दो डॉक्टरों के हस्ताक्षर मिले, एक ने शपथ पत्र देकर झाड़ा पल्ला
6 लोगों की मेडिकल रिपोर्ट द्वारा बनी वृद्धावस्था पेंशन

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बुढ़ापा पेंशन बनवाने का मामला सामने आया है। बुढ़ापा पेंशन के लिए पेंशन बोर्ड के चिकित्सकों ने इनकी उम्र की सत्यापित की थी। अब इन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एक चिकित्सक ने तो अपने हस्ताक्षर को ही फर्जी बता कर पल्ला झाड़ लिया और दूसरे डॉक्टर पर उंगली उठाई है ।सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सिविल सर्जन नारनौल द्वारा एसपी को भेजी गई शिकायत में लिखा है कि कनीना के बाघोत निवासी वेदप्रकाश ने एक शिकायत दी है। जिसमें उसने आरोप लगाया है कि कई व्यक्तियों ने कम उम्र होने के बावजूद भी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 60 साल उम्र दिखाकर वृद्धावस्था पेंशन बनवा ली थी। उक्त व्यक्तियों की मेडिकल रिपोर्ट फर्जी तरीके से बनाई गई है।

इस पर चिकित्सा अधीक्षक ने मामले की जांच की तो पाया कि उक्त मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर कृष्ण मोहन शर्मा के हस्ताक्षर के अलावा डॉ राजेश कुमार जो कि बुढ़ापा पेंशन बोर्ड के मेंबर थे के हस्ताक्षर हैं। उनके द्वारा ही ओमप्रकाश, सुभाष, उदय सिंह, रानी, संतोष व भरपाई निवासी बाघोत की बुढ़ापा पेंशन बोर्ड द्वारा बनाई गई है। जिसमें दोनों चिकित्सकों के हस्ताक्षर हैं।

अब डॉक्टर राजेश कुमार जो इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बायल में कार्यरत हैं ने शपथ पत्र देकर बताया कि लाभार्थियों की मेडिकल रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर फर्जी किए गए हैं। इन वृद्धावस्था सम्मान के आवेदकों को उनकी उपस्थिति में बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया और ना ही आवेदकों की आयु आकलन फार्म पर उनके द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। आवेदकों का आयु का आकलन डाक्टर कृष्ण मोहन शर्मा द्वारा किया गया है। उन फार्म पर केवल डॉक्टर कृष्ण मोहन शर्मा के हस्ताक्षर हैं।

जिसके बाद सिविल सर्जन ने इसकी शिकायत एसपी को दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।