मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा मॉरीशस में भारत एवं भारतीयता विषय पर संस्कृति संवाद कार्यक्रम सम्पन्न। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरूक्षेत्र, 25 फरवरी : मॉरीशस में भारतीय संस्कृति और भारतीयता की गहरी छाप है। मॉरीशस का भोजन, पहनावा, रीति रिवाज कोई भी क्षेत्र भारत एवं भारतीय से अछूता नहीं है। मॉरीशस का समाज विभिन्न जातीय समूहों से मिलकर बना है। मॉरीशस के कण-कण में भारत एवं भारतीयता विद्यमान है। भारतीय संस्कृति की सुगंध मॉरीशस के समस्त लोक परम्परा लोक संस्कृति में दिखाई देती है। यह विचार मॉरीशस सरकार के हिंदी स्पीकिंग यूनियन के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्व समाजसेवी सुरेश रामबर्न ने मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा मॉरीशस में भारत एवं भारतीयता विषय पर आयोजित संस्कृति संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। सुरेश रामबर्न एवं उनके साथ मॉरीशस शिष्टमंडल का मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर फतुहपुर में पहुंचने पर मातृभूमि सेवा शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने तिलक लगाकर वैद्विक मंत्रेच्चारण से स्वागत किया। मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया। सुरेश रामबर्न ने कहा कि मॉरीशस में भारत की समस्त पर्व एवं परम्पराएं बहुत ही उत्सुकता के साथ मनाई जाती है। मॉरशस में महाशिवरात्रि बड़े जोर शोर से मनाई जाती है। राजधानी पोर्ट लुइस में एक गंगा तालाब है जहां भव्य शिव मंदिर है और यहां महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों लोग उपस्थित रहते हैं । सुरेश रामबर्न ने कहा कि 9 जून से 17 जून तक मॉरीशस में मातृभूमि सेवा मिशन के तत्वाधान में प्रस्तावित एक अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में मॉरीशस की समस्त सामाजिक एवं धाार्मिक संस्थाएं सब प्रकार से सहयोगी रहेंगी और यह रामायण सम्मेलन निश्चित रूप से मॉरीशस में भारत एवं भारतीयता को पोषित करेगा। इस अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में मॉरीशस में मर्यादा पुरूषोत्तम रामायण हिंदी भाषा की मॉरीशस में प्रसांगिकता, भारत मॉरीशस मैत्री भारतीय आजादी अमृत महोत्सव सहित अनेक विषयों पर कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा आज से सैंकडो वर्ष पूर्व भारत के अभाव ग्रस्त लोगों को अंग्रेजी हुकुमत द्वारा बहकाया गया था कि चलो मॉरीशस ऐसा जादुई देश, जहां जिस भी पत्थर को पलटोगे, उसके नीचे सोना मिलेगा। भला कहीं यहा संभव था, लेकिन इसे भारत उन मजदूरों के कठिन परिश्रम का प्रतिफल ही कहेंगे कि जिस सपने को दिखाकर , ठगकर उन्हें यहां लाया गया, उन्होंने उसी सपने को साकार कर दिखाया। सबसे पहले तो उन्होंने आजादी की जंग छेड़ कर मॉरीशस को अपने नाम किया और फिर मॉरीशस को अपने खून-पसीने की कमाई से विश्व मानचित्र पर स्थापित कर दिया। यह भारत एवं भारतीयता के लिए बडे गौरव का विषय है। डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि आज मॉरीशस विश्व में भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति एवं संस्कार को गौरवंतित कर रहा है। मॉरीशस बडी तेजी से भारत की समुद्री कुटनीति के लक्ष्यों का अभिन्न अंग बनता जा रहा है। कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि इंटर आइसलैंड इम्पेक्स लिमिटेड मॉरीशस के प्रमुख राकेश कुमार भुदेश्वर ने भारत मॉरीशस के लिए एक बडा भाई और अपना परिवार है। हम सबको भारत में न केवल अपना अतीत दिखाई देता है बल्कि अपने पूर्वजों की स्मृति दिखाई देती है। मातृभूमि सेवा मिशन विगत पंद्रह वर्षों से भारत एवं मॉरीशस की मैत्री का मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मातृभूमि सेवा मिशन के सेवा प्रकल्प मानवता की सेवा का बेमिसाल संकल्पना है। मातृभूमि सेवा मिशन के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम में चेतन्य एकेडमी के शिक्षक, मातृभूमि सेवा मिशन के सदस्य, विद्यार्थी सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित रहे। Post navigation गोविंदानंद आश्रम पिहोवा में होगा शंखनाद एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक। गोविंदानंद आश्रम में कन्या पूजन के साथ मासिक भंडारा आयोजित