-रोहतक में निजी स्कूल संचालको ने हाथ मे शराब की बोतल ओर किताब लेकर किया प्रदर्शन
बड़े स्कूलो को फायदा पहुचाने के लिए छोटे स्कूलो को बन्द करना चाहती हैं सरकार

रौनक शर्मा

हिसार- जिले के प्राइवेट स्कूल संचालको की एक बैठक हुई जिसमें रोहतक में हुए निजी स्कूलो की मान्यता रद्द करने पर प्रदर्शन को सफल बनाने पर सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने जिले के सभी निजी स्कूल संचालको का आभार जताया ओर सरकार द्वारा अस्थाई गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलो की मान्यता रद्द करने पर भविष्य की रणनीति बनाने पर जोर दिया

नरेंद्र सेठी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलो की अस्थाई मान्यता को रद्द करने का आदेश पारित किया हैं ज
इसी सिलसिले में गत दिनों रोहतक में प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालको ने मिलकर बीजेपी के राज्य कार्यालय तक अपना विरोध जताया जिसमें अध्यापकों के हाथ मे एक हाथ मे पुस्तक ओर दूसरे हाथ मे शराब की बोतल ली हुई हैं अस्थाई मान्यता रद्द करने पर स्कूल संचालको में भारी रोष हैं जिससे इनमे शिक्षा दे रहे 60 हजार पढ़े लिखे अध्यापक बेरोजगार होने की कगार पर खड़े हो गए हैं

सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने बताया कि हरियाणा में सरकार ने 3200 स्कूलो के लिए तानाशाही फरमान जारी करते हुए 31 मार्च के बाद नए दाखिले नही करने का जो फरमान जारी किया हैं अस्थाई गैर मान्यता प्राप्त इस फरमान को बिल्कुल सहन नही करेगे ओर आखिर तक सरकार का विरोध जारी रहेगा इसके लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं

सभा मे उपस्थित अस्थाई गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालको में सरकार के प्रति भारी रोष देखने को मिला एक स्कूल संचालक ने बताया कि ये हरियाणा की जनता का दुर्भाग्य ही हैं कि प्रदेश सरकार ने स्कूलो की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया हैं जबकि प्रदेश में शराब के ठेकों की पैसे लेकर मान्यता दी जा रही हैं जिससे साफ हैं हरियाणा में स्कूल खोलना मुश्किल हैं और शराब के ठेके खोलना आसान हैं स्कूलो के लिए 20 से 25 कमरे चाहिए और शराब के ठेके के लिए मात्र एक कमरे की आवश्यता हैं

नरेंद्र सेठी ने बताया कि जो स्कूल पिछले 30 /40 साल से चल रहे हैं अब सरकार किसको फायदा पहुचाने के लिए इन स्कूलो को बन्द कर रही हैं जबकि इन स्कूलो में गरीब अभिभावकों के छात्र उनके अभिभावकों की मर्जी से ही मात्र कुछ मासिक फीस देकर ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इन अस्थाई गैर मान्यता प्राप्त स्कूलो में 60 हजार के करीब शिक्षक और गैर शिक्षक शिक्षण का कार्य कर रहे हैं जिसके चलते 31 मार्च के बाद ये बेरोजगार हो जाएंगे

सेठी ने बताया की सरकार बड़े बड़े स्कूलो को फायदा पहुचाने के लिए ही इन छोटे छोटे स्कूलो को बन्द करना चाहती हैं और अधिकतर बड़े बड़े स्कूल सरकार के मंत्री ओर नेताओ के हैं जिनमे डायरेक्ट ओर इन डायरेक्ट सरकार के नेताओ की हिस्सेदारी हैं सरकार इन स्कूलो को नॉर्म्स पूरे नही करने के कारण बन्द कर रही हैं जबकि प्रदेश में सैकड़ो सरकारी स्कूल ऐसे भी चल रहे हैं जो स्वयं भी सरकार के बनाए हुए नियम पूरे नही कर रहे हैं स्कूल संचालको ने सरकार द्वारा जल्द ही कोई मध्य का रास्ता नही निकालने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी हैं जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी और भविष्य की आंदोलन की घोषणा जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों के स्कूल संचालक ओर प्राइवेट स्कूल यूनियनों से बात करके की जाएगी

error: Content is protected !!