बोधराज सीकरी समाजसेवी ने जूडो नेशनल चैंपियनशिप के विजेताओं को उपायुक्त गुरुग्राम से करवाया सम्मानित

बोधराज सीकरी समाजसेवी के प्रयास से लखनऊ में आयोजित 11वीं राष्ट्रीय ब्लाइंड एवं पैरा जूडो नेशनल चैंपियनशिप (2 से 5 मार्च) में गुरुग्राम के विजेताओं को उपायुक्त गुरुग्राम से करवाया सम्मानित
दृष्टिहीन दिव्यांगों में ईश्वरीय कृपा से जीतने का सामर्थ्य आमजन से अधिक होता है : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम खेलों की जननी : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। 11वीं राष्ट्रीय ब्लाइंड एवं पैरा जूडो नेशनल चैंपियनशिप में हरियाणा टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। हरियाणा के कुल 22 सदस्यों की टीम में 11 दिव्यांग खिलाड़ी जनता दृष्टिहीन पुनर्वास प्रशिक्षण केन्द्र, गुरुग्राम के रहे।

गुरुग्राम का प्रतिनिधित्व करते हुए, जनता दृष्टिहीन पुनर्वास प्रशिक्षण केन्द्र गुरुग्राम के पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम एवं पदक इस प्रकार है:

जयदेव 90+ किग्रा (स्वर्ण पदक), साकिब 66 किग्रा (स्वर्ण पदक), दीपक कुमार 60 किग्रा (स्वर्ण पदक), मो.फैज 55 किग्रा (रजत पदक), पंकज यादव 73 किग्रा (रजत पदक)

खुशी की बात यह रही कि गुरुग्राम के दीपक कुमार 60 किग्रा भार वर्ग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए जोकि कक्षा 12 के छात्र हैं। वहीं हरियाणा की सीनियर पुरुष वर्ग की टीम ने रनरअप ट्राफी भी जीती।

बता दें कि राष्ट्रीय ब्लाइंड जूडो प्रतियोगिता में जनता दृष्टिहीन पुनर्वास प्रशिक्षण केन्द्र, गुरुग्राम के 11 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। ये सभी खिलाड़ी संस्था के छोटे से प्रांगण में ही जूडो का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। बीते वर्ष भी केन्द्र के 5 खिलाड़ियों ने विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता (अजर बेजान) में भाग लेकर, न केवल भारतवर्ष का मान बढ़ाया बल्कि जनता दृष्टिहीन पुनर्वास प्रशिक्षण केन्द्र ( गुरुग्राम) को भी लोगों की नजरों में लाने का महत्वपूर्ण योगदान दिया। ये दिव्यांग खिलाड़ी पिछले 4 वर्ष से जूडो का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इन्होंने स्कूल स्तर से शुरू करके अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जूडो खेल की प्रतियोगिताएं खेली तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित किया की गुरुग्राम के सामान्य खिलाड़ियों की तरह ही ये दिव्यांग खिलाड़ी भी गुरुग्राम को पहचान दिलाने का माद्दा रखते हैं।

बोध राज सीकरी ने कहा कि गुरुग्राम खेलों की जननी है। यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम प्रदीप्त कर रहे हैं। भविष्य में ऐसे ही ऊर्जावान और योग्य युवा खिलाड़ी गुरुग्राम में तैयार हों, इसके लिए उन्हें समान अवसर देने की आवश्यकता है ताकि वें अपनी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त कर गुरुग्राम को गौरवान्वित कर सकें।

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