हरियाणा में सरकार ने 28 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूलय पर सरसों व एक अप्रैल से गेंहू की सरकारी खरीद की घोषणा की थी, वह प्रदेश की किसी भी मंडी में शुरू नही हुई : विद्रोही
सरकार को जमीनी धरातल की वास्वविकता के अनुरूप किसान के पक्ष में फैसले लेने होंगे : विद्रोही

2 अप्रैल 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि मार्च माह को प्रकृति ने सावन का माह बनाकर जिस तरह वर्षा की झड़ी लगाई, उससे तो प्रदेश में लगभग हर किसान की रबी फसल पर विपरित असर पडा है, साथ में आंधी व ओलो की मार ने रही-सही कसर पूरी करके किसानों की फसले बर्बाद करके उनकी आर्थिक कमर बुरी तरह से तोड़ दी है। विद्रोही ने कहा कि जमीनी धरातल का कटु सत्य यही है कि मार्च 2023 में किसानों की बर्बादी व कहर का माह रहा है। कभी मार्च के पूरे माह में लगातार वर्षा की झडी लगी रही, ऐसा काफी समय बाद हुआ है। भाजपा-ज्जपा सरकार वर्षा, आंधी, ओलो से नष्ट फसलों का पर्याप्त मुआवजा देने का जुमला तो उछाल रही है, लेकिन बार-बार अलग-अलग समय नुकसाने होने के कारण सरकार का कोई भी मैकेनिजम नष्ट फसलों का पूरा आंकलन करने में सक्षम नही। किसानों को उनकी नष्ट फसलों के अनुरूप मुआवजा मिलना मात्र मृगतृष्णा है।

विद्रोही ने कहा कि एक ओर रबी फसले वर्षा, आंधी व ओलो से नष्ट हो गई, वहीं अहीरवाल में खेतों में कटी पडी सरसों की फसल गलनेे, सडने लगी है और गेंहू की फसल खेतों में बिछ गई। आज हालत यह है कि हरियाणा में सरकार ने 28 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूलय पर सरसों व एक अप्रैल से गेंहू की सरकारी खरीद की घोषणा की थी, वह प्रदेश की किसी भी मंडी में शुरू नही हुई क्योंकि वर्षा के चलतेे किसानों की सरसों व गेंहू फसल सरकार की गुणवत्ता मापदंडों पर पूरी नही उतर सकती। सरसों व गेंहू फसल में नमी ज्यादा है, आंधी, ओलो व वर्षा की मार से दाना भी काला, सिकुडा हुआ है जिसके चलते सरकारी गुणवत्ता मापदंडों अनुसार गेंहू व सरसों एमएसपी पर खरीद एजेंसियां नही लेगी। विद्रोही ने कहा कि सरकार को जमीनी धरातल की वास्वविकता के अनुरूप किसान के पक्ष में फैसले लेने होंगे। सरकार यदि ईमानदार है, तब भी मुआवजा नही मिलेगा। ऐसी स्थिति में प्रभावित पीडि़त किसानों को सहायता करने का एकमात्र तरीका यही है कि मंडियों में किसान की सरसों व गेंहू चाहे निजीे अनाज व्यापारी खरीद करे या सरकारी एजेंसी खरीद करे, यह एमएसपी पर ही खरीदा जाये। इसके अलावा गेंहू व सरसों पर हर किसान को प्रति क्विंटल 500 रूपये बोनस दे ताकि वर्षा, आंधी व ओलो से बर्बाद किसानों की सही अर्थो में सरकार से आर्थिक सहायता मिल सके। 

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