-कमलेश भारतीय हरियाणा हमेशा सबसे हटकर करने वाला प्रदेश है । यह हरियाणा ही है जिसने राजनीति में जुगाड़ व दलबदल का रास्ता सारे देश को दिखाया । आज दलबदल सबसे बड़ा राजनीतिक खेला बन चुका है । कहा जाये तो राष्ट्रीय खेल अब हाॅकी न रहकर दलबदल माना जा सकता है । एकसाथ पूरे का पूरा मंत्रिमंडल बदल जाने का स्वर्णिम कीर्तिमान हरियाणा के नाम ! राज्यपाल की ठुड्डी पकड़कर विरोध करने का कीर्तिमान हरियाणा के नाम ! एक ही दिन में अनेक बार दल बदलने का कीर्तिमान हरियाणा के नाम और फिर बन गयी आयाराम गयाराम की राजनीति ! वैसे चौ देवीलाल का न्याययुद्ध क्या कम रहा ? सच में ही इसने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया था । अब हरियाणा एक और नयी राह दिखाने जा रहा है -राजनीति और यात्राओं का संगम ! राजनीति और यात्राओं का संगम वैसे तो नया नहीं लेकिन इधर देश में यात्राओं का चलन काफी कम हो गया है क्योंकि वाट्स अप यूनिवर्सिटी से सभी राजनीतिक दल अपना प्रचार करने के लिए आईटी प्रकोष्ठ पर या फिर प्रशांत किशोर जैसी मेनेजमेंट कम्पनियों पर निर्भर करने लगे हैं । कौन जनता से सीधे संवाद में समय गंवाये और दाढ़ी बढ़ाये ? फिर भी कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी ने यह जोखिम उठाया । कन्याकुमारी से पदयात्रा शुरू की । अच्छे भले स्मार्ट राहुल हरियाणा पहुंचने तक दाढ़ी वाले बाबा में बदल चुके हैं और भाजपा आईटी प्रकोष्ठ यह तंज कसने में नहीं चूक रहा कि नरेंद्र मोदी जैसी दाढ़ी रखने से कोई राजनेता नहीं बन जाता ! यह तो जनता ने देखना है कि किसकी दाढ़ी किसकी दाढ़ी से ज्यादा जोरदार है ! अब राहुल की यात्रा हरियाणा में प्रवेश करने जा रही है । कांग्रेसजन तैयारियों में जुटे हैं , सारे मतभेद , गिले शिकवे एकतरफ रखकर ! इससे प्रभावित होकर राज्यसभा सदस्य व युवा नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भी घोषणा की है कि वे राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के बाद हरियाणा जोड़ो यात्रा शुरू करेगे ! इस तरह अब हरियाणा में यात्राओं का सिलसिला जारी रहने वाला है । इसमें कोई स्टाॅप नहीं लगने वाला है , यह अनलिमिटेड रहने वाला है । जनता के द्वार हर नेता पहुंचने वाला है । यहीं बस नहीं । इनेलो नेता अभय चौटाला ने भी नूंह से परिवर्तन यात्रा शुरू करने की घोषणा की है । यह यात्रा अगले वर्ष बीस फरवरी को शुरू होगी और चौ देवीलाल की जयंती पर संपन्न होगी । यानी इनेलो सन् 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा के माध्यम से जनता के बीच रहेगी । अब इन यात्राओं का हरियाणा में कितना असर विधानसभा चुनाव पर होगा ? यह देखने व इंतजार करने वाली बात है ! फिर भी हरियाणा में यात्राओं के मौसम का स्वागत् !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation छतीसगढ की प्रभारी मेरा कर्तव्य, लेकिन मातृभूमि हरियाणा प्राथमिकता-कुमारी सैलजा भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस मजबूत होगी : प्रो सम्पत सिंह