-कमलेश भारतीय सुशील कुमार को पहलवानी में जानते थे । स्टार था वह । देश के तिरंगे को गौरव प्रदान किया जब जब विदेश में जीता । फिर ऐसी वारदात की जिसकी उस स्तर के खिलाड़ी से उम्मीद नहीं थी । बल्कि किसी भी खिलाड़ी से उम्मीद नहीं थी । एक युवा पहलवान को अखाड़े में ही अपनी मित्रमंडली के साथ पीट पीट कर अधमरा कर दिया औरआखिर वह दम तोड़ गया ! एक भविष्य के खिलाड़ी को किसी स्टार खिलाड़ी ने ही अपनी तुच्छ सोच के चलते इस दुनिया में रहने लायक न छोड़ा । अब वह हमारे हीरो से विलेन बन चुका है ! इधर अपहरण के एक मामले में राजस्थान की एक एएसआई नैना का नाम उछला है । मूल रूप से वह हरियाणा की पहलवान है । देश विदेश में नैना ने भी गौरव बढ़ाया । इसे खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में नौकरी मिली । एक स्टार जैसी जिंदगी जी रही नैना के फाॅलोअर्ज की कमी नहीं । पुलिस जब गिरफ्तार करने गयी तब लोगों को पता चला कि वह यहां इस एरिया में रहती थी । मजेदार जानकारी यह भी निकल कर आई कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में वह हाथ पकड़कर चली । यह फोटो अब वायरल हो रही है । सवाल उठता है कि आखिर हमारे खिलाड़ी क्यों अपराध की दुनिया में जा रहे हैं ? क्या ग्लैमर के लिए या रोमांच के लिये या अपने खर्च इतने बढ़ा लेते हैं कि इसके सिवाय कोई दूसरा रास्ता नही दिखता ! बहुत पहले एक बार हिसार में ही एक जूडो खिलाड़ी को कोर्ट के बाहर हथकड़ी में पुलिस के पहरे में देखा था तब भी यह सवाल मन को मथ गया था कि यह कौन सी राह चुनी इस स्टार ने ! कितनी मेहनत, संघर्ष के बाद जाकर एक मुकाम पर पहुंचने के बाद ऐसा गलत कदम क्यों ? क्या नहीं मिला ? खेल ने सब कुछ दिया और क्या बाकी रह गया था पाने को ? ये तो नये खिलाड़ियों के लिए भी शुभ संकेत या दिशा नहीं । कोई अच्छा उदाहरण दीजिये न कि अपराध की दुनिया का रास्ता दिखाइये ! रामदरश मिश्र के एक शेर के साथ बात समाप्त करता हूं :मिला क्या न मुझको ए दुनिया तुम्हारीमोहब्बत मिली है मगर धीरे धीरे-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075 Post navigation धरने पर पहुंची पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, कहा ये सरकार कुछ दिनों की महमान, कांग्रेस पार्टी आपके साथ लघुकथा देखन में छोटी , घाव में बड़ी : संधीर