-स्टारेक्स यूनिवर्सिटी में फैकल्टी डेवेलपमेंट कार्यक्रम में कही यह बात
-विद्यार्थियों को सिखाए सफलता के गुर

गुरुग्राम। हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध उद्योगपति बोधराज सीकरी ने कहा कि जीवन में समय का प्रबंधन और गुरुओं का सम्मान सम्मान की गारंटी है। व्यक्ति में इन दोनों का अगर अभाव होगा तो जीवन का पथ सही नहीं होगा। यह बात उन्होंने यहां स्टारेक्स विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवेलपमेंट कार्यक्रम में बोलते हुए कही। यहां उन्होंने गुरू नानक देव जी व बाबा दीप सिंह जी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके आराधना की। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महेंद्र सिंह, छात्र-छात्राओं एवं फार्मा विभाग के विद्यार्थियों ने बोधराज सीकरी को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत किया।

अपने ओजस्वी, प्रेरणादायी संबोधन में बोधराज सीकरी ने कहा कि भारत के फार्मा उद्योग की नवीनतम प्रवृतियों, उनके समक्ष चुनौतियों व अवसरों की सटीक जानकारी इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलनी बहुत जरूरी हैं। करीब 100 प्राध्यापकों एवं फार्मास्यूटिकल विभाग के 250 विद्यार्थियों को उन्होंने कहा कि समय प्रबंधन, गुरुओं का सम्मान, विचारों की डायरी बनाना, स्वाध्याय करना, चुनौतियों से लोहा लेने व आंख-कान खोलकर रखने जैसे गुणों के बिना सफलता नहीं मिलता सकती।

उद्योगपति सीकरी ने कहा कि गुरबत, फांकों और संघर्षों ने उन्हें मजबूत बनाया। इसी वजह से वे समाज में अपनी महत्ती भूमिका निभा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तकलीफें जीवन को बर्बाद करने नहीं आती, बल्कि व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों को जागृत करने, उनकी पहचान कराने आती हैं। निरंतर 90 मिनट के प्रेरणादायी उद्बोधन में छात्रों ने अनुशासन को प्रदर्शित किया।

विवि के उप-कुलपति डा. अशोक दिवाकर की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य फैकल्टी व सीनियर विद्यार्थियों को देश के प्रमुख उद्योगपतियों, शिक्षाविदें, कलाकारों, लेखकों व धर्मगुरुओं से मिलवाना है, ताकि उन्हें विश्वगुरू पद की बढ़ते भारत की ताकत का आभास हो सके। इस कार्यक्रम में मैनेजमेंट, प्रेरणा, आध्यात्मिकता, हास्य और प्रश्न-उत्तर सेशन में बोधराज सीकरी ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया।

डीन एकेडमिक डा. दिव्या त्यागी व रजिस्ट्रार डा. दिनेश भारद्वाज, कुलाधिपति के विशेष कार्य अधिकारी डा. एएस बेदी ने न केवल इस सकारात्मक पहल का स्वागत किया, बल्कि इसे विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के लिए उपयोगी बताया। इस अवसर पर डा. मनोज, डा. आशीष दहिया, डा. रिचा चतुर्वेदी समेत कई वरिष्ठ प्राध्यापक मौजूद रहे।

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