मानेसर नगर निगम बनने से खफा ग्रामीणों ने मोर्चा खोला आयुक्त को ज्ञापन सौंपा, विधायक से भी खफा है ग्रामीण

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: प्रदेश सरकार गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के चुनावों के लिए लगातार बैठकें कर तैयारियों का जायजा ले रही है। जिले की दोनों नगर निगमों में चुनाव को लेकर की गई वार्डबंदी का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन मानेसर निगम क्षेत्र के ग्रामीण निगम के ही खिलाफ लामबंद होना शुरु हो गए हैं । मानेसर नगर निगम एरिया के ग्रामीण निगम की खिलाफत में उतर आए हैं और मांग कर रहे हैं, कि क्षेत्र के ग्रामीण नगर निगम बनने से अच्छे खासे नाराज है। वे अपने गांव को निगम के अधीन नहीं चाहते हैं। क्षेत्रवासी यहां पर फिर से पंचायती राज लागू करने की मांग कर रहे हैं । जिसको लेकर आज मानेसर गांव के ग्रामीणों ने मानेसर नगर निगम के कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें मानेसर में जनमत संग्रह कराने की मांग रखी गई है ।

बता दे कि दो साल पहले मानेसर नगर निगम बनने की मंजूरी सरकार से मिली थी। जिसमें चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही है। लेकिन फिर भी क्षेत्र के ग्रामीण नगर निगम का जमकर विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर गत वर्ष दिसंबर से ही मानेसर के आसपास क्षेत्र के ग्रामीण नगर निगम को भंग करने की लगातार मांग कर धरने पर बैठे हुए लोगों का आरोप है कि नगर निगम बनने के बाद इलाके में किसी प्रकार का भी विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के अधिकतर गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। साफ सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।निगम बनने के बाद भी सफाई कर्मचारी इस ओर की ओर ध्यान नहीं दें रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। वीरवार को मानेसर क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण इकट्ठे होकर निगम आयुक्त कार्यालय में एक लिखित ज्ञापन देकर मानेसर नगर निगम भंग कर पंचायती राज दोबारा से लागू कराने की मांग की गई है। बता दे कि पटौदी के विधायक सत्य प्रकाश से भी मानेसर नगर निगम क्षेत्र के ग्रामीण अच्छे खासे खफा है। जिसका विरोध भी हाल ही में मानेसर में आयोजित जनता दरबार में देखने में आया था।

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