किसानों के मुद्दे पर चर्चा से भागती रही सरकार, चर्चा के प्रस्ताव नहीं किए स्वीकार- हुड्डा

28 दिसंबर, चंडीगढ़ः कांग्रेस की तरफ से आज विधानसभा में गन्ने के रेट में बढ़ोतरी की मांग उठाई गई। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गन्ने का रेट नहीं बढ़ने की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। खाद, बीज, दवाई, पेट्रोल-डीजल, ट्रांसपोर्ट पर किसानों की लागत लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन सरकार एक पैसे की भी बढ़ोत्तरी नहीं कर रही है।

किसानों की मांग है कि गन्ने का रेट 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। लेकिन सरकार पंजाब के बराबर रेट करने के लिए भी तैयार नहीं है। बार-बार मांग करने के बावजूद जब सरकार ने रेट बढ़ाने से इनकार किया तो इसके विरोध में कांग्रेस की तरफ से सदन से वॉकआउट कर दिया गया।

ज्ञात रहे कि प्रदेश में 2005 तक गन्ने का रेट 117 रुपये था। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान इसमें 193 की बढ़ोत्तरी करके 310 रुपए तक पहुंचाया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गन्ने के रेट में लगभग 3 गुणा यानी 165 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई। यह सालाना लगभग 18.3 प्रतिशत बढ़ोत्तरी बनती है। लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने 8 सालों में गन्ने के रेट में सिर्फ 17 फीसदी ही बढ़ोतरी की। यानी सालाना सिर्फ 2.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस के मुकाबले रेट बढ़ोत्तरी के मामले में बीजेपी-जेजेपी सरकार दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती।

इससे पहले कांग्रेस की तरफ से सदन में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापिस लेने की मांग, जलभराव और मुआवजे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई। लेकिन किसानों से जुड़े कई प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। यहां तक कि सदन में टेबल हो चुके मुद्दे पर भी जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। विपक्ष की तरफ से 50 से ज्यादा प्रस्ताव दिए गए। इससे पता चलता है कि जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। विपक्ष जनता के मुद्दों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन सरकार अपनी जवाबदेही से भाग रही है।

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