यदि भाजपा खट्टर सरकार इसी तर्ज पर सरकारी पदों को समाप्त करती रही तो हरियाणा में कुल स्वीकृत 445346 पदों में से 182497 पद वर्षो से खाली पडे है। इस हिसाब से तो भाजपा खटटर सरकार इन पदों को कभी भी समाप्त कर सकती है : विद्रोही
एक ओर रोजगार के अवसर दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे है, वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार वर्षो से स्वीकृत सरकारी पदों को भी समाप्त करके बेरोजगारी को बढ़ावा देने का अपराध कर रही है : विद्रोही

10 फरवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा में रेशनेलाईजेशन के नाम पर भाजपा खट्टर सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में विगत दो साल से खाली पड़े 13462 पदों को समाप्त करने के फैसले की कठोर निंदा करते हुए इसे जनविरोधी, रोजगार विरोधी फैसला बताया।

विद्रोही ने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग के 4446, लोकनिर्माण विभाग के 3535 और स्वास्थ्य विभाग के 2857 पदों को समाप्त करने से आमजन को मिलने वाली नागरिक सुविधाओं पर तो विपरित असर पड़ेगा ही साथ में बेरोजगारी भी बढेगी। उक्त पद दो साल से ज्यादा समय से खाली पड़े थे, क्योंकि सरकार इन पदों पर भर्तीया नही कर रही थी। यदि भाजपा खट्टर सरकार इसी तर्ज पर सरकारी पदों को समाप्त करती रही तो हरियाणा में कुल स्वीकृत 445346 पदों में से 182497 पद वर्षो से खाली पडे है। इस हिसाब से तो भाजपा खटटर सरकार इन पदों को कभी भी समाप्त कर सकती है।

विद्रोही ने कहा कि रेशनेलाईजेशन के नाम पर जिन पदों की जरूरत नही है, उन पदों को तो समाप्त करना समझ में आता है, पर जिन पदों पर सरकार के नकारापन के कारण भर्तीया नही हो रही है, उन आवश्यक पदों को भी खत्म करना समझ से परे है। एक ओर रोजगार के अवसर दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे है, वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार वर्षो से स्वीकृत सरकारी पदों को भी समाप्त करके बेरोजगारी को बढ़ावा देने का अपराध कर रही है। विभिन्न विभागों के खाली पड़े 13462 सरकारी पदों को समाप्त करने के बाद सरकार का जो बयान आया है, उससे पता चलता है कि भविष्य में सरकार और पदों को समाप्त करने वाली है।

विद्रोही ने कहा कि उनकी निजी सूत्रों की जानकारी अनुसार भाजपा सरकार लगभग 50 से 75 हजार सरकारी पदों को खत्म करने की फिराक में है। भाजपा सरकार का यह रवैया बहुत ही असंवेदनशील व बेरोजगारों के साथ क्रूर मजाक है। हरियाणा पहले ही बेरोजगारी में देश का सिरमौर राज्य बना हुआ है। ऐसे में हरियाणा में रोजगार खत्म करने नही अपितु बढ़ाने की जरूरत है। विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की कि वह अपने इस जनविरोधीे फैसले को तत्काल वापिस ले और सरकारी पदों को समाप्त करने की बजाय लगभग 1़.82 खाली पदों पर तत्काल भर्तीया करे। वहीं निजी क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की प्रभावी योजना बनाये। 

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