी मछलियों को निशाना बनाकर अपना समय बर्बाद करने की बजाय सीधे नरेन्द्र मोदी व मनोहरलाल खट्टर को निशाने पर लेकर जनता के सामने उनका असली चाल-चरित्र बेनकाब करना चाहिए ताकि वोटों व कुर्सी के भूखे मोदी जी व खट्टर जी लोकसभा व विधानसभा चुनाव 2024 के मध्यनजर तिकडमी चालों को छोडकर माजरा एम्स निर्माण करने को मजबूर हो और जब तक अहीरवाल के लोग मोदी-खट्टर को सीधे निशाने पर नही लेंगे तब तक ये अपनी तिकडमी चालों से एम्स निर्माण को लम्बा खींचते जायेंगे। 

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