कांग्रेस राज में पिछडे वर्गे की क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये वार्षिक थी जिसे भाजपा खट्टर सरकार ने घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक करके पहले ही पिछडे वर्ग के साथ कुठाराघात कर रखा है : विद्रोही 11 फरवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि पिछडे वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ देने के लिए बजट में क्रीमीलेयर वार्षिक सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रूपये वार्षिक की जाये ताकि पिछडे वर्ग के सभी परिवारों के प्रतिभावान युवा सरकारी नौकरियों मेें आरक्षण का लाभ ले सके। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस राज में पिछडे वर्गे की क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये वार्षिक थी जिसे भाजपा खट्टर सरकार ने घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक करके पहले ही पिछडे वर्ग के साथ कुठाराघात कर रखा है। सवाल उठता है कि जब केन्द्र में भी पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये वार्षिक है तो हरियाणा में उसे घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक करना ही गलत था? वहीं खट्टर जी को नही भूलना चाहिए कि पिछले 9 सालों में मुद्रा स्फीती व डालर के मुकाबले में रूपये के अवमूल्यन के चलते कांग्रेस राज की तुलना में आज रूपये की कीमत मात्र 25 प्रतिशत रह गई है। कांग्रेस राज में एक रूपया में जितना बाजार से जीवन उपयोगी सामान आ सकता था, उसकी कीमत आज 4 रूपये चुकानी पड रही है। विद्रोही ने कहा कि आश्चर्य है कि मुद्रा स्फीती व रूपये की डालर के मुकाबले में अवमूल्यन के बाद भी पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर वार्षिक सीमा को बढाने की बजाय हरियाणा सरकार ने घटा दिया जो खट्टर सरकार का पिछडा विरोधी कदम है। पिछडे वर्ग के अधिकतम लोगों को आरक्षण के लाभ के दायरे में लाने के लिए आवश्यक है कि हरियाणा में क्रीमीलेयर सीमा 6 लाख रूपये से बढ़ाकर 12 लाख रूपये वार्षिक हो। वहीं कृषि आय को भी क्रीमीलेयर में शामिल करने की हरियाणा सरकार की शुरू की गई गलत परम्परा को भी वापिस लिया जाये। Post navigation प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक : मिशन-2024 के रोड मैप पर विस्तार से होगी चर्चा: ओम प्रकाश धनखड़ विज्ञान-तकनीकि के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन: मुख्यमंत्री मनोहर लाल