भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के साढ़े चार साल से निलम्बित निर्दोष सहायक प्रोफेसर डॉ बलकार सिंह के संगीन मामले में विभिन्न संगठनों की बैठक महेंद्रगढ़ रोड़ स्थित संघर्ष समिति कार्यालय में समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में कड़ा संज्ञान लेते हुए समिति द्वारा सभी प्रधानों के संयुक्त हस्ताक्षरों से राष्ट्रपति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की है कि डॉ बलकार सिंह को अविलंब बहाल किया जाए और इस मामले में संलिप्त विश्वविद्यालय के दोषी अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए हरियाणा अनु0 जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि बिना किसी अनियमितता के मीरपुर विश्वविद्यालय के निर्दोष सहायक प्रोफेसर डॉ बलकार सिंह गत साढ़े चार साल से विश्वविद्यालय की जातिगत भेदभाव व दुर्भावना के कारण निलम्बित होने की सजा भुगत रहा है और अब विवश होकर गत दो माह से विश्वविद्यालय के गेट के सामने धरने पर बैठ कर छात्रों और सुरक्षा कर्मियों की बूट पॉलिश का कार्य करने के साथ साथ छात्रों को निशुल्क पढ़ा कर परामर्श दे रहा है। इस प्रकार एक शिक्षक को भिक्षुक बनाना विश्वविद्यालय के लिए न्यायसंगत नहीं है। इससे विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों की दुर्भावना से ग्रस्त जातिगत भेदभाव की अव्यवहारिक कार्यशैली की झलक उजागर होती है विश्वविद्यालय की अव्यवहारिक कार्यशैली से समस्त अनुसूचित जाति समाज में भारी रोष व्याप्त है। समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान ने बताया कि यह अचरज व विडम्बना का विषय है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस निलम्बित अवधि में जो आधारहीन व तथ्यहीन चार्जशीट डॉ बलकार सिंह के खिलाफ जारी की गई थी, वह भी दफ्तर दाखिल हो चुकी है, परंतु प्रशासन डॉ बलकार सिंह को बहाल करने की बजाय लगातार निलम्बित रहने की सजा देकर उसे आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर आमदा है। इस अवसर पर रोष प्रकट करने वालों में हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, जांगिड़ समाज के सुरेश बौद्ध, वाल्मीकि सभा के प्रधान जोगेंद्र जैदिया, प्रजापत समाज से प्रवीण, संघर्ष समिति उपाध्यक्ष राजेश चांवरिया, सचिव हजारीलाल खटावला, रामभरोस भीम, अमरनाथ सिरोहा, जयपाल, रामचंद्र सैनी, विरेंद्र सैनी व राजेश कुमार सैनी आदि गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे । Post navigation बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने ली जन परिवेदना समिति की मासिक बैठक एनजीटी से हुए करोड़ों का जुर्माना बचाने हेतु सुप्रीम कोर्ट गए स्टोन क्रेशर संचालकों को लगा बड़ा कानूनी झटका