वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़, 2 दिसंबर : हरियाणा विधान सभा की ओर से 5 दिसंबर को विधायकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस सत्र में विधायकों को बजट में प्रस्तावित अनुदानों के अध्ययन करने के वैज्ञानिक तरीके और राज्यों में वित्तीय प्रबंधन की बारीकियां सिखाई जाएंगी। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट साकेत सूर्य और कार्यक्रम अधिकारी मानस गुब्बी दो सत्रों में यह प्रशिक्षण देंगे। इस दौरान विधायकों की शंकाओं का समाधान भी किया जाएगा।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बजट में संबंधित विभागों की अनुदानों की मांगों का अध्ययन करने के लिए गत बजट सत्र में विभागीय स्थायी समितियों का गठन किया गया था। इन समितियों ने बजट प्रावधानों का काफी बारीकी से अध्ययन किया। प्रदेश के बजट को अंतिम रूप देने में इन समितियों ने काफी अहम भूमिका निभाई थी। इस कार्य को और प्रभावी बनाने के लिए विधान सभा निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमों में भी संशोधन किया गया है। अब नियमों का विस्तार कर इनमें 190-क से 190-ट तक 11 नए नियम जोड़े गए हैं।

इसी कड़ी में विधायकों को बजट अध्ययन के लिए और अधिक सक्षम बनाने के लिए 5 दिसंबर को पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जा रहा है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद की अध्यक्षता में होने वाले इस सत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधान सभा उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहेंगे। विधान सभा सचिवालय की ओर से प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को निमंत्रण भेजा गया।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि जनता के प्रतिनिधियों के रूप में विधायकों की 3 प्रमुख भूमिकाएं होती हैं। वे राज्य में बनने वाले कानूनों पर चर्चा कर उन्हें पारित करते हैं। दूसरा, सुशासन सुनिश्चित करने के लिए सरकार के कामकाज पर नजर रखते हैं। और तीसरा बजट के जरिए सार्वजनिक संसाधनों के प्रभावी आबंटन को सुनिश्चित करते हैं। नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार के उद्देश्य से इस सरकारी धन को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, सामाजिक कल्याण, पुलिस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाता है। विधायक यह जांच करते हैं कि इस धन का ठीक से उपयोग हो रहा है या नहीं। इस विषय में उन्हें पारंगत बनाने के उद्देश्य से 5 दिसंबर को प्रशिक्षण सत्र का आयोजित किया जा रहा है।

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