गुरुग्राम के मानेसर में पीएलआई- ऑटो, पीएलआई- एसीसी और फेम जैसे प्रमुख विषयों पर केंद्रित रहा पंचामृत की ओर सम्मेलन
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने किया सम्मेलन को सम्बोधित

गुरुग्राम, 04 फरवरी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने आज मानेसर में केंद्र सरकार की प्रमुख संस्था इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) सेंटर – 2 में “पंचामृत की ओर” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित किया और केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के साथ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन पी एल आई- ऑटो, पी एल आई- एसीसी और फेम जैसे प्रमुख विषयों पर केंद्रित था। 

इस राष्ट्रीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी, घटक और वाहन डिस्प्ले के साथ पर्यावरण अनुकूल और घरेलू विनिर्माण की दिशा में भारत में मोटर वाहन उद्योग के प्रचार और विकास के लिए भारी उद्योग मंत्रालय की योजनाओं – पीएलआई- ऑटो, पीएलआई एसीसी, सीजी-2 और फेम के कार्यान्वयन और इसके होने वाले सकारात्मक प्रभाव पर विचार- विमर्श किया गया।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम सीओपी 26 – “पंचामृत की सौगात” से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं के अनुरूप भारी उद्योग मंत्रालय की योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित करने के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में पूरे विश्व में केवल 5 देश ही ऐसे है जहां व्हीकल की क्रैश टैस्टिंग की जाती है। इन देशों के बाद केवल भारत ही ऐसा देश जहां विश्व स्तर के व्हीकल क्रैश टैस्टिंग केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व की व्हीकल बनाने  वाली कंपनियों को क्रैश टेस्टिंग के लिए  भारत में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में पूर्व में क्रैश टैस्टिंग के लिए लगने वाले 251 प्रतिशत टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है। 

डॉ पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि दुनिया की हर बेहतर चीज की इंडस्ट्री भारत मे होनी चाहिए। उन्होंने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि 21वी सदी भारत की होगी। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उनकी पदचिन्हों पर चलते हुए उनकी विचारों को मूर्त रूप दे रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि देश कैसे हर फील्ड में आगे आए इसको लेकर केंद्र सरकार पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ रही है। मौजूदा वर्ष का बजट इसका प्रमाण है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसमें लिथियम बैटरी के क्षेत्र में जब तक भारत देश पूरी तरह से आत्मनिर्भर नही बन जाता तब तक केंद्र सरकार ने लिथियम के आयात पर लगने वाले आयात शुल्क को भी कम करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अगले 25 वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया है इसके लिए वैकल्पिक साधनों को हर सम्भव बढ़ावा दिया जाएगा।*

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उद्योग मंत्रालय लागत और प्रौद्योगिकी अंतर को दूर करने के लिए उद्योगों का समर्थन करेगा ताकि हम ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देकर अपने महंगे विदेश आयात को कम कर सके। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में केंद्र की सरकार निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने,  कौशल विकास को बढ़ाने व बौद्धिक संपदा की रक्षा करना के लिए पूर्णतः प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आज भारत में विश्व स्तरीय सड़कों में राजमार्गों के निर्माण के चलते वाहनों के अधिक बिक्री से परिवहन आसान हुआ है। वहीं ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) के क्षेत्र में आज भारत दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ, ऐसे कई सारे इनीशिएटिव पर भी तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा विश्व मंच पर पंचामृत की पांच प्रतिबद्धताओं की घोषणाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कहा कि इन प्रतिबद्धताओं में भारत के विकास की चरणबद्ध योजनाएं शामिल है। जिससे देश 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि देश की आधी ऊर्जा आवश्यकताओं को 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके पूरा किया जाएगा।

इंकविबेशन सेंटर का किया शुभारम्भ
इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने प्रदर्शनी एवं आईकैट इंक्विबेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों का अनावरण भी किया। आईकैट इंक्विबेशन सेंटर का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र पांडेय ने प्रसन्नता जाहिर की और इसकी प्रासंगिकता को लेकर विस्तार से बात की । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इंक्यूबेशन सेंटर बाजार के लिए तैयार उत्पादों को विकसित करने के लिए स्टार्ट- अप्स की मदद करेगा। इससे विकसित उत्पादों की सफलता दर में भी आशातीत वृद्धि होगी। आईकैट प्रदर्शनी में परीक्षण और प्रमाणन के बुनियादी ढांचे का प्रदर्शन किया गया। ये सुविधाएं इन नई तकनीकों के विकास और ऑटोमोटिव उत्पादों के प्रमाणन को भी सक्षम बनाएंगी। एक्सपो और तीन तकनीकि सत्रों में 1500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने मंत्रालय के लक्ष्यों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। वही सचिव डॉ हनीफ कुरैशी ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया और केंद्र सरकार नीतियों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर नीति आयोग के सलाहकार शुभेंदु सिन्हा, भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विजय मित्तल, आइकेट के निदेशक सौरभ दलेला, एक्मा के अध्यक्ष संजय कपूर, एसआईएएम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त  कार्यक्रम में ऑटोमोटिव उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों, नीति आयोग, एमएचआई, एमओआरटीएंडएच, एमएनआरई, एमओईएफसीसी, एमओपी, एमओपीएंडएनजी के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, वरिष्ठ शिक्षाविदों, स्टार्ट- अप प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और कई  इंजीनियरिंग कालेजों के छात्र भी बडे पैमाने पर शामिल हुए।

तकनीकी सत्र में हुआ नवीनतम प्रौद्योगिकी पर व्यापक विमर्श
कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में हाइड्रोजन, ईवीएस, जैव ईंधन और गैस ईंधन वाले वाहनों की प्रौद्योगिकियों के विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मोटर वाहन उद्योगों के विभिन्न प्रतिष्ठित वक्ताओं ने नई अत्याधुनिक तकनीकों और “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को भविष्य में साकार करने के परिप्रेक्ष्य में अपने विचार रखे। हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी पर सत्र में ऑटोमोटिव एप्लिकेशन के लिए ऊर्जा के स्रोत के रूप में हाइड्रोजन को अपनाने के लिए प्रौद्योगिकियों में विकास पर कमिंस इंडिया से डॉ. अनुराधा गणेश, टोयोटा किर्लोस्कर से एस दलवी और एमएसआईएल से अनूप भट्ट, ओमेगा सीकी मोबिलिटी से उदय नारंग, सीईएस के जी ढिल्लों और लिवगार्ड से प्रवीण मदान ने भविष्य के मोबिलिटी समाधान के रूप में ईवीएस के प्रौद्योगिकी विकास और अनुकूलन को प्रस्तुत किया। एम एस आई एल से अजय कुमार, एवीएल के दिनेश गोयल और जेसीबी के अनुपम दवे ने मोटर वाहन ईंधन के रूप में जैव ईंधन के विकास और इससे जुड़े आवश्यक पहलुओं को अपनाने पर बल दिया । 

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