प्रदेश में आज क्यों मनाई जा रही है माघी पूर्णिमा से पूर्व रविदास जयंती क्या सरकार लोगों का ध्यान अडानी, ई टेंडरिंग, महंगाई, बेरोजगारी व अन्य मुद्दों से हटाने के उद्देश्य ऐसा कर रही है? जींद में 100 से ज्यादा सरपंच हिरासत में नरवाना में सीएम के विरोध का ऐलान था, 3 बसों में ले गई पुलिस सिरसा में लोगों ने किया सीएम का विरोध, हुई गिरफ्तारियां अशोक कुमार कौशिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा आजकल देश में इतिहास की नई व्याख्या तथा धर्म के मनाने के नए तौर-तरीकों पर बड़ा जोर दे रही है। जहां इतिहास की नई व्याख्या करके पुराने इतिहास को मुगलकालीन अथवा कम्युनिस्टवादी बताकर अनुचित ठहरा कर अपने ढंग से उसकी नई व्याख्या पेश करके उसे तरजीह दी जा रही है। इसी तर्ज पर महापुरुषों की जन्मदिवस अथवा सनातनी परंपरा को दरकिनार करके वह अपने तरीके से जयंती मना रही है। इतिहास की तरह महापुरुषों पर उत्सव को अपने तरीके से मनाए जाने की परंपरा डाली जा रही है। उदाहरण के तौर पर आज हरियाणा में संत रविदास जयंती को सरकारी स्तर पर मनाया जा रहा है। जबकि सनातनी परंपरा के अनुसार यह माघी पूर्णिमा को मनाया जाता है। सरकार प्रदेश में फैली बेरोजगारी, महंगाई, परिवार पहचान पत्र की खामियां, वृद्धावस्था पेंशन में कटौती, कर्मचारी असंतोष, ओपीएस की मांग, प्राकृतिक आपदा, किसानों की समस्याओं सहित ई टेंडरिंग तथा राइट टू रिकॉल के मुद्दों को एकतरफा करके अपने तरफ से मनमाने तरीके से आयोजन कर अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रही है। इतिहास की नई व्याख्या तथा नई परंपरा के अनुसार उत्सव मनाया जाने कि यह परिपाटी बड़े सुनियोजित तरीके से अमल में लाई जा रही है। नए इतिहास व नई परंपराओं के तहत युवा धड़कनों में धर्म की नई चासनी परोस रही है। अब हरियाणा में इसका कितना असर होगा यह देखने वाली बात है। हरियाणा जिसने प्रत्येक सरकार की जनविरोधी कमियों का आज तक जबरदस्त विरोध किया है और सरकार के निर्माता के ऊपर जन आंदोलन पर उसे अपने फैसले ऑफिस लेने पर विवश किया है। किसान आंदोलन की तरह क्या सरपंचों का आंदोलन भी सरकार को उसके निर्णय के लिए बाध्य करेगा? इसका पता समय आने पर चलेगा। जगाधरी व नरवाना में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की 641वीं जयंती के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित किये जा रहे है। इन राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। समारोह में श्री गुरु रविदास महापर्व के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम मुख्य अतिथि होंगे। शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल गुज्जर, कार्यक्रम के संयोजक अंबाला सांसद रतन लाल कटारिया, कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी, पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज, अंबाला विधायक असीम गोयल, विधायक सुभाष सुधा, संजय भाटिया समेत कई नेता कार्यक्रम में पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल व कुरुक्षेत्र जिलों के लोग पहुंच रहे हैं। प्रशासन की तरफ से मौके पर गुरु रविदास जी के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। गुरु रविदास जी की वाणी का प्रचार करने के लिए एक भजन मंडली बुलाई गई है। कार्यक्रम में काफी संख्या में महिलाएं भी पहुंच रही है। इसके अलावा पांचों जिलों के गुरु रविदास मंदिरों के महंतों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में 5000 लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई है। अनाज मंडी के एक शेड में कार्यक्रम में आए लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। माघ मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है संत रविदास जयंती हर साल माघ मास की पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष रविदास जी की जयंती 5 फरवरी 2023 को पड़ेगी। संत रविदास जी रैदासजी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। इस दिन संत रविदास के अनुयायी बड़ी संख्या में उनके जन्म स्थान पर एकत्रित होते हैं। भजन कीर्तन करते हैं, रैलियां निकालते हैं और उनके द्वारा बताए गए अमूल्य विचारों पर चलने का संकल्प लेते हैं। जात-पात का भेद मिटाया कहा जाता है कि संत रविदास जी बड़े परोपकारी थे। उन्होंने समाज में जातिगत भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता पर जोर दिया और हमेशा भक्ति की भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया। संत रविदास के उपदेश आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं। संत