जेलर को बताया अंग्रेजो के जमाने का जेलर – जयहिंद
जेल मंत्री को जयहिंद ने बताया  जीरो मंत्री
सरकार को फिर दिखाया जयहिंद ने सोटा
नकली मुकदमे बना कर सरकार ने पहले फंसाया फिर हटाई धाराएं – जयहिंद

रौनक शर्मा

रोहतक : नवीन जयहिंद ने जेल से रिहाई के बाद शनिवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जयहिंद करीब 8 दिन जेल में रह कर आये है जिसके बाद उन्होंने सुनारिया जेल में बंद कैदियों की  व्यथा का बखान किया। 

जयहिंद ने कहा की  हरियाणा के जेल मंत्री ज़ीरो मंत्री है क्योकि जेल मंत्री के शासन में कैदियों को  जेल में ना तो नहाने के लिए  गरम पानी की सुविधा है ना  पीने के  लिए दूध की। 

नवीन जयहिंद ने दावे के साथ कहा की जेल में आज भी 70 प्रतिशत निर्दोष लोगो को कैद कर के रखा गया है ।

जयहिन्द ने प्रेसवार्ता कर जेल के हालात बयां करते हुए बताया कि जेल के अंदर सभी कैदियों ने कर्मचारियों ने उनसे जेल के अंदर की समस्या सांझा की। जयहिन्द ने बताया हमारे जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने जेल में कैदियों की सुविधा के लिए कुछ भी संतोषजनक कार्य नही किये है। साथ ही जयहिन्द ने बताया की मंत्री जी खुद तो इस ठंड में सभी काम गर्म पानी से करते होंगे मगर जेल के कैदियों को इस ठंड के मौसम में ठंडे पानी से नहाना पड़ता है। जिस वजह से कैदियों को 15 -15 दिनों तक बिना नहाए रहना पड़ता है। मंत्री जी को तो शर्म आनी चाहिए क्योंकि वे ताऊ देवीलाल जी के परिवार से आते है और ताऊ देवीलाल जी ने अपने जीवन मे बहुत आंदोलन करे है जिस वजह से वे कई बार जेल भी गए। उन्हें अच्छे से पता होना चाहिए कि जेल में क्या-क्या समस्याएं होती है लेकिन वे फिर भी कैदियों की सुविधाओं की व्यवस्था नहीं करते।

जयहिंद ने  कहा की  कोरोना काल के दौरान सरकार ने खुद कैदियों को रिहा कर दिया लेकिन जब कोरोना काल समाप्त हो गया और कैदी वापिस जेल में आ  गए तो उनकी सजा को काम नहीं किया गया  , साथ  ही जय हिंद ने  सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा की  कोर्ट ने  आदेश दिए है की जिन  अपराधों में व्यक्ति की सजा 7 साल से कम की हो  उनमे गिरफ्तारी से  पहले  नोटिस दिए जाने आवश्यक है लेकिन  रोहतक पुलिस द्वारा उन्हें कोई  नोटिस जारी नहीं किया गया। 

जयहिंद ने सरकार को चेताते हुए कहा है की नवीन जयहिंद यमराज से भी नहीं डरता तो वो इस सरकार से क्यों डरे।  सरकार  सभी विपक्ष के  नेताओं और जनहित के मुद्दे उठाने वालो को फाइलों का डर दिखा कर उन्हें चुप करा देती है  लेकिन सरकार के पास हमें डराने के लिए कुछ भी नहीं है इसलिए हम  ये आवाज और बुलंद करेंगे।  साथ ही अब हम ऐसा एक काम करने जा रहे है जो इस सरकार ने ना कभी सोचा होगा न देखा होगा। 

 जयहिन्द ने बताया कि विधानसभा सत्र चालू होने को है ओर वे बेरोजगारों की समस्याओं, बुजुर्गो की समस्याओं, खिलाड़ियों की समस्याओं, सीईटी क़वालीफाई करने की मांग को लेकर विधानसभा की ओर कूच करेंगे।

नवीन जयहिंद ने बताया की केवल कैदी ही नहीं  जेल में  काम करने वाले कर्मचारियों ने  भी जयहिंद से अपनी समस्या साझा की  उन्होंने बताया की उनकी तनख्वाह पंजाब के कर्मचारियों  के  मुकाबले बेहद काम है जबकि सरकार बहुत पहले ये ऐलान कर चुकी है  की जेल के  कर्मचारियों और हरियाँ पुलिस के  जवानो को भी पंजाब पुलिस के समान ही वेतन दिया जायेगा।  जयहिन्द ने बताया कि जेल में उन्होंने अखबार में एक खबर पढ़ी जिसमे महामहिम राष्ट्रपति द्वरा सभी राज्यो को कहा गया है की यह बिल्कुल गलत बात है जो बेवजह जेलों को भरा जा रहा है। और सुप्रीम कोर्ट यह कह चुका है कि पांच साल का अंडरट्रायल अपने आप मे एक सजा है। जब एक व्यक्ति को बेवजह झूठे केसो में फंसा कर जेल में डाल दिया जाता है और वह कैदी अपनी 5 साल या 7 साल की कैद काट कर जब रिहा होता है तो उसे उसका मुआवजा उसे मिलना चाहिए।  साथ ही जयहिन्द ने बताया कि कैदियों को परोल का अधिकार है। बाउंडेशन के अंतर्गत 40 दिनों के अंदर फैसला हो जाना चाहिए। लेकिन 6-6 महीनों तक फ़ाइले ऐसे ही पड़ी रहती है, जिनकी कोई सुनवाई नही होती।

