जजपा द्वारा भाजपा को मिला जबरदस्त राजनीतिक झटका जजपा की दीपाली चौधरी निर्विरोध जिला परिषद चेयरमैन बनी मौजूदा चुनाव परिणाम का आगामी चुनावों में भी पड़़ेगा असर भारतीय जनता पार्टी खेमे में छा गया पूरी तरह से सन्नाटा जिला परिषद वाइस चेयरमैन पद भी भाजपा के हाथ से गया दीपाली जिला परिषद की छठी, तीसरी महिला जिला प्रमुख दीपाली चौधरी को जजपा सहित कथित भाजपा का भी समर्थन फतह सिंह उजाला गुरुग्राम/पटौदी । देश और दुनिया में राजनीति से लेकर हर क्षेत्र में सुर्खियां बने रहने वाला जिला गुरुग्राम में जिला परिषद चेयरमैन और वाइस चेयरमैन को लेकर हुए चुनाव में जो राजनीतिक धमाका हुआ है। इसकी गूंज और धमक लंबे समय तक राजनीति को निश्चित ही प्रभावित करेगी । इस बात में किसी को भी कोई शक या गुंजाइश नहीं होनी चाहिए । आजाद उम्मीदवार पटौदी विधानसभा क्षेत्र में शामिल वार्ड नंबर 9 से पूर्व जिला पार्षद और विधानसभा का चुनाव लड़ चुके जननायक जनता पार्टी के नेता दीपचंद की पुत्री दीपाली चौधरी के द्वारा सबसे पहले तो भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मधु सारवान को पराजित किया गया। जबकि दीपाली चौधरी को पराजित करने सहित भाजपा की मधु सारवान को जीत दिलाने के लिए एमएलए एडवोकेट जरावता सहित भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक सुंदर लाल यादव व तमाम नेताओं के द्वारा रात दिन पसीना बहाया गया। लेकिन आखिरकार दीपाली चौधरी मैं यहां से 1780 वोट के अंतर से जीत हासिल कर लगभग जिला परिषद चेयरमैन की ताजपोशी अपने लिए सुनिश्चित कर ली थी। दीपाली चौधरी तीसरी महिला चेयरमैनअब बात करते हैं जिला परिषद गुरुग्राम की छठी चेयरमैनशिप या प्रधान पद के चुनाव के लिए । दीपाली चौधरी जिला परिषद गुरुग्राम की तीसरी महिला चेयरमैन और छठी चेयरमैन चुनी गई हैं । जिस प्रकार के आकलन लगाए जा रहे थे और खासतौर से भाजपा जिला इकाई , भाजपा के नेताओ द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा दावे किए जा रहे थे कि जिला परिषद चेयरमैन और वाइस चेयरमैन भारतीय जनता पार्टी का ही पार्षद बनेगा । कड़ाके की ठंड में सोमवार को भाजपा के इस दावे को ऐसी ठंड लगी है कि यह ठंड भाजपा को लंबे समय तक सताती रहेगी। इसका मुख्य कारण है निकट भविष्य में मानेसर, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पटौदी मंडी नगर परिषद के चुनाव भी प्रस्तावित हैं । ताजपोशी की रणनीति 4 दिन पहले हीसूत्रों के मुताबिक दीपाली चौधरी कि जिला परिषद के लिए ताजपोशी की रणनीति लगभग 4 दिन पहले ही जननायक जनता पार्टी के तथा अन्य शुभचिंतक रणनीति के धुरंधर रणनीतिकारों के द्वारा तैयार कर ली गई थी। सूत्रों के मुताबिक यह रणनीति इस प्रकार से तैयार की गई थी कि जननायक जनता पार्टी के ताले और चाबी को भारतीय जनता पार्टी लाख प्रयासों के बावजूद भी खोलने या फिर भेदने में पूरी तरह से नाकाम रही। हालांकि इस बीच भाजपा के द्वारा हर वह दाव खेला गया, जिसे की मानसिक, दिमागी और राजनीतिक खेल भी कहा जा सकता है ? यह खेल था कथित रूप से दबाव बनाकर दीपाली चौधरी को भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया जाना । लेकिन लगता है कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी अपने ही जाल में ऐसी उलझ गई की भारतीय जनता पार्टी के अपने ही चुने गए जिला पार्षद और टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट होकर चुनाव लड़कर विजई हुए जिला पार्षदों को एकजुट करना भी भाजपा संगठन के लिए अंतिम समय तक संभव नहीं हो सका । भाजपा नेताओं को भनक तक नहींगुरुग्राम जिला पार्षद के 10 पार्षदों में यदि देखा जाए तो इनमें से कम से कम दीपाली चौधरी के अतिरिक्त कथित रूप से तीन अन्य जिला पार्षदों को भी जननायक जनता पार्टी की विचारधारा का माना जा सकता है । दूसरी ओर यह भी रहस्य बना हुआ है कि कथित रूप से वाइस चेयरमैन के लिए दावेदार कहे जा रहे वार्ड नंबर 4 के ही जिला पार्षद मनोज कुमार ने आखिर ऐसा क्या कारण रहा कि सोमवार को चुनाव प्रक्रिया से अपने आप को पूरी तरह अलग रखा ? यह किसी भी उम्मीदवार का व्यक्तिगत और निजी फैसला और कारण भी हो सकता है । जननायक जनता पार्टी के द्वारा भारतीय जनता पार्टी की सूत्रों के मुताबिक हर उस राजनीतिक रणनीति पर पैनी नजर रखते हुए पहले से ही चाल