-कमलेश भारतीय

यूपी की एक यूट्यूब नेहा सिंह राठौर इधर बहुत चर्चित हो रही हैं । यूपी सरकार पर अपने चुटीले गीतों से इधर नेहा खूब वाहवाही बटोर रही थी और उधर वुलडोजर बाबा भी सचमुच कोई न कोई राह ढूंढ रहे थे । नेहा सिंह राठौर पर ध्यान शायद न भी जाता लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर नेहा ने अपने राजनीतिक इरादे जगजाहिर कर दिये तब वुलडोजर बाबा ने भी मन ही मन कुछ सोच लिया ! इधर नेहा को मिला पुलिस का नोटिस और उधर वह पहुंच गयी अस्पताल ! यह तो शायद नेहा ने भी सोचा न था ! अब यह का बा ?

इससे पहले पटना में भी ऐसी अनहोनी घट चुकी है । लोकप्रिय मंच कवयित्री अनामिका जैन अंबर पटना में आयोजित किये जा रहे कवि सम्मेलन में आमंत्रित थीं लेकिन एयरपोर्ट से ही लौटा दी गयी ! खुद वीडियो पोस्ट कर यह जानकारी दी । यह कलाकारों के साथ ऐसा मनमाना व्यवहार क्यों ?

यही क्यों ? कांग्रेस के मीडिया से जुड़े लेखक पवन खेड़ा को भी रायपुर के बीच उड़ान में से उतार लिया गया । असम में दिये किसी बयान पर ऐतराज जताते हुए । काग्रेस नेता एयरपोर्ट के बाहर ही धरने पर बैठ गये । कोर्ट में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि जुबान फिसल गयी थी । इसलिये इन्हें अंतरिम जमानत दी जाये ! जज महोदय ने भी नहले पे दहला मारा कि कम से कम अपने पवन खेड़ा को सही भाषा बोलने को तो कहिये !

ऐसी घटनायें और भी हो सकती हैं । अभिव्यक्ति के खतरे उठाने ही होंगे , यह कभी मुक्तिबोध ने कहा था ! तो क्या आपातकाल के बाद यह ऐसा ही काला समय है ? क्या लब आजाद हैं अवाम के ? काॅर्टून तक इसकी लपेट में आ चुके है । काॅर्टून का चलन अखबार में लगभग समाप्ति की ओर है । क्यों ? क्योंकि इनके छींटे नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे ! दुर्गा भागवत ने कहा था कि लिखे हुए शब्द या आजकल कहे हुए शब्द की कीमत चुकानी ही होगी ! तो का बा ? चुकाओ कीमत !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

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