दिल के मामले से समाज का आइना कमलेश भारतीय हिसार : बाल भवन में चल रहे नौवें रंग आंगन नाट्योत्सव में आज दो नाटक मंचित किये गये । पहला – माइनस जारो जीरो जीरो जीरो जीरो जीरो ,,,जिसमें दिल का डाॅक्टर लोगों के तरह तरह के दिल बदलता है । युवाओं द्वारा दिल तोड़ने से लेकर बाबाओं के दिल तक पहुंचता है और पत्नी के लिए पालतू पति बनाते हुए कुत्ते जैसे हालत कर देता है । यह काॅमेडी नाटक है जिसमें एक पात्र शांति को खोज में रहता है और उसको आखिर पता चलता है कि जब तक अहंकार , लोभ , मोह, महत्त्वाकांक्षाओं जैसी बातें दिल से निकालकर माइनस नहीं हो जायेगा तब तक शांति नहीं मिलेगी । इस काॅमेडी नाटक का निर्देशन कीर्ति कृपाल ने किया । पंजाबी में होने के बावजूद नाटक अपनी बात कहने में सफल रहा । संतो महात्माओं के खेल भी दिखाया तो बड़े आदमी बनने के टूटते मोहभंग को भी सामने रखा । पढ़ाई के लिये बस्ते के बढ़ते बोझ और मां बाप का सिर्फ नसीहतों देना भी खूब रहा । गुरनूर, वाणी गोयल, हरमन सिंह , अली खान , जैताल, मनप्रीत मणि, अमरप्रीत कौर आदि ने विभिन्न भूमिकाएं निभाईं । पंजाबी में होने के बावजूद निर्देशक दर्शकों को जोड़कर रखने में सफल रहा । दूसरा नाटक -हम बिहार से चुनाव लड़ रहे हैं , जिसे विजय कुमार ने अपने एकल अभिनय से प्रस्तुत किया और बिहार के साथ साथ देश की राजनीति की अच्छी खबर ली । लगभग सवा घंटे तक विजय कुमार ने अकेले ही अलग अलग भूमिकाएं अभिनीत कीं । इसके डायलॉग बहुत चुटीले थे -चुनाव से विरोधी नेता एकजुट होते हैं लेकिन चुनाव से पहले ही लड़ भिड़ कर अलग थलग हो जाते हैं ! कांग्रेस अब ऐसी पार्टी बन गयी है जो सरकाल न गिरा सकती है और न ही सरकार बना सकती है ! यह मेरा बदन ऐसे टूट रहा है जैसे जनता दल ! बिहार के विभिन्न नेताओं के मजेदार किस्से भी बयान किये । जगन्नाथ मिश्र से लेकर रामबिलास पासवान तक ! यह दिन भी सफल रहा । बाहर राजेश जांगड़ा की बनाई कलाकृतियां भी ध्यानाकर्षित करती हैं अंर ओपन माइक भी जारी है । Post navigation देश प्रदेश में सुंदर हैं………ईटेंडरिंग और मनी लांड्रिंग तलवंडी राणा जाने से पहले संगठन क्यों नहीं बना , ये तो बनाने वालों से पूछो : किरण चौधरी