15 सोसायटियों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के पहले फेज पर निवासियों की राय मांगी -डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा, दूसरे फेज की ऑडिट प्रक्रिया अप्रैल महीने से होगी शुरू गुरुग्राम, 18 मार्च।लाईसेंस क्षेत्र की 15 हाउसिंग सोसायटीज के स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया का पहला फेज पूरा हो गया। प्रशासन ने पहले फेज की प्रक्रिया के दौरान संबंधित आरडब्ल्यूए तथा ऑडिट करने वाली एजेंसियों के बीच वार्ता की पहल की ताकि इस दौरान रही किसी कमी को समय रहते जांच में शामिल किया जा सके। इस संबंध में आयोजित बैठक में संबंधित बिल्डर्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। बैठक का आयोजन लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में डीसी निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में किया गया। बैठक मुख्य रूप से स्ट्रक्चरल ऑडिट का पहला फेज पूरा होने के दौरान पेश आए विषयों के समाधान को लेकर आयोजित की गई थी। इसमें आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों से डीसी ने ऑडिट एजेंसी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया और इसके दायरे में विस्तार संबंधित विषयों पर चर्चा की। कई आरडब्ल्यूए द्वारा दिए गए सुझावों पर डीसी ने ऑडिट एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता को अहम बिंदू बताते हुए डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा, ‘प्रशासन ने जो चार एजेंसी स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए नामित की हैं उनके कार्य में बिल्डर्स का कोई हस्तक्षेप नहीं होने दिया जाएगा। ऑडिट एजेंसी का निर्धारित भुगतान प्रशासन के माध्यम से ही बिल्डर द्वारा वहन किया जाएगा।’ डीसी ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट में जो सुझाव शामिल होंगे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई का फैसला लिया जाएगा कि किस तरह की रिपेयरिंग या बदलाव की जरूरत है। इस प्रक्रिया में भी संबंधित सोसायटी के निवासी आरडब्ल्यूए के माध्यम से अपना पक्ष रख सकेंगे और उनकी सहमति के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। बैठक में निवासियों ने डीसी से शिकायत की कि कुछ बिल्डर्स अपने स्तर पर स्ट्रक्चर का एनडीटी (नॉन-डिस्टेªक्टिव टेस्ट) करवा रहे हैं। इस पर डीसी ने स्पष्ट किया कि बिल्डर अपने स्तर पर किसी भी तरह का टेस्ट करवाने के लिए स्वतंत्र है लेकिन प्रशासन द्वारा निर्धारित एजेंसी और प्रक्रिया के तहत होने वाले टेस्ट की रिपोर्ट ही मान्य होगी। ऑडिट एजेंसियों के प्रतिनिधियों को डीसी ने निर्देश दिए कि ऐसे स्ट्रक्चर की भी पहचान करे जो इमारत के लिए बेशक खतरा नहीं है लेकिन उसमें सुधार या रिपेयरिंग की गुंजाइश महसूस होती हो। निवासियों द्वारा पानी रिसाव सहित कई छोटे बिंदुओं की ओर ध्यान दिलाने पर डीसी निशांत कुमार यादव ने ऑडिट एजेंसियों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि ऐसे विषयों को भी ध्यान में रखा जाए। डीसी ने कहा ऐसे विषयों पर बारीकी से काम किए जाने की जरूरत है जो आज बेशक सामान्य हैं लेकिन भविष्य में उनके कारण समस्या उत्पन्न होने की आशंका हो, समय रहते इन विषयों से निपटने या समाधान करने की जरूरत है। डीसी ने बताया कि स्ट्रक्चरल ऑडिट का दूसरा फेज अप्रैल महीने से शुरू होगा। इसके लिए तैयारियों की जा रही हैं। बैठक में एडीसी विश्राम कुमार मीणा, डीटीपी ई मनीष यादव भी मौजूद रहे। तेजी से किया जा रहा चिंटेल्स पैराडिसो का ऑडिटबैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के टावर डी, ई और एफ की रिपोर्ट आ चुकी है। इन्हें स्ट्रक्चरल ऑडिट करने वाली एजेंसी ने अनसेफ बताया है। अभी सभी टावर्स की ऑडिट प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। उम्मीद है अगले डेढ़ से दो महीने में यह पूरी हो जाएगी। सभी 9 टावर्स की रिपोर्ट आने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फ्लैट्स की वेल्यूएशन रिपोर्ट के बाद निवासियों की आपत्तियां और सुझाव सुनकर स्वतंत्र एजेंसी से दोबारा मूल्यांकन करवाया गया है। तकनीकी रूप से मूल्यांकन में आई खामियों पर भी ध्यान दिया गया। इसके बाद सामने आई वेल्यू बिल्डर व निवासियों के साथ साझा की है। इसके जल्द समाधान की दिशा में कार्य किया जा रहा है। Post navigation गुरुग्राम में 307 आपदा मित्र हुए तैयार, चौथे बैच के प्रशिक्षण उपरांत दिए प्रमाण पत्र नागरिकों की सुविधा के लिए लगाए जाएंगे प्रॉपर्टी टैक्स कैंप