जेल में कैदी भी सरकार से परेशान – जेल मंत्री ज़ीरो मंत्री 

नवीन जयहिंद ने  बताया की जेल में कैदियों के हालत बहुत बुरे है और आज भी वहां अंग्रेजो के जमाने के जेलर है , कैदियों ने जयहिंद से ये गुहार लगायी है  की वो कैदियों की केवल एक आवाज उठा दे वो है सर्दियों में  गरम पानी की। एक तरफ तो प्रदेश के  नेता मंत्री , मुख्यमंत्री को सर्दियों में पीने तक के लिए गर्म पानी चाहिए और दूसरी तरफ  जेल में कैदियों को  इस कड़कती ठण्ड में भी ठन्डे पानी से नहाना पद रहा है।  उनके लिए सर्दियों में गरम पानी और गर्मियों में ठन्डे पानी तक की व्यवस्था नहीं है।  जयहिंद ने कहा की अगर ये  जेल मंत्री से ना हो रहा हो तो हम उन कैदियों के लिए वाटर कूलर लगाने के लिए तैयार है।  

एससी / एसटी झूठा मुकदमा पहले लगाया फिर हटाया 

सिंचाई विभाग के मामले में पहले सरकार ने नवीन जयहिंद पर SC -ST का मुकदमा लगाया और बाद में उसी मुकदमे को हटा दिया गया।  अगर नवीन जयहिंद पर  मुकदमा बनता ही नहीं था तो जयहिंद को जेल में क्यों रखा गया और अगर वो मुकदमा वाकेही जायज था तो सरकार ने उसे अब हटा क्यों लिया ? इससे पता चलता है की कैसे सरकार ने जयहिंद को फ़साने के लिए षड्यंत्र रचा था। 

पहरावर वाली जमीन का मुद्दा 

नवीन जयहिंद पर पहरावर वाली जमीन को लेकर भी मुकदमा दर्ज किया गे , जबकि खुद मुख्यमंत्री करनाल में आयोजित ब्रह्माण्ड महाकुम्भ में ये बात स्वीकार चुके है की पहरावर की जमीन  ब्राह्मणों की है और ये सरकार ब्राह्मणों को उनका अधिकार दे चुकी है , ऐसे में जब जमीन ब्राह्मणो की ही है  तो सरकार ने नवीन जयहिंद पर कैसे मुकदमा कर दिया ? साथ ही सरकार ने कहा की पहरावर मामले में जयहिंद ने थाने से जमानत ली हुई है जबकि जयहिंद ने उस मामले में कोई जमानत नहीं ली है।  

साढ़े चार साल बाद याद आयी 2018 भाईचारा कांवड़ यात्रा की बात 

नवीन जयहिंद पर पानीपत में साल 2018 में भाईचारा कांवड़ यात्रा के दौरान मुकदमा दर्ज किया  गया था , तत्कालीन एसपी ने  जयहिंद को थाने में पेश होने के  आदेश देकर  उन्हें  वही से वापिस भेज दिया था लेकिन अब  साढ़े चार साल बाद इस सरकार ने फिर से उस मामले को जीवित कर दिया जिसमे कोर्ट में पेशी के दौरान खुद  कोर्ट ने सरकार और प्रशासन को इस बात पर फटकार लगायी की आखिर साढ़े चार साल तक सब कहा सो रहे थे। 

पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अकेले जायेंगे विधानसभा 

नवीन जयहिंद ने कहा की  बेरोजगारों की मांग को उठाने अब अकेले ही चंडीगढ़ जायेंगे।  जयहिंद ने बताया  की विधानसभा पहुंच कर वो मुख्यमंत्री के सामने बेरोजगार युवाओ, वृद्धा , विधवा और विकलांग पेंशन और समाज के हित से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाएंगे।  साथ ही CET क्वालीफाई करने , HTET को आजीवन काल के लिए करने, पुरानी पेंशन लागू करने  और भर्ती कैलेंडर जारी करने का मुद्दा भी अब विधानसभा में उठाया जायेगा। साथ ही जयहिन्द ने बताया कि हरियाणा की भर्तियों में बाहर राज्यो से आने वाले बच्चो को ज्यादा नंबर क्यों दे रही है सरकार। जबकि हरियाणा में खुद 5 लाख से ज्यादा बच्चे बेरोजगार घूम रहे है।

सोनू मलिक को क्यों जेल में डाला ?

जैसा कि आप जानते है कि पिछले दिनों नवीन जयहिन्द को रोहतक पीजीआई में चल रही नर्सिंग भर्ती में हो रहे भ्र्ष्टाचार के खिलाफ बेरोजगार युवाओं की आवाज़ उठाने पर जेल में डाल दिया गया था। 8 दिनों बाद नवीन जयहिन्द को तो जमानत मिल गयी लेकिन बेकसूर सोनू मालिक मोखरा जमानत नही मिली

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