अब अहीरवाल के लोगों की एक स्वर में ही यहीं मांग व आंदोलन हो कि वर्ष 2023 मेडिकल शिक्षा सत्र मेें ही माजरा एम्स की कक्षाएं रेवाडी के अन्य भवन में अस्थायी रूप से शुरू की जाये : विद्रोही जिस एम्स को मुख्यमंत्री जी सितम्बर 2018 में पटौदी के एक राजनीतिक कार्यक्रम में जुमला बता चुके थे, अहीरवाल के लोगों ने अपने संघर्ष के बल पर उसी कथित जुमले को वास्तवकिता में बदला : विद्रोही 6 फरवरी 2023 – माजरा एम्स निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एमस संघर्ष समिति द्वारा रविवार को माजरा में एम्स का सांकेतिक शिलान्यास टालकर एम्स निर्माण होने तक लगातार संघर्ष करने का संकल्प लेने के निर्णय का स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने जोरदार स्वागत करते हुए इसे सही कदम बताया। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल का हर आम व खास नागरिक दिल से चाहता है कि माजरा में एम्स का शिलान्यास जल्दी से जल्दी हो और इसके भवन का विधिवत निर्माण कार्य शुरू हो ताकि यह एम्स फंक्शनल होकर अहीरवाल, राजस्थान राठ क्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा व राजस्थान के लोगों को बेहतर उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं दे सके। यदि आज माजरा में एम्स निर्माण का सपना निर्माण के नजदीक है तो वह अहीरवाल के जागरूक नागरिकों के मिलकर एम्स के लिए संघर्ष करने का सुफल है। यह कटु सत्य है कि यदि अहीरवाल के आमजन एम्स के लिए संघर्ष नही करते तो मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जी के शब्दों में एम्स वास्तव में जुमला बनकर रह जाता। विद्रोही ने कहा कि जिस एम्स को मुख्यमंत्री जी सितम्बर 2018 में पटौदी के एक राजनीतिक कार्यक्रम में जुमला बता चुके थे, अहीरवाल के लोगों ने अपने संघर्ष के बल पर उसी कथित जुमले को वास्तवकिता में बदला जिसके लिए एम्स संघर्ष करने वाले अहीरवाल के लोगों की जितनी भी प्रशंसा की जाये, वह कम है। एम्स शिलान्यास 3 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री एम्स के नाम पर नही होने के कारण अटका हुआ है। इस बाधा को भी पार कर लिया जायेगा। इस बाधा को पार करने के बाद शिलान्यास होने के बाद भी एम्स को फंक्शनल होने में कितना समय लगेगा, यह कोई नही जानता क्योंकि मोदी सरकार की मंशा रही है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए दावे, वादे, घोषणााएं तो करती है, लेकिन जमीन पर काम ना के बराबर करती है। मोदी सरकार के रवैये के मध्यनजर विद्रोही ने अहीरवाल के सभी आम व खासजनों से विनम्र अनुरोध किया कि अब वे सरकार पर दबाव बनाये कि वर्ष 2023 के मेडिकल शिक्षा सत्र से माजरा एम्स की कक्षाएं रेवाडी में किसी अस्थायी भवन में उसी तर्ज पर शुरू की जाये जिस तरह ऋषिकेश उत्तराखंड व बिहार में बिना जमीन चिन्हित, अधिग्रहित हुए व बिना स्थायी भवन बने भी अस्थायी भवनों में एम्स कक्षाएं शुरू की गई है। उसीे तरह जब तक माजरा एम्स भवन का विधिवत शिलान्यास न हो व भवन न बने तब तक इसी साल के मेडिकल शिक्षा सत्र में रेवाडी के किसी अस्थायी भवन में एम्स कक्षाएं शुरू की जाये ताकि अहीरवाल में एम्स को ठोस रूप देने की शुरूआत हो सके। अब अहीरवाल के लोगों की एक स्वर में ही यहीं मांग व आंदोलन हो कि वर्ष 2023 मेडिकल शिक्षा सत्र मेें ही माजरा एम्स की कक्षाएं रेवाडी के अन्य भवन में अस्थायी रूप से शुरू की जाये। Post navigation माजरा एम्स शिलान्यास को लेकर मांडवीया से मिले राव इंद्रजीत लगता है यौन शोषण शिकार की महिला जूनियर कोच को स्वतंत्र-निष्पक्ष न्याय नही मिलने वाला : विद्रोही