गुरुग्राम, 7 फरवरी। एस.जी.टी. विश्वविद्यालय उभरती चुनौतियों का सक्रिय रूप से जवाब देने और उससे निपटने की क्षमता विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम उठाते हुए 10 से 12 फरवरी, 2023 तक नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रही है।पूरे भारत से, नैदानिक ​​मनोविज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी पेशेवर इस आयोजन में भाग लेंगे|

व्यवहार विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर राजबीर सिंह ने सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, एसजीटी यूनिवर्सिटी देश में नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण के अग्रणी केंद्रों के रूप में उभरा है। सम्मेलन के महत्व को समझाते हुए, उन्होंने कहा कि कोविड के बाद और अन्य संबंधित घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए, एफबीएस ने इस सम्मेलन की मेजबानी करने का इरादा व्यक्त किया, जिसके लिए ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट्स ने सहमति दी।

सम्मेलन का विषय “मनोचिकित्सा और पर्यवेक्षण में हालिया चुनौतियां” होगा, जिसमें विभिन्न प्रासंगिक उप-विषय शामिल होंगे; मानसिक विकारों के उपचार और पर्यवेक्षण में सभी उभरते मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से इस सम्मेलन को आयोजित किया जा रहा है|

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के क्षेत्र में तेजी से हुई प्रगति ने एक परिस्थिति को आकार दिया है जिसने मानव क्षमता को कठोर और निरंतर परीक्षण के अधीन रखा है। कोविद-19 के दर्दनाक अनुभव ने परिस्थितियों का सामना करने के लिए और अधिक जटिल बना दिया है। विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या और इनकी गंभीरता, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक चुनौती पेश की है| सामुदायिक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना भी चिंता का विषय बन गया है।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान विचारों और सूचनाओं का व्यापक आदान-प्रदान होगा| सम्मेलन का विशिष्ट उद्देश्य उपचार के स्वदेशी तरीकों को तैयार करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम करना होगा। इस आयोजन का महत्व आम जनता को जागरूक करने में भी सफल होगा|

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