रविदास कबीरदास के समकालीन थे और उन्हें गुरुभाई कहा जाता है। रविदास जी के जन्म के संबंध में कई मत हैं, लेकिन कई विद्वानों का कहना है कि उनका जन्म जिस दिन हुआ था उस दिन रविवार का दिन था, इसलिए उनका नाम रविदास रखा गया। रविदास जी सभी को सुझाया भक्ति मार्ग संत रविदास ने अपना जीवन प्रभु की भक्ति और सत्संग में व्यतीत किया था। वे बचपन से ही प्रभु भक्ति में लीन रहते थे। उनकी प्रतिभा को जानकर स्वामी रामानंद ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया। ऐसा माना जाता है कि कृष्ण की भक्त मीराबाई संत रविदास की शिष्या भी थीं। कहा जाता है कि मीराबाई को संत रविदास से प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने भक्ति मार्ग पर चलने का फैसला किया। मीराबाई के एक श्लोक में उनके गुरु का उल्लेख है – ‘गुरु मिलिया संत गुरु रविदास जी, दिन्ही ज्ञान की गुटकी.’ और ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ उन्होंने कभी जाति का भेद नहीं किया। जो भी संत या फकीर उसके द्वार पर आता, उसे बिना पैसे लिए हाथ से बनी जूतियां पहना देते थे,वह हर काम को पूरे मन और लगन से करते थे। उनका कहना था कि शुद्ध मन और भक्ति से किया गया कार्य अच्छा फल देता है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’- रविदास जी का यह कथन सबसे अधिक प्रसिद्ध है, इस कथन में रविदास जी ने कहा है कि यदि शुद्ध मन से कार्य किया जाए तो उसे तीर्थयात्रा के समान मनाया जाता है। सीएम का विरोध, गिरफ्तारियां ,जींद में 125 से ज्यादा सरपंच हिरासत में नरवाना में सीएम के विरोध का ऐलान था, 3 बसों में ले गई पुलिस हरियाणा के जींद जिले के नरवाना मेला मंडी में आयोजित संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती में सीएम मनोहर लाल आ रहे हैं। सीएम का विरोध करने जा रहे 125 से ज्यादा सरपंचों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें बस में बैठा कर अज्ञात स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। गौरतलब है कि -ई टेंडरिंग तथा राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंच पिछले 20 दिनों से लगातार धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं। सरपंच एसोसिएशन ने मांगे न माने जाने के विरोध में नरवाना में आज शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने आए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का विरोध करने का ऐलान किया हुआ था। वही शुक्रवार को सिरसा में किसानों ने प्रदर्शन किया। ई टेंडरिंग को लेकर उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रैली का विरोध किया। सरपंचों के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। विरोध को बढ़ता देख पुलिस ने सरपंचों को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद सरपंचों ने रोड जाम करने की चेतावनी दी। सरपंचों ने कहा कि अगर उनके साथियों को जल्द नहीं छोड़ा गया तो वो रोड जाम कर प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ सरपंचों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल सहित कई सरपंचों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जिसके विरोध में सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों ने चौपटा थाने के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सरपंचों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद चौपटा भादरा मार्ग सिरसा पर सरपंचों ने जाम लगा दिया। जाम लगाने से वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। हालांकि पुलिस प्रशासन सरपंचों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन सरपंच अपने साथियों को छोड़ने की मांग कर रहे हैं. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल ने कहा कि उनके काफी साथी नरवाना पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की रैली का विरोध हर हाल में किया जाएगा। सरकार ई-टेंडरिंग को लागू कर सरपंचों को बर्बाद करना चाहती है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हरियाणा में सरपंचों का विरोध देखा जा रहा है। सरपंच अपनी मांग पर अभी भी अड़े हुए हैं। सरपंचों का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वह लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे। इसी क्रम में शुक्रवार को हरियाणा सरकार की रैली का भी उन्होंने विरोध किया है। Post navigation 2025 तक हरियाणा होगा टी बी मुक्त – मुख्यमंत्री -सनातन और संत-मत ही भारत को भारत बनाते हैंः ओमप्रकाश धनखड़