भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम हरियाणा का सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला है। अत: गुरुग्राम के विधायक का भी उसी अनुसार नाम होना चाहिए। जब मैंने पत्रकारिता आरंभ की तब गुरुग्राम में चौ. धर्मबीर गाबा और स्व. सीताराम सिंगला का नाम लिया जाता था। चौ. धर्मबीर गाबा न्यू कॉलोनी में निवास करते थे। कई बार विधायक रहे और मंत्री भी रहे लेकिन उनके घर के दरवाजे हर समय जनता के लिए खुले रहते थे।

इसी प्रकार स्व. सीताराम सिंगला चाहे एक बार विधायक रहे परंतु उनका औरा इतना बड़ा था कि प्रशासन पर उनका पूरा प्रभाव रहता था और उनके द्वार भी जनता के लिए हर समय खुले रहते थे। मुझे वह समय भी याद है जब वह चौ. बंसीलाल सरकार में सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन थे और कहा जाता था कि मुख्यमंत्री बंसीलाल के सबसे नजदीकी वही हैं। तात्पर्य यह कि उनकी शक्तियां भी मुख्यमंत्री से कम नहीं थीं लेकिन उस समय भी उनके निवास के दरवाजे कभी किसी के लिए बंद नहीं रहे। 

उसके पश्चात गोपीचंद गहलौत विधायक बने और साथ ही विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी बने। वह अपने निवास और अपने फार्म हाउस पर हर समय जनता के लिए उपलब्ध रहते थे। उसके पश्चात फिर धर्मबीर गाबा आए, फिर सुखबीर कटारिया बने और पिछली दफा उमेश अग्रवाल विधायक थे लेकिन जनता उनसे मिलने किसी भी समय जा सकती थी और उनके पास अपनीे समस्याएं लेकर आने वालों की भीड़ लगी ही रहती थी।

अब बात करें हमारे विलक्षण प्रतिभा के धनी विधायक सुधीर सिंगला की। चुनाव से कुछ समय पहले तक तो इनका राजनीति से कोई वास्ता ही नहीं था। चुनाव से कुछ समय पूर्व ही वह भाजपा में शामिल हुए। अब यह उनकी किस्मत थी या इनकी विलक्षण प्रतिभा या फिर इनके पिता स्व. सीताराम सिंगला के पुण्यों का फल था, जो उन्हें मिला और वह विधायक बन गए।

विधायक बनने के पश्चात उन्होंने एक नई परिपाटी गुरुग्राम शुरू की। जहां इससे पूर्व सभी विधायक हर समय जनता के लिए उपलब्ध रहते थे, वहीं उन्होंने अपने कार्यालय में सप्ताह में एक दिन दो घंटे का समय जनता के लिए रखा और उनका दावा है कि वह शहर की हर समस्या से अवगत हैं और उनका हल कर देते हैं। यह उनकी विलक्षण प्रतिभा ही है, जो बिना जनता से मिले उनकी समस्याओं को समझ समाधान कर देते हैं। 

यदि शुक्रवार को उन्हें विधायक के कार्यों से चंडीगढ़ जाना पड़े या अन्य कोई कार्य आ जाए तो उस सप्ताह का कार्यक्रम रद्द होता है। इसके अतिरिक्त भी यदि गुरुग्राम में उन्हें किसी कार्यक्रम में जाना हो तो भी कार्यक्रम रद्द हो जाता है। वैसे उनके दो घंटे के जनता दरबार में इनके साथ जनता की समस्याओं को दूर करने वाले 10-15 व्यक्ति तो होते हैं। उसके अतिरिक्त कितने ही लोग आते हैं कि वह उनकी समस्याएं उन दो घंटों में भली प्रकार सुन लेते हैं। समय की कमी कभी महसूस नहीं होती।

वर्तमान में गुरुग्राम में निगम चुनाव की चर्चा है और उनका कहना है कि मेरे 14 आदमियों को पार्षद की टिकट मिलेगी, जबकि अभी वार्डबंदी भी नहीं हुई है और फिर पुराना अनुभव कहता है कि निगम की टिकटों में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, चुनाव प्रभारी और वर्तमान में संसदीय समिति की सदस्या डॉ. सुधा यादव जो गुरुग्राम निवास करती हैं और गुरुग्राम में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा के प्रमुख निवास करते हैं। 

इन चुनावों में भाजपा जजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। जजपा का कहना है कि40 में से 8 सीटों पर तो हमारा अधिकार बनता है। तात्पर्य यह कि अभी यह भी नहीं पता कि गुरुग्राम विधानसभा में भाजपा 14 पार्षदों को अपनी टिकट पर लड़ा पाएगी भी या नहीं लेकिन विलक्षण प्रतिभा के धनी विधायक सुधीर सिंगला का कहना है कि उन्होंने 14 आदमियों की लिस्ट बना रखी है।  इन बातों को देखकर ही यह कहा जा सकता है कि वह विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं।

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