बालघर में मातृ- पितृ पूजन एवं वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 14 फरवरी : भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में मातृ- पितृ पूजन ही सर्वोपरि है। इसी परम्परा को लेकर श्रीमद् भगवद् गीता प्राथमिक विद्यालय (बालघर) में मातृ- पितृ पूजन एवं वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की वंदना के साथ के साथ किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन,आई.टी.) के निदेशक प्रोफेसर बी.वी. रमणा रेड्डी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत स्वाभिमान ट्रस्ट पतंजलि के जिलाध्यक्ष कुलवंत ने की।

मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यक्रम में एस. एम. डी. गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पूर्व प्राचार्य रत्न चंद्र सरदाना शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि विशाल सिंगला रहे। इसके साथ ही विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेंद्र ढींगरा, प्रबंधक जयप्रकाश पंवार, कोषाध्यक्ष राजेश इंटरनेशनल, उपाध्यक्ष डा. आर. ऋषि, प्रान्त – प्रतिनिधि सरोज सैनी, कुरुक्षेत्र संकुल प्रमुख अनिल कुलश्रेष्ठ, सभी गीता विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं प्रबन्ध समितियों के पदाधिकारी, प्रधानाचार्य सुखबीर एवं समस्त स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। इनके अतिरिक्त प्रो. सतहंस, एन.आई.टी. प्रो. दीक्षित गर्ग, गौरव मित्तल, विशेष गर्ग भी उपस्थित रहे।

प्रो. बी. वी. रमणा ने कहा कि माता, पिता, आचार्य एवं अतिथि देवतुल्य होते हैं। उन्होंने बताया कि माता- पिता एवं आचार्य बच्चों में संस्कार डालते हैं। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में मातृ- पितृ पूजन ही सर्वोपरि माना गया है। पूर्व प्राचार्य रत्न चंद सरदाना ने कहा कि माता-पिता का व्यवहार ही बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकता है। कुलवन्त सिंह ने योग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुबह उठता ही माता-पिता की चरण वन्दना के पश्चात् योग अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम में बच्चों की रंगारंग प्रस्तुतियाँ, जिसमें व्यायाम योग क्रियाएं, प्रधानाचार्य द्वारा विद्यालय – वृत्त, हरियाणवी डांस, स्वच्छता थीम पर देश भक्ति गीत, एक्शन सांग, गिद्दा की आदि प्रस्तुतियां देख कर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। सभी बच्चों ने अपने माता पिता का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागी एवं प्रतिभाशाली बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रबन्ध समिति अध्यक्ष नरेन्द्र ढींगरा ने सभी अतिथियों, अभिभावकों एवं सहयोगियों का धन्यवाद किया। उन्होंने विद्यालय की भावी योजनाओं के बारे में बताया कि सभी कक्षाएं को वातानुकूलित करना, डिजीटल बोर्ड लगवाना, विद्यालय में नयी शिक्षा नीति लागू करवाना आदि शामिल है।