ब्रह्माकुमारीज है भारतीय सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों की संवाहक – डॉ. वीरेंद्र कुमार
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार

10 दिसम्बर 2022, गुरुग्राम – ब्रह्माकुमारीज पूरे विश्व में आध्यात्मिक शक्ति के प्रबल केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। दुनिया के देशों ने चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न कर ली हो। लेकिन आध्यात्मिक चेतना की दृष्टि से भारत सबसे महान है। उक्त विचार भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में व्यक्त किए।ओम शांति रिट्रीट सेंटर के 21 वें वार्षिक उत्सव के अंतर्गत स्वर्णिम समाज के उदय के लिए आध्यात्मिकता विषय पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस परिसर में आने मात्र से ही अद्भुत ऊर्जा का आभास होता है। उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। ब्रह्माकुमारीज मन की सच्ची शांति प्राप्त करने की सहज विधि बताती है। माननीय मोदी जी ने योग को आज विश्व के 190 देशों में फैला दिया है। दुनिया में भारत की संस्कृति को बहुत ऊंची दृष्टि से देखा जाता है। विदेशी युवा आज भारत की संस्कृति को अपना रहे हैं। माननीय मंत्री जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज बहनें बड़ी ही तन्मयता के साथ भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का प्रचार और प्रसार कर रही हैं।

एमिटी विश्वविद्यालय, हरियाणा के प्रो वाइस चांसलर डॉ. विकास मधुकर ने कहा कि बिना संस्कार के शिक्षा अधूरी है। इसलिए आज सरकार भी शिक्षा में नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता देने जा रही है। उन्होंने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में व्यवहारिक विज्ञान जरूरी है। इसके आधार पर ही हम डिग्री प्रदान करते हैं।

ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि ओम शांति रिट्रीट सेंटर ने 21 वर्षों में समाज के हर वर्ग की सेवा की। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व का सिरमौर बनाना ब्रह्माकुमारीज का मुख्य उद्देश्य है। आज हर क्षेत्र में प्रगति हो रही है। लेकिन चरित्र में दिनों दिन गिरावट आ रही है। आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही मानव के अंदर चारित्रिक और नैतिक मूल्यों का विकास हो सकता है। आध्यात्मिकता का असली माध्यम परमपिता परमात्मा ही है।

योग करते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार

नेपाल के ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र की निदेशिका बीके राज दीदी ने अपनी शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारत के प्राचीन राजयोग की आज सबको आवश्यकता है। नेपाल में राजसत्ता से जुड़ी महान हस्तियां भी योग सीखने के लिए सेवा केंद्र में आती हैं। उन्होंने कहा कि भौतिक रूप से संपन्न होने के बावजूद भी लोग परेशान हैं। जिसका मूल कारण आंतरिक शक्तियों का अभाव है।

ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने कहा कि असली समाज सेवा एक-दूसरे के मनोबल को बढ़ाना है। आज ज्यादातर युवा तनाव के शिकार हो रहे हैं। अगर उन्हें श्रेष्ठ चरित्र जीने की प्रेरणा दी जाए। तो उनके जीवन में सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण पैदा होगा। खुशहाल समाज के लिए नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य जरूरी हैं।

योग करते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार

दिल्ली, शक्ति नगर सेवा केंद्र प्रभारी बीके चक्रधारी ने कहा कि चरित्र की गरीबी ही वास्तव में सबसे बड़ी है। नैतिक उत्थान ही असली विकास है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ने रसिया जैसे कम्युनिस्ट देश में भी आध्यात्मिक शक्ति का दीप जगाया है। क्योंकि आध्यात्मिकता ही जीवन में सच्ची सुख-शांति प्रदान कर सकती है।

दिल्ली, करोल बाग सेवा केंद्र प्रभारी बीके पुष्पा ने कहा कि आत्मिक शक्ति के विकास से ही हम बाह्य परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

दिल्ली, खानपुर सेवा केंद्र प्रभारी बीके आशा ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि समाज सेवा सिर्फ कोई भौतिक रूप से ही नहीं होती। बल्कि अपने व्यवहार से दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनना भी सेवा है। आज भौतिक साधन होते हुए भी लोग दुखी हैं। जिसका कारण कहीं न कहीं संस्कारों की गुलामी है। वर्तमान समय समाज में मूल्यों की ज्यादा आवश्यकता है।

कार्यक्रम के प्रति अखिल भारतीय महिला सम्मलेन की अध्यक्ष शीला काकड़े ने भी अपनी शुभ कामनाएं व्यक्त की।

बीके रजनी ने सभी को योग की गहन अनुभूति कराई।

मंच संचालन बीके हुसैन और बीके ईशु ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में संस्था के सदस्य मौजूद थे।

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