-संत – मत की विचारधारा से ही हुआ भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का निर्माण।
-महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के बिना सनातन नहीं और संत रविदास, कबीर दास के बिना भारत का संत मत नहीं।
-भगवान रविदास भारतीय संत परंपरा के शिरोमणि।।
गुरुग्राम में मनाई गई राज्य स्तरीय संत रविदास जयंती
भाजपा गरीबों, पिछड़ों व वंचितों की सरकारः ओम प्रकाश धनखड़

चंडीगढ़/गुरुग्राम, 3 फरवरी। गुरुग्राम में संत रविदास जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि संतों के विचार ही भारत का विचार है। सनातन और संत-मत ही भारत को भारत बनाते हैं। ओमप्रकाश धनखड़ ने संतों के सम्मान में भाजपा सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ भी की। श्री धनखड़ से पहले अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाभ सिंह आर्य, केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्य डा. सुधा यादव, मंत्री डा. बनवारी लाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सत्य प्रकाश जरावता ने भी समारोह को संबोधित किया।

अपने संबोधन में ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि सनातनी भारत और सनातन संस्कृति ही विश्वकल्याण और मानवता की मूल विचारधारा है। भारत की इस महानतम विचारधारा का निर्माण सनातन और संत परंपरा से ही हुआ है। भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के बगैर सनातन की कल्पना भी नहीं की जा सकती और भगवान रविदास, कबीर दास जैसे संत मतों के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है।

धनखड़ ने कहा कि भारतीय परंपरा के लिए ये गर्व का विषय है कि महानतम संत परंपरा हमारी अनुसूचित जातियों से संबंध रखती है। जिनके अनुयायी सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व भर में हैं। शुक्रवार को गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में संत सिरोमणी रविदास जयंती समारोह बड़ी भव्यता के साथ मनाया गया, जिसमें हजारों लोगों ने उपस्थित होकर संतों को याद किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संत हमारे जीवन को बनाते हैं, हमारा मार्गदर्शन करते हैं। संतों के कारण ही भारत की दुनिया में अलग पहचान है। संत महात्माओं ने हजारों साल पुराने ज्ञान को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाकर समाज पर बहुत बड़ा उपकार किया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत में केवल दो धाराएं दिखाई देती हैं, एक सनातन और दूसरी संत मत की धारा है। इन दोनों धाराओं से भारत, भारत बनता है। सनातन धारा के अगर कोई मालिक हैं,तो महर्षि वाल्मीकि हैं। उन्होंने कहा कि रामायण के बिना सनातन नहीं हो सकता और संत रविदास और कबीर के बिना संत मत नहीं हो सकता। भारत में ज्ञान की यह विरासत संतों और महापुरूषों की देन है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जिन्होंने रामायण की रचना की और महर्षि वेद व्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की, वे पिछड़े वर्ग से आते हैं, इसलिए हमें इन पर गर्व होना चाहिए। भारत में संस्कृति का आधार कहीं से खड़ा होता है तो वह अनुसूचित जाति वर्ग से होता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया ने अपने ज्ञान पर दो हजार साल पहले ही ताला लगा दिया था। किसी ने 1500 साल पहले यह कह दिया यह आखिरी किताब है, इसके बाद कोई किताब नहीं होगी, लेकिन भारत में संत परम्परा है जहां ज्ञान की कोई आखिरी किताब नहीं होती। भारत ने डंके की चोट पर अपने ज्ञान को आगे बढ़ाया और दुनिया को भी अपने ज्ञान से प्रकाशित किया।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संत रविदास के छोटे से वाक्य “मन चंगा तो कठौती में गंगा“ ने पूरे विश्व को सुखी होने की राह दिखाई है। मन चंगा है तो दिल भी चंगा है, मन चंगा नहीं तो कुछ भी चंगा नहीं। जिसने मन साध लिया उसने सब कुछ सीख लिया। उन्होंने कहा कि संत रविदास की वाणी पर चलकर सभी का जीवन सुखी हो सकता है।

धनखड़ ने कहा कि संत ज्ञान को शुद्ध करते हैं, जीवन जीने की राह दिखाते है न और हमारे जीवन से बहुत सी नकारात्मक चीजों को दूर करते हैं, इसलिए संतों का मार्गदर्शन हमें आनंद प्राप्त कराता है। श्री धनखड़ ने कहा कि संत रविदास ने कहा था-ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना मूलमंत्र बनाया, आज सभी गरीबों को अन्न मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान और मुख्यमंत्री मनोहर लाल चिरायु कार्ड देकर गरीब लोगों का जीवन सुरक्षित किया है। श्री धनखड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीबों, पिछड़ों, अनुसूचित जाति और वंचितों की पार्टी है, हमें ऐसी पार्टी पर गर्व करना चाहिए।

ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गरीबों के उत्थान के लिए बहुत काम किए हैं। हर घर शौचालय बनाकर माताओं, बहनों का सम्मान किया है। कांग्रेस शासन के दौरान गैस के लिए लंबी लंबी लाइन लगती थी और गैस नहीं मिलने पर महिलाएं परेशान होती थी, लेकिन भाजपा की सरकार ने उज्जवला योजना के तहत गरीबों को गैस कनेक्शन देकर उनको धूआं से मुक्ति दिलाई है। महिलाओं को पहले दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था इस परेशानी को भाजपा सरकार ने समझा और अब नल से जल हर घर पहुंच रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदीजी ने देश के प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान रखा है। कोरोना काल के दौरान सभी नागरिकों को फ्री में वैक्सीन लगाकर उनके जीवन को सुरक्षित किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में आज भारत सुरक्षित और ताकतवर है। उन्होंने कहा कि बजट में मोदी सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है इसलिए ऐसी सरकार सराहना के योग्य है। केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें संत रविदास, महर्षि वाल्मीकि के विचारों चलकर सेवा भाव से लोगों के काम कर रही है। इस मौके पर इस मौके पर पलवल से विधायक दीपक मंगला, जयंती समारोह के व्यवस्था प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा और जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ आदि उपस्थित रहे।

