गुरुग्राम, 10 फरवरी – बोनाफाइड आवंटी को यूनिट का कब्जा नहीं सौंपने के अपराध का संज्ञान लेते हुए, हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा), गुरुग्राम के न्यायनिर्णयन अधिकारी (एओ) की अदालत ने निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। रियल एस्टेट कंपनी श्री वर्धमान इंफ्राहोम प्राइवेट लिमिटेड ने सात फरवरी को जब आवंटी की शिकायतों पर सुनवाई की । “डिक्री धारक आवंटी के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया है कि निष्पादन के तहत डिक्री के बावजूद उनके मुवक्किल को यूनिट का कोई कब्जा नहीं सौंपा गया है। आवंटी के वकील ने अदालत से निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। आदेश में कहा गया है, “संबंधित कंपनी के निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए डिक्री धारक के वकील के अनुरोध को स्वीकार किया जाता है।” एओ अदालत ने अपने बेलीफ को निदेशकों को गिरफ्तार करने और सुनवाई की अगली तारीख पर या उससे पहले अदालत में पेश करने के लिए अधिकृत किया है। आदेश में कहा गया कि निदेशकों को सुनवाई की अगली तारीख 28 मार्च को या उससे पहले इस अदालत के समक्ष पेश किया जाए। अदालत ने इससे पहले इस संबंध में विचाराधीन रियल एस्टेट कंपनी के निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आदेश में कहा गया, “डिक्री धारक के एक आवेदन पर इस अदालत ने निदेशकों को यूनिट का कब्जा नहीं सौंपने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन निदेशकों द्वारा नोटिस की तामील के बावजूद कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।” अदालत ने नियामक प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन में प्रतिवादी कंपनी के लापरवाह रवैये पर अपनी चिंता व्यक्त की। “इससे पहले, 6 दिसंबर, 2022 को, यह प्रतिवादी रियल एस्टेट कंपनी श्री वर्धमान इंफ्राहोम की ओर से कहा गया था कि उक्त इकाई का कब्जा 15 दिनों की अवधि के भीतर आवंटी को सौंप दिया जाएगा। लेकिन आवंटी को आज तक कब्जा नहीं दिया गया है।’ Post navigation बोधराज सीकरी की अगुवाई में उपायुक्त निशांत यादव के समक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर जताया रोष पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी के प्रयास आवश्यक – पीसी मीणा