महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा से पूरी होगी हर मनोकामना पूर्ण और कटेंगे सारे कष्ट : महंत सर्वेश्वरी गिरि। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 16 फरवरी : भारत साधुसामाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंशी पुरी जी महाराज की प्रेरणा से गोविंदानंद आश्रम में स्थित श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तों द्वारा शंखनाद एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक किया जाएगा। महंत सर्वेश्वरी गिरि जी ने बताया कि आश्रम में पूरा दिन महाशिवरात्रि पर दूर दूर से आने वाले यजमानों एवं शिव भक्तों के लिए ब्रह्मचारियों द्वारा महाभिषेक एवं शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से पूजन होगा। उन्होंने बताया कि भोलेनाथ का अभिषेक दूध से करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है वही ईख के रस से प्रचुर मात्रा में मां लक्ष्मी की प्राप्ति नीव ग्लोव से दुखों का निवारण होता है भस्मी के अभिषेक से भोले बाबा की कृपा बनी रहती है। महंत जी ने बताया कि भगवान शिव कल्याण के देवता माने जाते हैं। पूजा से शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देने वाले भगवान शिव को उनके भक्त देवों के देव महादेव, औढरदानी, भोलेनाथ, शंकर, गंगाधर, नीलकंठ, बाबा आदि नाम से बुलाते हैं। महंत जी ने बताया शिव की साधना का सबसे बड़ा महापर्व महाशिवरात्रि को माना गया है, जो कि 18 फरवरी को मनाई जाएगी। भगवान शिव की कृपा दिलाने वाले इस पावन पर्व पर साधक विभिन्न प्रकार की पूजा के माध्यम से देवों के देव महादेव को मनाने और अपनी मनोकामना को पूरा करने का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। महंत जी ने बताया भगवान शिव के महापर्व पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। रुद्राभिषेक दो शब्दों रुद्र और अभिषेक से मिलकर बना है। इसमें रुद्र शब्द का अर्थ भगवान शिव है अर्थात शिव का अभिषेक। जिसे विधि-विधान से करने पर जीवन से जुड़े सभी दोष, रोग, शोक दूर होते हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक का अलग-अलग महत्व बताया गया है। Post navigation भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में मातृ- पितृ पूजन ही सर्वोपरि है : प्रो. बी. वी. रमणा मॉरीशस के कण-कण में भारत एवं भारतीयता विद्यमान है: सुरेश रामबर्न