संत रविदास का सम्मान वो ही कर सकता है जो उन्हें चाहता है : लाभ सिंह आर्य

अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाभ सिंह आर्य ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश को आजाद हुए 73 साल हो गए, इस दौरान लगभग 57 साल कांग्रेस की सरकार रही। किसी भी सरकार ने संतों की जयंतियां मनाने का काम नहीं किया, लेकिन मनोहर सरकार ने अपने आठ साल में संत, महापुरूषों को सम्मान देकर इतिहास रचा है। हरियाणा में संत रविदास जयंती पर बड़ा आयोजन वो ही कर सकता है जो संत रविदास को चाहता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था मेरी सरकार गरीबों के लिए समर्पित होगी और उन्होंने करके दिखाया है। पीएम मोदी ने संत रविदास की भावनाओं का आदर किया है। सैकड़ों वर्ष पहले मीरा ने संत रविदास की शिष्या बनकर सामाजिक समरसता का उदाहरण दिया था। पीएम मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद नीचे बैठते हैं और संतों को उपर बैठाते हैं, सही मायने में वो संतो ंके विचारों पर चलकर देश की संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मोदी के नेतृत्व में गरीबों का उत्थान हो रहा है और राष्ट्र दुनिया के सामने ताकतवर बनकर उभर रहा है। पीएम मोदी ने संत रविदास का भव्य मंदिर बनाने के लिए करोड़ों रुपये देकर समाज के संतों का सम्मान किया है।

पीएम मोदी और सीएम मनोहर लाल के हाथों में दलितों के अधिकार सुरक्षित : डा. बनवारी लाल

संत रविदास जयंती के संयोजक व मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि संत रविदास ने अपनी वाणी से समाज के अंदर समरसता का भाव पैदा किया। उन्होंने अपने ज्ञान के प्रकाश से लोगों के जीवन में बदलाव लाने का किया। संत रविदास की बताई गई वाणियों और विचारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल चलकर समाज के अंतिम व्यक्ति का भला कर रहे हैं। संतों की जयंति सरकारी स्तर पर मनाने के फैसले सीएम मनोहर लाल के फैसले का उन्होंने धन्यवाद किया। डा. बनवारी लाल ने महापुरूषों को जो सम्मान भाजपा सरकार ने दिया है उतना किसी सरकार ने नहीं दिया। कांग्रेस के साशन में काफी अत्याचार दलितों पर होते थे लेकिन आज भाजपा की सरकार में दलित सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और मुख्यमंत्री के हाथों पर दलितों का अधिकार सुरक्षित है।

संत पूरे राष्ट्र के होते हैं : डा. सुधा यादव

केंद्रीय संसदीय समिति की सदस्य एवं पूर्व सांसद डा. सुधा यादव ने संत रविदास के बारे में बोलते हुए कहा कि संत किसी जाति, सम्प्रदाय के नहीं होते बल्कि वे पूरे राष्ट्र के संत होते हैं और उन संतो के द्वारा जो रास्ता दिखाया जाता है उस पर चलकर हमारा जीवन सार्थक हो जाता है। आज का दिन संकल्प करने का दिन है। उन्होंने कहा कि हम अपने आप में से बुराई का त्याग करें और अच्छाई को अपनाएं तभी जयंति मनाने की सार्थकता होगी।

संत रविदास ने जन्म के आधार पर भेदभाव का किया था विरोध : मूलचंद शर्मा

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने संत रविदास जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भक्तिकाल के संत और कवि रविदास को आध्यात्मिक समाज सुधारक माना जाता है। संत रविदास ने जन्म के आधार पर भेदभाव का विरोध किया था। उन्होंने धार्मिक एकता की बात की थी। मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा में महापुरूषों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनको सम्मान देने का काम किया है। श्री शर्मा ने कहा कि संत रविदास के बताए मार्ग पर चलकर भाजपा सरकार अंत्योदय की भावना से जनसेवा के कार्य कर रही है।

संत रविदास ने सनातन धर्म बचाने का काम किया : विधायक जरावता

संत रविदास जयंती समारोह सह संयोजक व विधायक सत्य प्रकाश जरावता ने कहा कि 2014 से पहले दलित समाज के लोग चंदा मांगकर संतों की जयंतियां मनाते थे, चीफ गेस्ट के लिए नेताओं के चक्कर काटते थे। जरावता ने कहा कि लेकिन अब मनोहर सरकार ने संतों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाकर सभी समाज को जोड़ने का काम किया है। आजादी के बाद पहली बार गुरू रविदास की बड़े स्तर पर 36 बिरादरी के लोग जयंती मना रहे हैं। संत रविदास 800 वर्ष पूर्व जब मुगलों का राज था उनसे टक्कर लेते हुए सनातन धर्म को बचाया। संत रविदास ने उस समय भक्ति आंदोलन चलाकर समाज की भलाई के लिए काम किया। सनातन धर्म के अंदर जाति पाति का भेदभाव था तब संत रविदास ने कड़ा प्रहार किया था और उन्होंने कहा था कि सभी एक ही ईश्वर की संतान है।

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