को नाकाम बनाने की रणनीति पर इस प्रकार से कार्य किया जा रहा था, जिसकी भाजपा और भाजपा के नेताओं को अंतिम समय तक भनक तक नहीं लग सकी। जिसका परिणाम यह हुआ कि सोमवार को जननायक जनता पार्टी की नवागत सदस्य दीपाली चौधरी की ताजपोशी जिला परिषद चेयरमैन के रूप में होते हुए देखने के अलावा भाजपा के सामने अन्य कोई विकल्प भी नहीं बच सका । भाजपा के रणनीतिकारों की सभी चाल नाकामयहां यह कहने में भी कोई गुरेज नहीं है कि जिस प्रकार से जननायक जनता पार्टी की राजनीतिक रणनीति के सामने भाजपा की और भाजपा के रणनीतिकारों की तमाम चाले नाकाम रही , उसे देखते हुए भाजपा के लिए दीपाली चौधरी की ताजपोशी एक बड़ा झटका कहा जा सकता है । भाजपा के ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा यहां तक कहा गया था कि भाजपा का उम्मीदवार जिला परिषद चेयरमैन बनाने के लिए यदि जरूरत पड़ी तो जननायक जनता पार्टी समर्थित दीपाली चौधरी की ताजपोशी रोकने के लिए भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के द्वारा नोटा तक का भी इस्तेमाल करने का विकल्प मौजूद है । लेकिन अंतिम समय में यह नोटा भी नाकाम ही साबित हुआ । दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक वार्ड नंबर 1 से ओम प्रकाश का जिला परिषद वाइस चेयरमैन चुना जाना भी कहीं ना कहीं भाजपा संगठन और भाजपा नेताओं के लिए वर्ष 2022 के जाते जाते किसी सदमे से कम नहीं कहा जा सकता । कथित रूप से ओम प्रकाश भाजपा के ही पुराने कार्यकर्ता रहे और उनके द्वारा भाजपा की टिकट की अनदेखा किया जाने के बाद उन्होंने जिला परिषद चुनाव में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर अपने मुकाबिल संजीव को पराजित किया । भाजपा संगठन के लिए राजनीतिक सबकअब बात करते हैं भाजपा संगठन और भाजपा नेताओं की, कि आखिर ऐसा क्या और कौन सा कारण रहा कि भाजपा नेता जोकि जिला परिषद चुनाव से पहले तक यह दावा करते आ रहे थे कि अधिकांश जिला पार्षद भाजपा विचारधारा और पुराने कार्यकर्ता हैं , वह सब भाजपा के ही साथ हैं । अब ऐसे कार्यकर्ताओं में या पार्षदों में नाम बताने या गिनने की जरूरत नहीं। भाजपा के सामने सवाल यह है कि भाजपा का विश्वास और भरोसा क्या भारतीय जनता पार्टी समर्थित उम्म्ीदवार और नेता जिसे वाइस चेयरमैन पद देने के लिए भी नहीं जीत सके ? इस बात पर भी भाजपा संगठन को चिंतन और मंथन करने की जरूरत है । कुल मिलाकर जननायक जनता पार्टी के द्वारा गुरुग्राम जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का एक प्रकार से सूपड़ा साफ कर दिखाया है। दूसरी ओर राजनीति के जानकारों और राजनीति पर पकड़ रखने वालों का यह भी आकलन है कि जिस प्रकार से जननायक जनता पार्टी के द्वारा देश और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी और संगठन को गुरुग्राम जिला परिषद चुनाव में शिकस्त दी गई है । वह भी भाजपा संगठन के लिए एक ऐसा राजनीतिक सबक है। जिला परिषद का पूर्व पदाधिकारी चाणक्यकथित रूप से जिसे फिर से सीखने के लिए भाजपा को अपनी ही पाठशाला में एक बार फिर नए सिरे से राजनीति का पाठ पढ़ने की जरूरत पड़ सकती है । इसी कड़ी में सूत्रों के मुताबिक जननायक जनता पार्टी की दीपाली चौधरी की जिला परिषद के तौर पर ताजपोशी में जिला परिषद के ही एक पूर्व पदाधिकारी के द्वारा बतौर चाणक्य महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा की जाने की चर्चा सुनी जा रही है । गुरुग्राम जिला परिषद की नई चेयरमैन दीपाली चौधरी की ताजपोशी सहित वाइस चेयरमैन ओम प्रकाश की ताजपोशी के मौके पर विशेष रुप से जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन कल्याण सिंह, जिला परिषद के पूर्व पार्षद एवं पटौदी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके दीपाली चौधरी के पिता दीपचंद, पाटोदी पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन राकेश यादव, संदीप कुंडू , सत्यनारायण यादव , तारीफ कुंडू सहित पटौदी क्षेत्र के विभिन्न गांवों के चुने हुए जनप्रतिनिधि तथा शुभचिंतक मौजूद रहे। Post navigation कोविड से निपटने को लेकर सेक्टर10 स्थित नागरिक अस्पताल में हुई मॉकड्रिल यूपी के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करना संयोग नहीं बल्कि बीजेपी और कोर्ट की जुगलबंदी का प्रयोग : सुनीता वर्मा