‘‘पिछले बजट सत्र में पारित हुआ हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022’’- गृह मंत्री अनिल विज

‘‘इस अधिनियम के नियमों को बनाकर इसकी अधिसूचना की गई जारी’’- अनिल विज
‘‘अधिनियम के तहत किसी दबाव, लालच, शादी का झांसा देकर, या किसी ओर प्रकार से डरा या धमका करके कोई किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता’’-विज

चण्डीगढ़, 20 दिसंबर- हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि पिछले बजट सत्र के दौरान हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 को पारित कर दिया गया था और इस अधिनियम के नियमों को बनाकर इसकी अधिसूचना अब जारी कर दी गई है।

श्री विज आज यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत किसी दबाव, लालच, शादी का झांसा देकर, या किसी ओर प्रकार से डरा या धमका करके कोई किसी का धर्म परिवर्तन नही ंकर सकता। इस बारे में आज सारे देश मंे आवाज उठ रही है तथा माननीय उच्चतम न्यायालय भी इस बारे में अपनी चिंता जाहिर कर चुका है कि कोई जबरदस्ती व उल्लंघन करके किसी का धर्म-परिवर्तन नहीं करवा सकता हैं।

अधिनियम के आने से समाज में बहुत ज्यादा सोहार्द व सदभाव तथा सुकुन भी मिलेगा- विज

श्री विज ने कहा कि इस अधिनियम के आने से समाज में बहुत ज्यादा सोहार्द व सदभाव व सुकुन भी मिलेगा। इस अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई स्वेच्छा से अपना धर्म-परिवर्तन करना चाहता है तो संबंधित जिला के उपायुक्त को आवेदन किया जाएगा और उपायुक्त उसका नोटिस देकर उसकी जांच करवाएंगें। यदि उपायुक्त संतुष्ट होते हैं तो वह स्वेच्छा कर धर्म परिवर्तन कर रहा है तो उसको मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि धर्मपरिवर्तन के संबंध मंे मामले आते रहते हैं और हाल ही में सोनीपत जिले का एक मामला आया है और इस अधिनियम के तहत उनको दर्ज किया जा सकेगा।

अधिनियम के तहत 5 से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है- विज

श्री विज ने धर्म परिवर्तन के संबंध में दी जानी वाली सजा के बारे में कहा कि इस अधिनियम के तहत 5 से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी इस संबंध में शिकायत करेगा तो उसकी जांच करके कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के मामले आते हैं और गत दिनों फरीदाबाद जिले का एक मामला हुआ था उसमें आरोपी को सजा भी दिलाई जा चुकी है। इस अधिनियम के बन जाने से लोग ओर ज्यादा इसके बारे में बता पाएंगें।

उन्होंने बताया कि ये कानून इसलिए बनाना पडा कि समाज इसका विरोध कर रहा है कि किसी का भी जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए। श्री विज ने कहा कि हमारे संविधान में सभी धर्म के लोगों को अपने धर्म के तहत आयोजन करने की स्वीकृति दी है और इस अधिनियम का इस प्रकार से कोई तालुल्क नहीं हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई लालच, दवाब, झांसा या गैर-कानूनी कार्य करके शादी करता है तो ऐसे मामले में ही कार्यवाही की जाएगी।

‘हमें सभी के धार्मिक चिन्हों का सम्मान करना चाहिए’’- विज

श्री विज ने कहा कि हमें सभी के धार्मिक चिन्हों का सम्मान करना चाहिए और कोई भी पिक्चर, ड्रामा, पुस्तक, लेख समाज को संदेश देने वाला होना चाहिए और कोई भी ऐसी कार्यवाही नहीं करनी चाहिए जो दूसरों की भावनाओं के साथ खिलवाड करती हों।

उल्लेखनीय है कि गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस अधिनियम में याचिकाकर्ता की अपनी आय तथा प्रतिवादी की आय को ध्यान में रखकर भरण-पोषण तथा कार्यवाही के खर्चों तथा कार्यवाही के दौरान ऐसी मासिक भरण-पोषण राषि का याचिकाकर्ता को भुगतान करने के लिए प्रतिवादी को आदेश दे सकता है। न्यायायल, विवाह से जन्मे अवस्यक बालक को कार्यवाही के दौरान बालक के बेहतर हित में भरण-पोषण तथा कार्यवाही के खर्चें ऐसे व्यक्ति के माध्यम से भुगतान करने के लिए प्रतिवादी को आदेश देगा, जो न्यायालय उचित समझे।

