-कमलेश भारतीय नयी पीढ़ी के साथ कदम मिलाकर कर काम कर सकूं और अच्छा थियेटर करता रहूं । यह कहना है मूल रूप से हिमाचल के बिलासपुर निवासी लेकिन पढ़े लिखे अमृतसर(पंजाब) में और पंजाबी थियेटर से शुरू कर हिंदी नाटक तक पहुंचे विपिन कुमार का ! वे यहां रंग आंगन नाट्योत्सव में व्याख्यान के लिये आये थे । उन्हें यहां हिसार आकर बहुत ही अच्छा लगा । खासकर नाटक का जो माहौल मनीष जोशी ने यहां नाट्योत्सव के माध्यम से बना रखा है । -पढ़ाई कहां हुई ?-अमृतसर में । खालसा काॅलेज से ग्रेजुएशन की । -थियेटर का शौक कब ?-काॅलेज के दौरान । पहले गुरु राजेंद्र सिंह रहे । फिर दिल्ली एन एस डी में आ गया । पहले सीखा और फिर दो साल रेपेट्री में । -इसके बाद ?-फ्रीलांस थियेटर आर्टिस्ट । सत्रह साल से । -हिंदी नाटक के लिये किससे जुड़े?-प्रसिद्ध एक्टर एम के रैना के साथ । वही मेरे दूसरे गुरु कहे जा सकते हैं । -उनके साथ क्या काम किया ?-हत्या एक अकार की । भानु भारती के साथ तमाशा न हुआ । -पंजाबी थियेटर से हिंदी थियेटर तक आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई ?-नहीं । हिंदी पहले से आती थी बल्कि फ्रेंच और अंग्रेजी में भी नाटक किया । -मम्मी पापा ने रोका नहीं ?-पापा अमरनाथ और मम्मी जगदंबा को ज्यादा पसंद तो नहीं आया लेकिन बाद में यकीन आ गया कि थियेटर अच्छा है । कहा कि करते जाओ । -शादी हो गयी ?-जी । -तो क्या पत्नी को पसंद है ?-जी । मेरी पत्नी अनिता को पसंद है । हमारे एक छोटी सी बच्ची भी है । अनिता एम ए हिंदी होने के चलते नाटक कीअच्छी समझ रखती है । -कोई पुरस्कार ?-अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान ग्वालियर में उनका एक कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर द्वारा भी सम्मानित । -आगे क्या लक्ष्य ?-नयी पीढ़ी के साथ कदम मिलाकर थियेटर करता रहूं । हमारी शुभकामनाएं विपिन कुमार को । आप इस नम्बर पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं : 9910843202 Post navigation शहर को अपराध मुक्त करने में अपना पूरा सहयोग करेंगी सामाजिक संस्थाएं-खोवाल महिला कोच का मामला……. न्याय होता दिखना तो चाहिए