गांव के परस पर खड़ा था खेजड़ी वृक्ष, महिलाएं करती थी पूजा
सुबह लोग सोकर उठे तो कटा मिला खेजड़ी का पेड़, थाने पहुंचा मामला

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। गांव रामबास में खेजड़ी ( जांटी) के एक प्राचीन पेड़ काटने को लेकर विवाद हो गया है। विवाद बढ़ गया तो मौके पर पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को भी बुलाना पड़ा ।पुलिस ने ग्रामीणों से बातचीत कर मामला शांत करवाया। ग्रामीणों ने पेड़ काटने वालों के खिलाफ एक शिकायत पुलिस व वन विभाग को दी है।

बताया जा रहा है कि गांव रामबास के बीचो-बीच बने (परस) चबूतरे पर जांटी (खेजड़ी) वृक्ष लंबे समय से कायम था। ग्रामीणों का कहना है कि यह पेड़ करीब 100 साल से अधिक पुराना था और उनकी आस्था से जुड़ा था। शुक्रवार को सुबह जब ग्रामीण उठे तो गांव के बीचो-बीच बने परस पर यह पेड़ उन्हें कटा मिला । इस पर ग्रामीण भड़क गए तथा उन्होंने वहां पर हंगामा कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि यह जांटी का पेड़ उनकी धार्मिक आस्था का प्रतीक था इसी कारण गांव की महिलाएं इस पेड़ की पूजा अर्चना भी करती थी। वही वर्षों पुराना होने के कारण गांव के बीचो-बीच बने चबूतरे पर भी इस पेड़ के लिए अलग से स्थान छोड़ा गया था ताकि इस पेड़ को किसी प्रकार का कोई क्षति ना पहुंचे। लेकिन गुरुवार शुक्रवार की रात इस पेड़ को किसी ने काट दिया। जिसके बाद से गांव के लोगों ने हंगामा कर दिया।

हंगामा इस कदर बढ़ गया था कि वहां पर मौजूद लोगों ने 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस और वन विभाग को भी बुला लिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों की बात सुनी तथा मामला शांत करवाया इसके बाद ग्रामीणों ने एक लिखित शिकायत सदर थाना में दी है।

खेजड़ी का पेड़ काटे जाने की शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को भी की है तथा मौके पर भी वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर कटे हुए पेड़ को दिखाया।

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