उचाना में बीरेन्द्र सिंह के साथी …….. पुरानी समस्याओं के नये समाधान प्रस्तुत करेंगे जींद सम्मेलन में : बीरेन्द्र सिंह

कमलेश भारतीय

अब जबकि 23 मार्च को जींद में होने वाली रैली में लगभग एक सवा महीना ही बच रहा है , तब उचाना के राजीव गांधी मेमोरियल काॅलेज के सभागार में आज ‘बीरेन्द्र सिंह के साथी कार्यक्रम’ के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण सम्मेलन हुआ जिसमें सभी वक्ताओं ने चौ बीरेन्द्र सिंह से ऐसा धमाका करने का आह्वान किया कि वे ऐसा धमाका करें कि सारे देश में इसकी गूंज सुनाई दे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो अनुसंधान की बात की है तो यह सामाजिक अनुसंधान भी होना चाहिए । आज हमारे देश में बेरोजगारी , भुखमरी , गरीबी बढ़ती जा रही है । नौकरियां ढूंढते ढूंढते प्रदेश के युवा विदेशों की ओर पलायन करने लगे हैं । गांवों में कुटीर उद्योग खत्म हो रहे हैं ।

प्रारम्भ में विषय प्रस्तुत करते चौ बीरेन्द्र सिंह ने भी यह स्पष्ट किया कि 23 मार्च को हमारा जींद का सम्मेलन किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होगा । पुरानी समस्याओं के नये समाधान खोजना ही हमारा उद्देश्य है, न इसका कोई राजनितिक दृष्टिकोण है । गरीबी पर प्रहार करने की जरूरत है । वृद्धावस्था पेंशन के बारे में कहा कि ऐसी योजनायें गरीबों की ओर टुकड़े फेंकने के बराबर हैं ।

इस सम्मेलन को बीरेन्द्र किरोड़ी (भिवानी) , डाॅ फारूक (मेवात), विनोद बाला (झज्जर), बलदेव सिंह अजमेरा , पूर्ण सिह( अम्बाला), सुरेंद्र ढुल्ल, प्रदीप खट्टर ( सिरसा), राममेहर ( दनौदा), सुरेश ओड, ईश्वर बाल्मीकि(करनाल) , पूर्ण डिडवाडी( पानीपत) , वीर सिंह दलाल ( आदमपुर ) , राजेंद्र बाखली ( पिहोवा), अशोक चौधरी (नारनौल), दलबीर(बाढड़ा) आदि ने सुझाव दिये । यह बात सभी वक्ताओं ने कही कि चौ बीरेन्द्र सिंह की राजनीतिक उपेक्षा सहन नहीं की जायेगी । यह भी कहा कि इनके राजनितिक कद को छोटा करके देखने की भूल न की जाये ।

#कार्यक्रम का संचालन उदयवीर पूनिया और अशोक सिवाच ने किया ।

सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं : बीरेन्द्र सिंह के साथी कार्यक्रम के संयोजक विजय कौशिक ने कहा कि हम लोग सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं , सामाजिक परिवर्तन की ओर कदम बढ़ाने निकले हैं । इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू किया गया । सरकार वह नहीं करती जो जनता चाहती है । लोगों की मूल समस्याओं को उजागर करने की ठानी है । किसान को कैसे खुशहाल किया जाये , यही बीरेन्द्र सिंह सोचते हैं । यह भी सोच है ।

#ये रहे मौजूद : इसमें विजय कौशिक , सीमा गैबीपुर, सरोज सिहाग , परविंद्र सिंह, हरवीर सिंह , सज्जन श्योकंद( उचाना)हरिंद्र श्योकंद(उचाना) आदि सहित बड़ी संख्या में बीरेन्द्र सिंह के साथी मौजूद रहे ।

लाॅन में बैठे रहना पड़ा : सभागार खचाखच भरा रहा जिसके चलते काफी लोगों को नीचे लाॅन में बैठने को विवश होना पड़ा ।

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