सतीश भारद्वाज

गुरुग्राम, एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए दिन मीडिया में बयान देकर दावे करते रहते हैं की भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम आए दिन सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक नाम गुड़गांव नगर निगम में तैनात एडीशनल कमिश्नर रोहतास बिश्नोई का सामने आया है। जिसमें हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव शहरी स्थानीय निकाय विभाग को उक्त अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्रवाई करके उनको भी अवगत कराने के लिए पत्र भेजा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुग्राम निवासी राहुल यादव ने 28 दिसंबर 22 को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उक्त अधिकारी पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी। शिकायत के अनुसार अधिकारी वर्ष 2007 में पंचकूला नगर परिषद में तैनात थे । उस समय ट्रैफिक छतरियों पर विज्ञापन लगाने के मामले में काफी घोटाला किया था। जिसकी जांच प्रदेश की विजिलेंस ब्यूरो को भी सौंपी गई थी। जिसमें उनको दोषी पाया गया था जिसकी पुष्टि एक मीडिया अखबार में भी प्रकाशित हुई थी फिर भी अपनी ऊंची पहुंच के कारण अधिकारी ने मामले को दबा दिया और अधिकारी के खिलाफ कुछ कार्रवाई नहीं की गई वर्तमान में यह भ्रष्टाचारी अधिकारी नगर निगम गुड़गांव में कार्यरत हैं इसकी रिटायरमेंट में अभी कुछ ही महीने बाकी है, इससे पहले यह रिटायर हो जाएं।

इस भ्रष्ट अधिकारी को निलंबित किया जाए और इसका काला चिट्ठा जनता के सामने लाया जाए। इस मामले में उक्त अधिकारी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत चार्जशीट भी किया गया था , परंतु शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर दी गई। वही शिकायतकर्ता का कहना था कि उन्होंने सीएम विंडो पर भी दरखासत लगाई हुई है। जिस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। लेकिन अभी तक इस भ्रष्ट अधिकारी को जेल में नहीं डाला गया है। शिकायतकर्ता ने इसकी एक प्रति हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को भी भेजी थी जिस पर उन्होंने कार्रवाई करते हुए स्थानीय निकाय अतिरिक्त सचिव को जांच के लिए पत्र भेजा है। जब इस बारे में एडिशनल कमिश्नर रोहतास बिश्नोई से उनके फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया जिनसे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।

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