भारतीय न्यायिक प्रणाली में जब तक ‘कोलोजियम पद्धति’ लागू रहेगी, तब तक ऐसे ही आरक्षण विरोधी फ़ैसले देखने को मिलते रहेंगे

पटौदी 27/12/2022 :- ‘बीजेपी का कोर्ट ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को रद्द नही करता लेकिन ओबीसी का आरक्षण रद्द कर देता है।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस एससी सैल में सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेट सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को रद्द करने के हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट का ये फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण व अफसोसजनक है। इसमें उत्तरप्रदेश सरकार की साज़िश है क्योंकि उसने जानबूझ कर सही तरीके से विस्तृत प्रक्रिया नही अपनाई और न्यायालय के समक्ष ठोस तथा तर्कपूर्ण तथ्यों को प्रस्तुत नही किया और सरकार ने जानबूझकर आरक्षण नियमों की अनदेखी की।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि योगी सरकार की कमजोर पैरवी के कारण हाईकोर्ट ने यूपी सरकार का ड्राफ्ट खारिज किया है। उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी के ओबीसी नेताओं की खामोशी पर भी सवाल खड़े किए।

वर्मा ने बीजेपी को दलित व पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि जब तक भाजपा की सरकार रहेगी तब तक इन वंचित वर्गों के अच्छे दिन नही आने वाले। इस सरकार द्वारा हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बनाकर ओबीसी के पूरे अधिकार छीन लिए गए, सवर्णों ने दस फीसदी अलग से आरक्षण ले लिया और ओबीसी अभी भी चौदह फीसदी में ही अटका हुआ है। उन्होंने पिछड़े तथा दलित वर्गों को चेताते हुए कहा कि ये लोग आज भी सोते रहे तो कल को बहुत देर हो जाएगी। क्योंकि स्थानीय निकाय के बाद नौकरी और शिक्षा का आरक्षण ख़त्म होगा। ओबीसी के बाद एससी/एसटी का नंबर आएगा।

वर्मा ने शायराना अंदाज में कहा कि ‘जलते घर को देखने वालों, फूस का छप्पर आपका भी है, उसके कत्ल पर मै भी चुप था, मेरा नंबर अब आया, मेरे कत्ल पर आप भी चुप है, अगला नंबर आपका भी है।’ उन्होंने आरक्षण का विरोध करने वालों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जाति से मिला आरक्षण सबको दिखाई देता है, लेकिन जाति से मिला शोषण, भेदभाव और अत्याचार किसी को नहीं दिखता। उन्होंने कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट पर अपनी बात रखते हुए कोर्ट से सवाल किया कि ईडब्ल्यूएस को दिए आरक्षण में भी आपने ट्रिपल टेस्ट देखा था क्या? उन्होंने कोर्ट के इस फैसले को छोटे – छोटे ओबीसी हिंदुओं को बड़े – बड़े हिंदुओं द्वारा अपने पैरों तले रौंदने वाला बताया।

महिला कांग्रेस नेत्री ने इस फैसले को कोर्ट और बीजेपी की जुगलबंदी बताते हुए इसे एक संयोग नहीं बल्कि प्रयोग बताया और कहा की अब एक विशेष रणनीति के द्वारा इस फैसले पर बीजेपी द्वारा लीपापोती होगी फिर जनता को गुमराह किया जाएगा और बाद में ओबीसी के बड़े शुभचिंतक होने का दिखावा करते हुए इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा कर इस आरक्षण को बहाल करके बीजेपी को ओबीसी की बड़ी हितैषी दिखाते हुए इवेंटबाजी के साथ इनके वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि असल में भाजपा दलित और पिछड़ा विरोधी है। इन्होंने हमेशा संविधान के खिलाफ काम किया है। इन्हें संविधान की किसी भी व्यवस्था से कोई मतलब नहीं है।

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