दिल्ली के तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर को तोड़कर बहुजन समाज की अस्मिता को बुलडोजर चलाकर कुचलने वाले भाजपा वालों को कोई अधिकार नहीं संतों की जयंती मनाने का

पटौदी 3/2/2023 :- ‘संत रविदास का रास्ता और संघी हिंदुत्व विचारधारा का रास्ता दोनों ही एकदम विपरीत हैं, सामाजिक एकता और समरसता का संदेश देने वाले संत रविदास जी तो जीवन भर मनुवादी संघी हिंदुत्व के खिलाफ लड़ते रहे जबकि भाजपा और आरआरएस जीवन भर मनुवादी संघी हिंदुत्व के अनुयाई बनकर उसके पोषक बनते रहे हैं। फिर ये लोग गुरु रविदास जी के अनुयाई बनके उसकी जयंती मनाने का ढोंग कैसे कर सकते हैं?’ उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी तो इसी ढोंग के खिलाफ थे, लेकिन भाजपा ने संतों – महात्माओं पर भी वोट की राजनीति करने के लिए पार्टी के दलित नेताओं को इस वंचित तबके के लोगों को बरगलाने के लिए आगे कर दिया है ताकि इनके वोटों को हड़पा जा सके।

हरियाणा कांग्रेस की सोशल मीडिया से स्टेट कॉर्डिनेट वर्मा ने कहा कि ये बीजेपी वाले सद्भाव, समानता और सामाजिक सशक्तिकरण पर कहीं भी संतों की किसी एक भी वाणी को सार्थक करके दिखाएं? जितना जातीय भेदभाव इनकी सरकार में फैला है उतना शायद ही देश की आजादी के बाद और पहले पनपा हो। उन्होंने कहा कि बहुजन संतों ने जात-पात, छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया और इस जहरीली विचारधारा वाली संघी पार्टी ने हिंदू-मुस्लिम करके देश को बांटने में पूरा योगदान दिया है। इनके पाखंड की भी हद है।

महिला कांग्रेस पार्टी की नेत्री ने कहा कि बीजेपी द्वारा तुगलकाबाद स्थित मध्यकालीन युग के संत रविदास मंदिर को अवैध निर्माण बता कर तोड़ना इनकी संतों के प्रति हीनभावना व इनकी घृणित जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर भी जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि दिल और दिमाग साफ रखने से ही स्वच्छ समाज का निर्माण हो सकता है। संत हमेशा भाईचारे का संदेश देते हैं। आप खुद सोचिए आप क्या संदेश दे रहे है अपने शासन काल में?

वर्मा ने बीजेपी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर रविदास जयंती मनाने के फैसले पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि काश! ये लोग महान संत गुरु रविदास जी की बताई शिक्षा पर अमल करते हुए उनके दिखाए रास्ते पर चलने का किंचित प्रयास भी करते तो ज्यादा बेहतर होता। उन्होंने ये भी कहा कि जनकल्याण की सोचने वाले अपनी सुरक्षा में, रैलियों में, कार में, चश्मा में, घड़ी में, नई- नई ड्रेसों में फिजूलखर्ची न करते बल्कि उस पैसे को जनसरोकार पर खर्च करते।

महिला नेत्री ने मोदी जी को भी नसीहत देते हुए कहा कि ‘प्रचार मंत्री साहब किसी मंदिर के पुजारी बन जाइए और देश को बख्श दीजिए। आपको कभी किसी स्कूल या अस्पताल में उतना जाते नही देखा गया जितना मंदिर, आश्रम और मठों में देखा जाता है और वो भी चुनावों के नजदीक आने पर। क्या रविदास जयंती आपके जीवन काल में पहली बार आई है क्या?’

सुनीता वर्मा ने कहा कि हमारे देश में कभी भी किसी संत को जातीय सीमा में नहीं बांधा गया, लेकिन आज बीजेपी ने जातिवाद और वोट-बैंक की राजनीति में संत रविदास जी का जो राजनीतिक महिमा मंडन किया है वो शर्मनाक है, इतना सब करने की बजाए ये लोग गुरु रविदास की दी गई शिक्षाओं और मन चंगा तो कठौती में गंगा वाली सोच पर अमल करते या उनके दिखाए रास्ते पर चलते तो देशहित में ज्यादा सार्थक होता।

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