हम चाहते हैं कि शीघ्र-अति-शीघ्र चुने हुए नुमायदें अपनी एडॉक कमेटी बना लें तथा चुने हुए नुमायदों में से ही एक व्यक्ति को पैट्रन बनाया जाएगा- अनिल विज आरएसएस राष्टï्रीयता, प्रेम और एक समानता सिखाती है- विज चण्डीगढ़ 28 दिसम्बर- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हमारी सरकार सिक्खों के धार्मिक प्रबंधन में कोई दखल देना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी मंशा सिक्खों के मुद्दे पर राजनीति करने की नहीं है बल्कि हम चाहते है कि शीघ्र-अति-शीघ्र इसकी चुनाव प्रक्रिया आरम्भ हो जाए और शीघ्र-अति-शीघ्र चुने हुए नुमायदें अपनी एडॉक कमेटी बना लें तथा चुने हुए नुमायदों में से ही एक व्यक्ति को पैट्रन बनाया जाएगा। श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा सिक्ख गुरूद्वारा (प्रबंधक) संशोधन विधेयक, 2022 के संबंध में हो रही चर्चा के दौरान बोल रहे थे। आज विधान सभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा (प्रबंधक) संशोधन विधेयक, 2022 को पारित किया गया है। उन्होंने बताया कि गत 14 जुलाई, 2014 को कांग्रेस की सरकार ने यह अधिनियम लाए थे लेकिन इसमें बहुत सी चीजे साईलेंट थीं इसके चुनावों के बारे में कुछ भी नहीं था। इनके चुनाव करवाने के लिए हमने न्यायमूर्ति एच.एस. भल्ला को कमिशनर नियुक्त किया है ताकि इनके चुनावों के सम्बन्ध में आगे की कार्यवाही करे। श्री विज ने कहा कि विपक्ष न्यायमूर्ति एच.एस. भल्ला की नियुक्ति पर प्रश्रचिन्ह लगा रहा है जबकि न्यायमूर्ति एच.एस. भल्ला को शीघ्र-अति-शीघ्र चुनाव करवाने के लिए लगाया गया है। श्री विज ने कहा कि आरएसएस राष्टï्रीयता, प्रेम और एक समानता सिखाती है और हमने सक्रिय लोगों को ही हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मंशा साफ है और हम साफ मन से काम कर रहे है। उन्होंने कि चुनाव होगा और जनता इसके बारे में निर्णय देगी। विपक्ष को जनता पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सिक्ख समाज उन्हीें लोगों को चुनेगा जो शर्तों को पूरा करता होगा। गौरतलब है कि सरकार द्वारा नामित सभी इकतालीस सदस्य अपने अध्यक्ष वरिष्ठ उपाध्यक्ष कनिष्ठ उपाध्यक्ष महासचिव संयुक्त सचिव और छह सदस्यों का चुनाव करेंगे जो समिति के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य होंगे। पहली बैठक सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी द्वारा बुलाई और अध्यक्षता की जाएगी। नई कार्यकारी समिति के गठन के बाद तदर्थ समिति और कार्यकारी बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। नई चुनी गई हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चार्ज संभालने के बाद तदर्थ समिति नई चुनी गई कमेटी को चार्ज सौंप देगी। सरकार द्वारा नामित सभी इकतालीस सदस्य अपने अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कनिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और छह सदस्यों का चुनाव करेंगे, जो समिति के कार्यकारी बोर्ड के पहले सदस्य होंगे। बैठक का आयोजन एवं अध्यक्षता प्रशासन द्वारा नियुक्त अधिकारी द्वारा की जायेगी। नई समिति के गठन के बाद तदर्थ समिति और कार्यकारी बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। परन्तु कि यदि धारा 11 के तहत चुनाव अठारह महीने की अवधि के भीतर नहीं होते हैं, तो सरकार द्वारा अठारह महीने की अवधि के लिए या चुनाव होने तक, जो भी पहले हो, एक नई तदर्थ समिति नामित की जाएंगी। नई चुनी गई हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा कार्यभार संभालने के बाद तदर्थ समिति नवनिर्वाचित समिति को प्रभार सौंप देगी। Post navigation शराब घोटाले में सरकार चर्चा नहीं चाहती क्योंकि इसमें मंत्री और अधिकारियों के नाम सामने आते : अभय सिंह चौटाला कांग्रेस ने विधानसभा में उठाई गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग