बेमौसम की वर्षा, आंधी व ओलो से अहीरवाल के लगभग हर किसान की सरसों फसल प्रभावित हुई है जिससे कहीं फसल में नमी बढी है तो कहीं दाना काला हुआ है और कहीं दाना हल्का हुआ है : विद्रोही 22 मार्च 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की कि भारी वर्षा व ओलो से प्रभावित सरसों की फसल की 5450 रूपये प्रति क्विंटल भाव से सरकारी खरीद में अहीरवाल क्षेत्र के किसानों को सरसों फसल में नमी, काले दानों व गुणवत्ता के अन्य मापदंडों मेें छूट देकर खरीदी जाये ताकि प्राकृतिक आपदा से पीडि़त किसानों की और आर्थिक कमर न टूटे। विद्रोही ने कहा कि रबी फसल की सरसों दक्षिणी हरियाणा के किसानों के लिए एक कैश क्रोप मानी जाती है और इस क्षेत्र का किसान सरसों फसल में गेंहू की फसल के मुकाबलेे में ज्यादा राशी पाने की आशा रखता है। लेकिन रबी फसल 2022-23 में सरसों फसल में विभिन्न समय पडी वर्षा, सर्दी-गर्मी के विपरित मौसम व जब फसल पककर खेतों में क्या तो कटी पडी थी या पककर तैयार खडी थी, उस समय आंधी, भारी वर्षा व ओलो की मार ने किसान की फसल को बर्बाद करके उस पर एक और भारी आर्थिक चोट मार दी। विद्रोही ने कहा कि बेमौसम की वर्षा, आंधी व ओलो से अहीरवाल के लगभग हर किसान की सरसों फसल प्रभावित हुई है जिससे कहीं फसल में नमी बढी है तो कहीं दाना काला हुआ है और कहीं दाना हल्का हुआ है। अहीरवाल के किसान की सरसों फसल प्रकृति के कारण किसी न किसी तरह प्रभावित हुई है। ऐसी स्थिति में यदि सरकारी सरसों खरीद के मापदंडों में छूट नही दी गई तो किसानों की सरसों उत्पादन का 75 से 80 प्रतिशत फसल सभी मापदंडों पर खरी नही उतरने के चलते किसान को उसका कम भाव मिलेगा। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मांग की कि अहीरवाल क्षेत्र में सरसों की सरकारी फसल खरीद गुणवत्ता मापदंडों में छूट दी जाये। Post navigation विगत 8 वर्षो से स्वीकृत की गई विकास परियोजनाएं पूरी होने का नाम क्यों नही ले रही? विद्रोही भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक लाभ के लिए माजरा एम्स शिलान्यास में कर रही देरी : विद्रोही