शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन इनेलो द्वारा सोनीपत के अंदर 7.4 लाख के करीब शराब की पेटियां एल-13 गोदाम से गायब होने पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अभय सिंह चौटाला को बोलना था
जैसे ही प्रस्ताव को टेबल किया गया और अभय सिंह ने बोलना शुरू किया तो डिप्टी स्पीकर द्वारा मामले को कोर्ट में सब-ज्यूडिस होने का हवाला देते हुए चर्चा करने से साफ इंकार कर दिया
अभय सिंह ने इसे सदन में लोकतंत्र का गला घोंटने और तानाशाही करार देते हुए सदन से किया वॉकआउट
प्रेसवार्ता कर कहा- जिन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किए और फीस दी, सरकार उनका पैसा वापिस करे
गन्ने के दाम 426 रुपये प्रति क्विंटल किए जाएं

चंडीगढ़, 28 दिसंबर: बुधवार को विधान सभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला को इनेलो द्वारा सोनीपत के अंदर 7.4 लाख के करीब शराब की पेटियां एल-13 गोदाम से गायब होने पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलना था। जैसे ही प्रस्ताव को टेबल किया गया और अभय सिंह ने बोलना शुरू किया तो डिप्टी स्पीकर द्वारा मामले को कोर्ट में सब-ज्यूडिस होने का हवाला देते हुए चर्चा करने से साफ इंकार कर दिया। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि ये सरासर ठेकेदारों को बचाने के लिए सरकार द्वारा खेल खेला जा रहा है और साफ कहता हूं कि स्पीकर सरकार से मिला हुआ है।

अभय चौटाला ने कहा कि शराब घोटाले में सरकार चर्चा नहीं चाहती क्योंकि इसमें मंत्री और अधिकारियों के नाम सामने आते। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जब नशा तस्करों के खिलाफ जो कार्यवाही की जा रही है उस पर ध्यानाकर्षण पर मुख्यमंत्री ने बोलना शुरू किया तो उनके द्वारा ‘‘विध्वंसक’’ शब्द का इस्तेमाल किया गया, चूंकि मेरे सवाल में विध्वंसक शब्द नहीं था, उसको लेकर मुख्यमंत्री माफी मांगे या अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। इतना कह कर उन्होंने ध्यानाकर्षण पर चर्चा न करने को सदन में लोकतंत्र का गला घोंटने और तानाशाही करार देते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

इसके बाद विधान सभा में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार ने 3 दिन का विधान सभा सत्र बुलाया था और उनकी तरफ से 12 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए गए। पहला कॉल अटेंशन बेरोजग़ारी पर दिया और आज बेरोजग़ारी चरम पर है। 2014 से 2022 तक भर्ती परीक्षाओं के लिए एचएसएससी के माध्यम से 169.93 करोड़ रूपए और एचपीएससी के माध्यम से 35.75 करोड़ रूपए आवेदन फीस इक्कठी की गई लेकिन भर्तियां रद्द होने एवं पेपर लीक होने से युवाओं को रोजगार नहीं मिला। जिन्होंने आवेदन किए उन्हे सरकार उनका पैसा वापिस करे।

गन्ने की क़ीमत को लेकर सदन में चर्चा हो रही है इस संबंध में हमने काल अटेंशन दिया था। गन्ने के रेट बढ़ाने को लेकर कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है बढ़ाने होते तो बढ़ा देते इस तरह के बहाने नहीं बनाते। हरियाणा प्रदेश में गन्ने का रेट पंजाब से कम है। हमारी मांग है 425 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के दाम किए जाएं।

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