लोगों के जीवन के साथ खेला जा रहा है खेल, बनाया जा रहा है मूर्ख बस पर कोई लाल पट्टी नहीं, रिवाइंड टायरों का प्रयोग , स्पेयर टायर में नही थी हवा । जीएम का दावा: नारनौल डिपो को मिली 8 नई बीएस-6 बसें, लंबे रूट के यात्रियों को मिलेगी सुविधा जल्द ही 13 बसें मिलने की भी संभावना भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । बहुत ही आश्चर्य की बात है कि नारनौल से चंडीगढ़ या चंडीगढ़ से नारनौल के लंबे रूटों पर भी थर्ड क्लास बसें चलाई जा रही हैं। सच में ये बसें तो स्थानीय रूटों पर भी चलने के काबिल नहीं है। लेकिन यह सरकार जनता के जीवन के साथ पूरी तरह से खिलवाड़ कर रही है l नारनौल से चंडीगढ़ या चंडीगढ़ से नारनौल लगभग 370 किलोमीटर के करीब है। और इस लम्बे रुट पर भी इस प्रकार की थर्ड क्लास बसें चलाकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है जो पूरी तरह से जनता के साथ अन्याय हैं । बस में इस्तेमाल के टायरों की हालत इतनी खराब होती है कि वे बीच रास्ते में ही फट जाते हैं और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि सफर पूरा करने के लिए अतिरिक्त टायर की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं होती l 2 फरवरी को चंडीगढ़ से साय 3 बजे चलने वाली बस केवल 4 घटे चलने के बाद ही जवाब दे गई ओर रास्ते के बीच में उसके आगे वाला टायर फट गया | भगवान का शुक्र था कि बस के आस – पास कोई दूसरा वाहन नहीं था। लेकिन हद तो तब हो गई जब ड्राइवर और कंडक्टर ने स्पेयर टायर देखा जो पहले से ही अच्छी स्थिति में नहीं था, जो उपयोग मे नही लाया जा सकता था क्योकि उसमे हवा ही नही थी । सभी यात्री बहुत हैरान थे कि अब उनके पास अपनी मंजिल तक पहुँचने का कोई विकल्प नहीं है। सूरज पहले ही अस्त हो चूका था इसलिए सभी महिलाएं डर गईं। जब यात्रियों ने कंडक्टर विक्रम से गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरी बस की व्यवस्था करने की गुहार लगाई तो उन्होंने जवाब दिया कि किसी भी बस की व्यवस्था नहीं है। उसने कहा कि जो बस चंडीगढ़ से 4 बजे चली है वह बस आ रही है उसी मे ही जाना पड़ेगा, उसका इंतजार करो । और अंत में बस आई और यात्री बस में बैठ गए और रात 10 बजे नारनौल पहुंचे । पवन दौगंली भारतीय ने बताया कि सरकार लोगो के जीवन के साथ न खेले तथा लॉग रूट पर अच्छी और सरकारी बसें ही चलाएं ताकि लोग आरामदायक सफर पूरा कर सके । नारनौल डिपो को मिली 8 नई बीएस-6 बसें, लंबे रूट के यात्रियों को मिलेगी सुविधा लंबे रूटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है। हरियाणा रोडवेज के नारनौल डिपो को नई 8 बीएस-6 बसें मिली हैं। इन सभी 8 बसों को इसी सप्ताह आन रूट होने की उम्मीद है। फिलहाल पांच बसों के परमिट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जबकि तीन बसों के भी जल्द ही परमिट प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल डिपो में 109 बसें हैं और 8 बसें नई आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 117 हो जाएगी। बीएस-6 बसें मिलने से लंबे रूटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी, क्योंकि सभी बसों को लंबे रूट पर चलाया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से दिल्ली, झूंझंनू, जयपुर के रूट शामिल किए जाएंगे। बता दें कि बीएस-6 मॉडल बसें हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कारपोरेशन गुरुग्राम द्वारा तैयार की गई हैं। जल्द ही 13 बसें मिलने की भी संभावना नारनौल डिपो को कुल 30 बसें मिलनी थी, जिसमें से फिलहाल 17 बसें अब तक आ चुकी हैं। बीएस-6 मॉडल की 9 बसें कुछ समय पहले डिपो को मिली थी। अब 8 नई बसें मिली हैं। इसके अलावा 13 बसें और भी आनी बाकी हैं। इसके बाद डिपो का बेड़ा बढ़कर 130 तक हो जाएगा। इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिल सकेगी। डिपो में बीएस-6 मॉडल की आठ नई बसें आई हैं। इससे पहले 9 बसें मिली थी। इन सभी बसों को लबे रूटों पर चलाया जाएगा। इससे यात्रियों को काफी लाभ होगा। कुल 30 बसें मिलनी हैं। इसमें से 17 बसें आ चुकी है और 13 आना बाकी हैं।-नवीन शर्मा, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज नारनौल डिपो। Post navigation मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट, नारनौल की मांग जमीन विवाद को लेकर शहर के दो पक्षों में झगड़ा