गुरुग्राम में यूट्यूबर सुशील कुमार को गलत मन घडन्त वीडियो दिखाने पर भेजा दो करोड़ का कानूनी नोटिस

व्यक्तिगत शिकायत को दिया राजनीतिक तूल

भारत सारथी

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज : गुरुग्राम के एक यूट्यूब चलाने वाले को अपनी मनमर्जी से मन धड़क, वीडियो दिखाकर मानहानि करने के मामले में पीड़ित ने अपने एडवोकेट के मार्फत से दो करोड़ का कानूनी नोटिस भेजा है । मिली जानकारी के अनुसार गुरुग्राम निवासी राहुल यादव ने अपने एडवोकेट की मार्फत प्रवासी एक्सप्रेस के सुशील मा नामक व्यक्ति को स्पीड पोस्ट के माध्यम से दो करोड़ का कानूनी नोटिस भेजा है। पीड़ित राहुल यादव ने लीगल नोटिस की प्रति दिखाते हुए बताया कि प्रवासी एक्सप्रेस के कोई सुनील कुमार नामक यूट्यूबर ने बिना मुझे बतााइ ही मेरी मन मर्जी के खिलाफ मेरी वीडियो दिखा
कर उसको राजनीति तूल दे दिया। जिससे मुझे काफी मानसिक परेशानी और अपमानित होना पड़ रहा है। जबकि मैंने उसको कोई इंटरव्यू नहीं दिया और ना ही किसी नेता का नाम लिया। वही नोटिस के अनुसार बताया गया है कि वे विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए हैं। क्षेत्र में समाज सेवा करते हैं और गुरुग्राम नगर निगम में होने वाले चुनाव में भी भाग लेंगे। उनके द्वारा दी गई शिकायतों पर भी जांच एजेंसियों ने बिना उनको जांच में शामिल किए जांच रिपोर्ट फाइल कर दी।

उन्होंने बताया कि केवल व्यक्तिगत नाम से शिकायत सीएम विंडो और आरटीआई लगाई थी जिसमें किसी भी कोई राजनीतिक पार्टी का नाम नहीं लिखा था। उन्होंने आरटीआई एक्ट के तहत भी 28. 12 .22 को जांच रिपोर्ट, शिकायत की प्रति ,नवीनतम स्थिति और राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा किस अधिकारी को कब पत्र भेजा गया इसके बारे में विस्तार से जानकारी मांगी थी। जिसको भी राज्य चौकसी ब्यूरो के जन सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि मांगी गई सूचना स्पष्ट नहीं है। तथा सीएम विंडो की शिकायत भी बिना मेरी संतुष्टि के ही बंद कर दी गई जिसमें मुझसे कोई पत्राचार ना कोई फोन पर जांच अधिकारी ने बातचीत की गई।

जिससे मुझे यही अंदाजा लग रहा है कि यह सब मिलीभगत के कारण एक विवादित अधिकारी को बचाने के लिए रचा गया खेल है। वही स्थानीय शहरी विभाग के अधिकारी ने रोहतास बिश्नोई के खिलाफ नियम 7 की अनुशासनिक कार्रवाई को दिनांक 18 दिसंबर 2015 को मामले की फाइल को बन्द कर दिया गया।

बता दे कि नगर निगम गुरुग्राम इन दिनों काफी सुर्खियों में आ रहा है। अभी हाल ही में दो लापरवाह जन सूचना अधिकारीओ को राज्य सूचना आयोग ने 50 हज़ार का जुर्माना भी लगाया था, एक अधिकारी को सस्पेंड भी किया था। एक ठेकेदार ने मिलीभगत से 45 करोड बागवानी ठेके को रद्द कराने की गुहार लगाई थी। वही एक दिनेश नामक कर्मचारी को भीम नगर के ढाबे में शहरी बाजार योजना के तहत फर्जी तरीके से अपने किसी रिश्तेदार को दी गई दुकान का मामला भी उजागर हुआ था। वही तहबाजारी की दुकानों में कई सालों से पेंडिंग पड़े मामले भी काफी सुर्खियों में बने हुए हैं। जिनमें आवेदक दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वही अवैध होर्डिंग पर राजनीतिक लोगों के फोटो भी निगम को जमकर चूना लगा रहे हैं।

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