हरियाणा सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर लगभग 60 करोड़ रूपये जुर्माना लगाया : मुख्य सचिव

चण्डीगढ़, 3 मार्च- हरियाणा सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर लगभग 60 करोड़ रूपये जुर्माना लगाया है, इसमें से हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 44 करोड़ रुपये और 15 करोड रूपये राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, हरियाणा ने वसूली की है।

मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह जानकारी दी गई।

मुख्य सचिव ने इस राशि का उपयोग पर्यावरण के संरक्षण व सुधार योजनाओं के लिए करने हेतु एक उच्चधिकार समिति फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में गठित की है। यह समिति एक्शन प्लान भी तैयार करेगी। इस समिति में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक, एचएसआईआईडीसी के एमडी, एमसीएफ आयुक्त और फरीदाबाद उपायुक्त और क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य सचिव होंगे।

उन्होंने यमुना और घग्गर नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा भी की। श्री कौशल ने उपायुक्त, फरीदाबाद को उन स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां औद्योगिक अपशिष्टों को डाला जा रहा है, जो जल प्रदूषण का कारण बन रहा है। उन्होंने सख्त लहजे में संबंधित अधिकारी को ऐसी गतिविधियों पर नियमित नजर रखने के निर्देश भी दिए। राज्य सरकार शहरों और कस्बों की सीवरेज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम भी उठा रही है। बैठक के दौरान बताया गया कि फरीदाबाद क्षेत्र को बादशाहपुर, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर नामक तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें फरीदाबाद और पलवल जिलों में दो प्रमुख नाले “बुरिया नाला और गौंची नाला” आते हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मई 2023 से पहले इन दोनों नालों की पूर्ण रूप से सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपशिष्ट उत्पादन और उसके प्रसंस्करण के अनुसार एसटीपी और सीईटीपी स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाशनी चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन नालों पर मेश फेंसिंग लगाई जाए और इस कार्य में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में बताया गया कि यमुना जलग्रहण (कैचमेंट) क्षेत्र में 99.3 एमएलडी के लक्ष्य के विरुद्ध 71.3 एमएलडी अपशिष्ट को 123 स्थानों पर डायवर्ट किया गया है। घग्गर जलग्रहण (कैचमेंट) क्षेत्र में 41.55 एमएलडी  के लक्ष्य के मुकाबले 38 एमएलडी को 45 स्थानों पर डायवर्ट किया गया है।

इस बैठक में प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष श्री पी राघवेंद्र राव, विकास और पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, उद्योग एव वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग मौजूद रहे।

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