इसके अलावा, यदि धर्म परिवर्तित करने के लिए व्यक्ति अवयस्क हैं तो दोनों माता-पिता या जीवित माता-पिता, जैसी भी स्थिति हो, घोषणा प्रस्तुत करेगा। ऐसे ही, कोई धार्मिक पुजारी तथा या कोई व्यक्ति, जो अधिनियम के अधीन धर्म परिवर्तन का आयोजन करना चाहता है तो जिला, जहां ऐसा परिवर्तन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है, के जिला मैजिस्ट्रेट से पूर्व में नोटिस देगा, और पूर्व नोटिस प्राप्त होने पर जिला मैजिस्ट्रेट, ऐसे पूर्व नोटिस व घोषणा की पावती देगा। जिला मैजिस्ट्रेट अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर तुरंत ऐसे नोटिस या घोषणा की प्रति लगाएगा तथा धर्म परिवर्तन समारोह आयोजित करने क लिए आक्षेप, यदि कोई हो, आंमत्रित करेगा। जिला मैजिस्ट्रेट सभी घोषणा या नोटिस को धर्म-परिवर्तन के रजिस्टर मे ंदर्ज करवाएगा। इसी तरह, जिला मैजिस्टेªट ऐसे धर्म परिवर्तन पर लिखित आक्षेपों की प्राप्ति पर, ऐसे अधिकारी या एजेंसी द्वारा सत्यापित तथा मामले की जांच कराएगा।

ऐसे ही, जिला मैजिस्ट्रेट यदि संतुष्ट हो जाता है कि धर्म परिवर्तन इच्छापूर्वक है तथा किसी मिथ्या निरूपण, बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, प्रपीडन, प्रलोभन या किन्हीं कपटपूर्ण साधनों द्वारा या विवाह द्वारा या विवाह करने के प्रयोजन के बिना है, में उस आशय का प्रमाण-पत्र जारी करेगा। जिला मैजिस्ट्रेट के किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, संबंधित मण्डल आयुक्त के सम्मुख आदेश की प्रमाणित प्रति की प्राप्ति की तिथि से तीन दिन के भीतर अपील दायर कर सकता है। जहां किसी संस्था या संगठन के मामलों का प्रभारी व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो जिला मैजिस्ट्रेट ऐसी संस्था या संगठन के पंजीकरण के रदकरण के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुरोध करेगा। ऐसे संस्था या संगठन के मामलों क प्रभारी व्यक्ति को दिए गए दंड के आदेश की प्रमाणित प्रति सहित जिला मैजिस्ट्रेट अनुरोध प्राप्त करने पर सक्षम प्राधिकारी ऐसे संस्था या संगठन का पंजीकरण तुरंत रदद करेगा।

बिलावल भुटटो, मल्लिकार्जुन खडगे सहित राहुल गांधी और कांग्रेस के अधिकतर नेता एक ही सोच के आदमी-विज

बिलावल भुटटो, मल्लिकार्जुन खडगे सहित राहुल गांधी और कांग्रेस के अधिकतर नेता एक ही सोच के आदमी है और सबका डीएनए एक ही है, क्योंकि जो पाकिस्तान बोलता है फिर ये हमारे विपक्ष के मित्र बोलते हैं और जो चीन बोलता है वहीं ये बोलते हैं।

भारत जोडो यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के आदेश जारी-विज

राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्हेांने कहा कि उनका हरियाणा में स्वागत हैं, और मैंने अपने विभाग को उनकी यात्रा के रूट व कार्यक्रमों के संबंध में सूची मांगने कहा है, सबकी सुरक्षा व्यवस्था करने के आदेश जारी कर दिए है।

टाइटलर दिल से कांग्रेस व राहुल गांधी के साथ जुडा हुआ है- विज

कांग्रेस की भारत जोडो यात्रा में जगदीश टाइटलर के जुडने के संबंध मंे पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘वो दिल से कांग्रेस व राहुल गांधी के साथ जुडा रहा है, और उसके आज कहने की कोई नई बात नहीं हैं, जब 1984 के दंगे हुए हैं, तब से वो कोर्ट की नजरों में धूल डालने व समाज को बताने के लिए, लेकिन वो कांग्रेस के साथ जुडा हुआ है और कांग्रेस ने उसे कभी भी अलग घोषित नहीं किया। इतने सारे आरोप लगने के बाद भी उन्होंने (कांग्रेस) ने उनके साथ प्यार-मोहब्बत रखी है।

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